रोम में स्वर्ण पदक जीतने के बाद विनेश फोगाट बनीं दुनिया की नंबर 1 पहलवान
बैक-टू-बैक मैटियो पेलिकॉन इवेंट जीतने वाली विनेश फोगाट ने इस साल रोम में एक भी अंक नहीं गंवाया और स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।
शनिवार को रोम में खेले गए मैटियो पेलिकोन रैंकिंग सीरीज इवेंट में भारत की स्टार पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने 53 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। इस तरह उन्होंने अपने खिताब का बचाव किया।
यूक्रेन मेमोरियल मीट में अपनी जीत के बाद विनेश का ये लगातार दूसरा गोल्ड मेडल है। शुक्रवार को सरिता मोर (Sarita Mor) (57 किग्रा) ने सिल्वर मेडल जीता था, जिसके बाद भारत महिला डिवीजन में रोम में दूसरे स्थान पर रहा।
इस जीत के बाद विनेश को दो स्थानों का फायदा हुआ और वो विश्व कुश्ती की ताजा जारी रैंकिंग में अपनी श्रेणी में पहले स्थान पर आ गई हैं। वो दुनिया की तीसरे नंबर की पहलवान के रूप में इस प्रतियोगिता में शामिल हुई थीं।
टोक्यो-बाध्य विनेश फोगाट ने अभियान की शुरुआत 53 किलोग्राम राष्ट्रीय चैंपियन नंदिनी बाजीराव सलोखे (Nandini Bajirao Salokhe) के साथ की थी।
फोगाट को अगले दो मैचों में वॉकओवर मिला। पिछले साल की फाइनलिस्ट कज़ाख अयान अथमेटोवा अमानज़ोल और इक्वाडोर की लुइसा वाल्वरडे ने चोट के कारण अपने मुकाबलों के लिए मैट पर नहीं उतर सके। सेमीफाइनल में, विनेश फोगट ने कनाडा की सामंथा स्टीवर्ट को हराया।
फाइनल में विनेश फोगाट ने राष्ट्रमंडल खेल चैंपियन और विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता कनाडा की डायना वीकर (Diana Weicker) को 4-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। डायना वीकर अब दुनिया की नंबर 2 पहलवान हैं।
पहले दौर से लेकर फाइनल तक विनेश फोगाट ने अपने खिलाफ किसी भी प्रतिद्वंदी को एक भी अंक हासिल नही करने दिया।
दूसरी ओर नंदिनी सलोखे को भी वॉकओवर से फायदा हुआ लेकिन अंत में वो लड़खड़ा गईं। 23 वर्षीय पहलवान इस प्रतियोगिता में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू कर रही थीं। वो तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर डायना वीकर से सेमीफाइनल में हार गईं। नंदिनी को कांस्य पदक मैच में सामंथा स्टीवर्ट से हार का सामना करना पड़ा।
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक (Sakshi Malik) के अंतिम समय में प्रतियोगिता से बाहर होने की वजह से 62 किग्रा में भारत की कोई भी पहलवान मैट पर नहीं उतरीं। हालांकि इसकी वजह अभी साफ नहीं हो पाई है। 62 किग्रा में सोनम मलिक (Sonam Malik) ने पहले ही एक चोट के बाद अपना नाम वापस ले लिया था। उन्हें ट्रेनिंग के दौरान चोट लगी थी।
50 किग्रा में मीनाक्षी (Meenakshi) ने अपने अभियान की शुरुआत बुल्गारिया की प्रतिष्ठित यूरोपीय चैंपियन मिगलेना सेलिश्का (Miglena Selishka) के हाथों तकनीकी श्रेष्ठता से हारने के साथ की।
मीनाक्षी ने दूसरे दौर में ब्राजील की कामिला बारबोसा वीटो दा सिल्वा को 4-3 से हराया। लेकिन रियो 2016 ओलंपियन और दो बार की विश्व चैम्पियनशिप रजत पदक विजेता रोमानिया की एमिलिया अलीना वुक से तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर अंतिम दौर में हारने के बाद उनका सफर समाप्त हो गया।
पुरुषों की फ़्रीस्टाइल में कॉमनवेल्थ गेम्स के रजत पदक विजेता सत्यव्रत कादियान (Satyawart Kadian) (97 किग्रा) को क्वार्टर फ़ाइनल में तुर्की के इब्राहिम कैफ़ेटी से 8-1 से हार का सामना करना पड़ा।
इससे पहले 125 किग्रा में सुमित पहले दौर में अमेरिका के एंथनी रॉबर्ट नेल्सन से हार गए। उससे अगले दौर में तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर कनाडाई अमरवीर ढेसी से हार गए। सुमित तीसरे दौर में कज़ाख ओलेग बोल्ट को 3-1 से हराने में कामयाब रहे लेकिन कजाखस्तान के युसुप बतिरमुरजेव ने अपने अंतिम दौर में तकनीकी श्रेष्ठता से उन्हें हरा दिया।
इस हफ्ते की शुरुआत में मैटियो पेलिकोन में भारतीय पहलवानों ने पांच पदक जीते थे। चार पदक ग्रीको-रोमन में और एक महिला स्पर्धा में पदक आया था।
रोम कुश्ती प्रतियोगिता रविवार को पुरुषों के फ्रीस्टाइल राउंड के साथ समाप्त हुई।