जानिए क्रिकेट में नेट रन रेट क्या है और इसका कैलकुलेशन  कैसे करें

साल 1992 वनडे विश्व कप के दौरान नेट रन रेट या NRR की शुरुआत हुई थी। इसका इस्तेमाल मल्टी-टीम राउंड-रॉबिन फॉर्मेट प्रतियोगिताओं के दौरान क्रिकेट में टाई-ब्रेकर के रूप में किया जाता है।

6 मिनटद्वारा शिखा राजपूत
Cricket
(Getty Images)

क्रिकेट में नेट रन रेट (NRR) की शुरुआत साल 1992 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में हुए एकदिवसीय विश्व कप में हुई थी। तभी से, नेट रन रेट मल्टी-टीम टूर्नामेंट में सबसे पसंदीदा टाई-ब्रेकर पद्धति बन गई है, जहां राउंड-रॉबिन लीग फॉर्मेट का इस्तेमाल किया जाता है।

लीग फुटबॉल में गोल अंतर की तरह ही, क्रिकेट में एनआरआर का उपयोग अनिवार्य रूप से कई टीमों को रैंक करने के लिए किया जाता है। जब वे अंकों और जीते गए मैचों की संख्या जैसे अन्य मानदंडों पर समान होते हैं।

नेट रन रेट का इस्तेमाल ज्यादातर सीमित ओवरों के क्रिकेट (50 ओवर के वनडे, T20 और T10) में किया जाता है, क्योंकि यह टूर्नामेंट के दौरान टीम के प्रदर्शन का एक अच्छा संकेतक है। हालांकि, टेस्ट क्रिकेट में, जहां खेले गए ओवरों का महत्व ज्यादा नहीं होता है। वहां, एनआरआर का अधिक उपयोग नहीं होता है।

हालांकि यह कुछ हद तक मुश्किल लग सकता है, लेकिन किसी भी टीम के नेट रन रेट की कैलकुलेशन करना बहुत आसान है।

कैसे निकाला जाता है नेट रन रेट

किसी मैच में किसी टीम के नेट रन रेट की गणना उस मैच में प्रति ओवर बनाए गए रनों की औसत संख्या से उस टीम द्वारा प्रति ओवर दिए गए रनों की संख्या को घटाकर की जाती है। तो, इसका मतलब यह हुआ कि मैच में टीम के रेन रेट को विपक्षी टीम के रन रेट से घटाकर किसी एक टीम का नेट रन रेट हासिल किया जाता है।

किसी मैच में किसी टीम के नेट रन रेट को निकालने का फॉर्मूला इस प्रकार है:

नेट रन रेट (NRR) = मैच में टीम द्वारा बनाए गए रन को मैच में टीम द्वारा खेले गए ओवरों की संख्या से विभाजित किया जाता है, फिर प्राप्त हुई संख्या को विपक्षी टीम द्वारा बनाए गए रन को मैच में विपक्षी टीम द्वारा खेले गए ओवरों की संख्या से विभाजित करने के बाद घटाया जाता है।

उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि एक वनडे मैच में, भारत ने न्यूजीलैंड के ख़िलाफ़ निर्धारित 50 ओवरों में पांच विकेट पर 287 रन बनाए और फिर कीवी टीम को 50 ओवरों में आठ विकेट पर 213 रनों पर ही रोक दिया।

तो इस मैच में भारतीय क्रिकेट टीम का नेट रन रेट होगा: 287/50 (5.74) - 213/50 (4.26) = +1.48

जब कोई टीम मैच हार जाती है तो उस मैच के लिए उसका एनआरआर नेगेटिव में होगा। सबसे ज्यादा एनआरआर हमेशा अच्छा होता है।

इसी प्रकार, पूरी प्रतियोगिता के दौरान टीम के नेट रन रेट की गणना इस फॉर्मूले से की जा सकती है।

नेट रन रेट (एनआरआर) = किसी प्रतियोगिता में टीम द्वारा बनाए गए रन को उस प्रतियोगिता में टीम द्वारा खेले गए ओवरों की कुल संख्या से विभाजित किया जाता है, फिर प्राप्त हुई संख्या को उस टीम के खिलाफ विपक्षी टीमों द्वारा बनाए गए रन को विपक्ष द्वारा खेले गए ओवरों की संख्या से विभाजित करने के बाद घटाया जाता है।

बनाए गए रनों को खेले गए ओवरों से विभाजित करके रन रेट कैलकुलेट किया जाता है। अगर कोई टीम पूरे निर्धारित ओवर बल्लेबाजी नहीं कर पाती है तो ऐसी सूरत में खेली गई गेंदों की संख्या को छह से विभाजित किया जाता है। इसलिए, यदि कोई टीम मैच में 47.2 ओवर खेलती है, तो कुल स्कोर को 47.2 से विभाजित नहीं किया जाएगा। इसकी जगह, फ्रैक्शन वैल्यू का इस्तेमाल किया जाएगा। चूंकि क्रिकेट में एक ओवर में छह गेंदें होती हैं, इसलिए यह टीम द्वारा 47 और 1/3 ओवर या 47.33 ओवर खेलने के बराबर होगी।

हालांकि, विचार करने योग्य कुछ प्वॉइंट हैं। यदि कोई टीम निर्धारित ओवरों के पूरे कोटे से कम में ऑल आउट हो जाती है, तो नेट रन रेट कैलकुलेट करने के दौरान यह माना जाता है कि टीम ने अपने हिस्से के पूरे ओवर खेल लिए हैं।

यदि बारिश या अन्य देरी के कारण मैच का समय कम कर दिया जाता है और चेजिंग टीम के लिए डकवर्थ-लुईस-स्टर्न (DLS) नियम के तहत लक्ष्य निर्धारित किया जाता है, तो एनआरआर की गणना करते समय संशोधित लक्ष्य और ओवरों की संख्या पर विचार किया जाएगा।

उदाहरण के लिए, भारत ने दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ T20 मैच में 19.3 ओवर में 180/7 रन बनाए। बारिश की रुकावट के बाद दक्षिण अफ्रीका को डीएलएस नियम के तहत 15 ओवर में 152 रन का लक्ष्य दिया गया। तो, इस मामले में एनआरआर की गणना करते समय, यह माना जाएगा कि भारत ने 15 ओवर में 151 रन बनाए।

यदि कोई मैच बारिश या किसी भी वजह से बीच में रुक जाता है, लेकिन उस मैच का डीएलएस पार स्कोर के आधार पर पूर्वप्रभावी परिणाम प्राप्त होता है, तो डीएलएस नियम द्वारा फिर से गणना की जाती है, जिसे एनआरआर गणना के दौरान शामिल किया जाता है।

बिना किसी निश्चित रिजल्ट वाले रद्द मैचों को एनआरआर के लिए मान्य नहीं किया जाता है।

एनआरआर कैसे काम करता है: उदाहरण से समझें

शायद सबसे मशहूर, या सटीक उदाहरणों में से एक जहां नेट रन रेट का मैच में अहम भूमिका थी, वह इंग्लैंड में 1999 वनडे क्रिकेट विश्व कप का सेमीफाइनल था। एजबेस्टन में दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक टाई मैच खेला गया।

उस समय सुपर ओवरों का कोई प्रावधान नहीं होने की वजह से, टूर्नामेंट के सुपर सिक्स स्टेज में नेट रन रेट के माध्यम से फाइनलिस्ट का निर्धारण किया गया था। दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलियाई टीम के बराबर जीत ही हासिल करने के बावजूद, ऑस्ट्रेलिया (+0.36) की तुलना में कम एनआरआर (+0.17) के कारण फाइनल में जगह बनाने में नाकामयाब रहा था।

यहां बताया गया है कि 1999 वनडे विश्व कप के सुपर सिक्स स्टेज में दक्षिण अफ्रीका का एनआरआर +0.17 कैसे माना गया था।

प्रोटियाज ने सुपर सिक्स स्टेज में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कुल तीन मैच खेले। इसके अतिरिक्त, भारत और जिम्बाब्वे के ख़िलाफ़ उनके पूल A मैचों के नतीजों पर भी अंतिम सुपर सिक्स स्टैंडिंग निर्धारित करने के लिए विचार किया गया, जिन्होंने पूल A से दक्षिण अफ्रीका के साथ टूर्नामेंट में सुपर सिक्स स्टेज में जगह बनाई थी।

यहां दक्षिण अफ्रीका के सभी मैचों और रिजल्ट की लिस्ट दी गई है, जिन्हें अंतिम सुपर सिक्स स्टैंडिंग के लिए माना गया था।

प्रोटियाज ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 49 ओवर और न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 50-50 ओवर खेले। चूंकि वे जिम्बाब्वे के ख़िलाफ़ 47.2 ओवर में 185 रन पर ऑलआउट हो गए, इसलिए यह माना गया कि उन्होंने 50 ओवर में 185 रन बनाए। भारत के ख़िलाफ़, प्रोटियाज 47.2 ओवरों में 254 रन बनाने में सफल रही, या यूं कहें 47.33 ओवरों में, क्योंकि फ्रैक्शन वैल्यू यहां मानी गई थी।

तो, कुल मिलाकर दक्षिण अफ्रीका ने 246.33 (49+50+50+47.33+50) ओवर में 1218 (221+287+271+254+185) रन बनाए।

वहीं, टीम ने 249.67 (50+50+49.67+50+50) ओवर में 1191 (220+213+272+253+233) रन दिए। ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 49.4 ओवर में उनके 272/5 को लगभग 49.67 ओवर में 272 माना गया।

इस प्रकार, नेट रन रेट फॉर्मूला का इस्तेमाल करते हुए, दक्षिण अफ्रीका का एनआरआर है - 1218/246.33 (4.94) - 1191/249.67 (4.77) = +0.17

से अधिक