एथलीटों की नई पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए, भारत के ट्रैक एंड फील्ड स्टार नीरज चोपड़ा ने शनिवार को स्विट्जरलैंड के लुसाने में स्थित ओलंपिक म्यूजियम को टोक्यो 2020 में स्वर्ण पदक जीतने के लिए इस्तेमाल किया हुआ अपना जैवलिन उपहार में दे दिया।
यह ओलंपिक म्यूजियम एक विरासत का कलेक्शन है, जिसका उद्देश्य ओलंपिक विरासत को सुरक्षित रखना है। इसे अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की हेरिटेज मैनेजमेंट टीम द्वारा पिछले 120 वर्षों से संभाला जा रहा है।
नीरज चोपड़ा का भाला ओलंपिक हेरिटेज कलेक्शन में बीजिंग 2008 के अभिनव बिंद्रा की स्वर्ण पदक विजेता राइफल के साथ शामिल होगा। अब दोनों भारतीय ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता ओलंपिक म्यूजियम में अपने कीर्तिमान की मौजूदगी दर्ज कराएंगे और ऐतिहासिक लम्हों को एक साथ साझा करेंगे।
नीरज चोपड़ा ने Olympics.com से बातचीत में कहा, "किसी भी एथलीट के लिए दूसरों को प्रेरित करने में सक्षम होना एक बड़े सम्मान की बात है।"
“मैं म्यूजियम में अभिनव बिंद्रा की राइफल देख सकता हूं, जो मुझे प्रेरणा देती है। मुझे उम्मीद है कि मेरे जैवलिन का असर भविष्य के एथलीटों पर भी होगा, खासकर भारतीय एथलीटों पर।"
अभिनव बिंद्रा, जो आईओसी एथलीट कमीशन के सदस्य भी हैं। उन्होंने कहा कि नीरज चोपड़ा के ऐतिहासिक प्रदर्शन ने पहले ही भारत में लाखों लोगों को प्रेरित किया है।
बिंद्रा ने कहा, "मुझे खुशी है कि उनका भाला अब ओलंपिक म्यूजियम में मेरी राइफल के साथ शामिल हो जाएगा, जो अब तक भारतीय कीर्तिमान के मामले में थोड़ा अकेला रहा है!"
ओलंपिक म्यूजियम में 90,000 से अधिक कलाकृतियां, 650,000 तस्वीरें, 45,000 घंटे के वीडियो और 1.5 किमी के ऐतिहासिक अभिलेखागार को प्रबंधित किया जाता है।
नीरज चोपड़ा ने पिछले साल भारत के लिए ट्रैक एंड फील्ड में 87.58 मीटर थ्रो के साथ ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता था। अभिनव बिंद्रा के बाद ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले वह दूसरे भारतीय थे।
इसके अलावा नीरज चोपड़ा ने पिछले महीने ओरेगन में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत के लिए पहला रजत पदक जीता था। वहीं, सितंबर में ज्यूरिख में डायमंड लीग फाइनल में मैदान में एक और इतिहास रचने का प्रयास करेंगे।