टोक्यो 2020 में काफी कुछ पहली बार होगा, ‘मानसिक तौर पर मजबूत’ मैरी कॉम इन सभी के लिए तैयार

कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी हमारे सामने नई चुनौतियों को खड़ा कर दे रही है, इसलिए भारतीय मुक्केबाजी दिग्गज का मानना ​​​​है कि टोक्यो 2020 में मानसिक तौर पर तैयार रहना ही आपको सफलता दिलाएगा।

3 मिनटद्वारा रितेश जायसवाल
Mary Kom (51 kg) in action during  her semi final bout  at ASBC Asian Championships in Dubai on Thursday
(BFI Media)

बॉक्सिंग दिग्गज एमसी मैरी कॉम (Mary Kom) का मानना ​​है कि टोक्यो ओलंपिक में ऐसा बहुत कुछ होगा जो हमें पहली बार देखने को मिलेगा और शीर्ष प्रदर्शन करने के लिए एथलीटों को अपनी मानसिक दृढ़ता पर भरोसा करना बहुत जरूरी होगा।

मैरी कॉम ने ख़ालीज टाइम्स को बताया, “ये अभूतपूर्व समय है और वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए किसी को भी माहौल के हिसाब से ढ़लना आना चाहिए।"

“हमें धैर्य और खुद को फिट रखना चाहिए, और मैच के लिए तैयार रहना चाहिए। सभी एथलीटों ने खुद का ध्यान न रखने के परिणाम देखे हैं। हम बायो-बबल में प्रशिक्षण ले रहे हैं और इसने हमें मानसिक रूप से मजबूत बनाया है।”

उन्होंने आगे कहा, “ओलंपिक के दौरान हमारा लक्ष्य अपना सर्वश्रेष्ठ देना होता है। यह एक ऐसा ओलंपिक होगा जिसमें हमें बहुत कुछ पहली बार देखने को मिलेगा और हमें इसमें खुद को ढ़ालना होगा।”

टोक्यो 2020 से पहले भारतीय मुक्केबाजों को बहुत कम प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिला है। ऐसे में दुबई में हुई एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2021 भारत के ओलंपिक में जाने वाले मुक्केबाजों को लिए एक आशीर्वाद रही है।

भारत ने एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में टोक्यो जाने वाले सात मुक्केबाजों सहित 19 सदस्यीय टीम भेजी है, जिसमें 17 देशों के कुल 150 मुक्केबाज हिस्सा ले रहे हैं।

38 वर्षीय मैरी कॉम ने कहा, “यहां पर किया गया अच्छा प्रदर्शन आत्मबल को काफी बढ़ावा देगा, क्योंकि यह ओलंपिक से पहले आखिरी टूर्नामेंट है। इससे भी बड़ी बात यह है कि अपनी प्रगति की जांच करते हुए उन क्षेत्रों पर ध्यान देना होगा जिसपर हमें काम करने की बहुत अधिक आवश्यकता है।”

“एशिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज ओलंपिक खेलों में भी हिस्सा लेंगे, उनके यहां मौजूद होने का मतलब है कि हम कुछ सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाजों से भिड़ रहे हैं। COVID के कारण बहुत कम प्रतियोगिताएं ही हुईं हैं और ऐसे में हमें मिलने वाले अवसरों का अधिक से अधिक लाभ उठाने की आवश्यकता है।”

हालांकि, COVID-19 महामारी ने मैरी कॉम के लिए उनकी तैयारियों में काफी चुनौतियां पेश की हैं। इसलिए भारतीय दिग्गज इस बात से काफी खुश थीं कि वह एशियाई चैंपियनशिप से ठीक पहले राष्ट्रीय शिविर में लौट सकीं।

उन्होंने बताया, “पिछला साल हम सभी के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है। हमें अपने घरों में ही बंद रहना पड़ा और बाहर जाना मना था (यह काफी मुश्किल था), लेकिन हमें शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहना था।

"बीते कुछ महीनों में ट्रेनिंग करना आसान नहीं था। लेकिन जब से मैं पुणे में राष्ट्रीय शिविर में शामिल हुई हूं, मैं काफी बेहतर स्थिति में हूं। मुझे खुशी है कि दुबई आने से पहले मैं मुकाबला करने, अपनी सहनशक्ति को बढ़ाने और फिटनेस पर ध्यान रख सकी। मैं वास्तव में यहां जरूरी मैच प्रैक्टिस का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं।"

एशियन मीट में मैरी कॉम अच्छी फॉर्म में नज़र आ रही हैं और वह महिलाओं के 51 किग्रा वर्ग के फाइनल में जगह बनाने में सफल रही हैं। छह बार की विश्व चैंपियन का सामना रविवार को फाइनल मुकाबले में कजाकिस्तान की दो बार की विश्व चैंपियन नाजिम किज़ायबे (Nazym Kyzaibay) से होगा।

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