जानें टोक्यो ओलंपिक में मनिका बत्रा के पदक जीतने की संभावनाएं और प्रमुख प्रतिद्वंदियों के बारे में

रियो 2016 के ओलंपिक में डेब्यू करने के बाद से मनिका बत्रा ने कई मुकाबले अपने नाम किए हैं। जहां उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन रैंक के माध्यम से अच्छा प्रदर्शन किया है। वहीं, अब उनकी नजर टोक्यो 2020 गेम्स पर है।

5 मिनटद्वारा सतीश त्रिपाठी
मनिका ने शीर्ष क्रम की दूसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी के रूप में क्वालीफाई किया।
(2018 Getty Images)

टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) में भारत की तरफ से मनिका बत्रा (Manika Batra) भारतीय टेबल टेनिस में महिला एकल मुकाबले का नेतृत्व करेंगी। आपको बता दें कि टेबल टेनिस की दुनिया में मनिका बत्रा 63वें नंबर पर काबिज हैं।

यह भी बताते चलें कि साल 2018 में टेनिस की दुनिया में मनिका बत्रा ने हलचल मचा दी थी। जब उन्होंने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स (2018 Commonwealth Games) में शानदार प्रदर्शन करते हुए बड़ी उपलब्धि हासिल की। जहां बत्रा ने इस स्पर्धा में सिंगापुर के खिलाफ महिला एकल का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। वहीं, इस जीत के बाद मनिका को भारत में एक नए स्टार के रूप में देखा जाने लगा है।

इसके साथ ही कुछ महीने बाद, उन्होंने अनुभवी खिलाड़ी शरत कमल (Sharath Kamal) के साथ 2018 एशियन गेम्स (2018 Asian Games) में कांस्य पदक जीता। जिसके बाद उन्होंने खुद को एशिया में शीर्ष प्रतिभागियों में से अपनी एक पहचान हासिल की।

वहीं, साल 2018 में मनिका बत्रा को उनके शानदार प्रदर्शन की वजह से ITTF के ‘ब्रेकथ्रू स्टार’ खिताब से सम्मानित किया गया। बता दें कि यह अवार्ड जीतने वाली वह पहली भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं। इसके साथ ही मनिका ने ITTF वर्ल्ड टूर इवेंट्स (ITTF World Tour events) में लगातार अपना शानदार प्रदर्शन बरकरार रखा।

बताते चलें कि इस भारतीय टेबल टेनिस स्टार के पास पहले से ही ओलंपिक खेल का अनुभव है। जहां उन्होंने रियो 2016 में हिस्सा लिया था। हालांकि इस 21 वर्षीय खिलाड़ी को पहले राउंड में बाहर होना पड़ा था।

मनिका बत्रा अब अपने एशियन क्वालीफायर में दूसरे ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी हैं। जहां उनके पास ओलंपिक मेडल हासिल करने का मौका है, उन्हें राउंड ऑफ 32 में जगह बनाने के लिए शुरुआती राउंड से गुजरना होगा। जहां शीर्ष खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा करना शुरू करते हैं। हालांकि मनिका बत्रा इन सब चीजों से अनजान नहीं हैं, लेकिन फिर भी उन्हें टोक्यो 2020 में मुश्किल मुकाबलों का सामना करना पड़ सकता है।

मीमा इतो (जापान)

प्रमुख उपलब्धियां: रियो 2016 कांस्य पदक विजेता (महिला टीम) और आठ ITTF वर्ल्ड टूर खिताब।

क्या चीज उन्हें खास बनाती है? आपको बता दें कि ओलंपिक में महिला टेबल टेनिस में चीन का दबदबा रहा है, लेकिन इस बार उन्हें कोई भी स्वर्ण पदक हासिल करने के लिए मुश्किल प्रतिभागियों से सामना करना पड़ेगा। मनिका को मीमा इतो (Mima Ito) के खिलाफ सावधान रहना होगा, बताते चलें कि मीमा इतो ने अपने सबसे ज्यादा मुकाबले चीन के खिलाफ ही जीते हैं।

जहां मीमा इतो को चीनी टेबल टेनिस खिलाड़ियों के लिए एक बेहतरीन प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखा जा रहा है। आपको बता दें कि रियो 2016 में मीमा ने महिला टीम को कांस्य पदक दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी। जिसके बाद मीमा इतो सबसे कम उम्र की ओलंपिक पदक विजेताओं में से एक बन गईं।

यही नहीं, मीमा इतो महज 14 साल की उम्र में दुनिया की शीर्ष 10 खिलाड़ियों में शामिल हो गईं थी, और अब वो टोक्यो ओलंपिक के लिए तीसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी हैं।

बताते चलें कि अभी भी उनकी उम्र केवल 20 वर्ष है। वहीं, मीमा इतो ने अपने ओलंपिक वर्ष की शुरुआत धमाकेदार अंदाज में की। जहां उन्होंने मार्च में कतर के दोहा में डब्ल्यूटीटी कंटेंडर (WTT Contender) और डब्ल्यूटीटी स्टार कंटेंडर (WTT Star Contender) खिताब जीता और जापान नेशनल चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई।

चेन मेंग (चीन)

प्रमुख उपलब्धियां: चेन चार बार के IITF वर्ल्ड टूर ग्रैंड फाइनल चैंपियंस (2017, 2018, 2019, 2020) हैं; ITTF वर्ल्ड कप चैंपियन (2020); और विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता (2019) हैं।

क्या चीज उन्हें खास बनाती है? चेन मेंग (Chen Meng) ने साल 2011 में वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप (World Junior Championships) का खिताब अपने नाम किया। इसके बाद उन्होंने 2013 में टॉप-10 में शामिल होते ही वो दुनिया की शीर्ष खिलाड़ियों में शामिल हो गईं।

वहीं, चीनी टीम ने उन्हें रियो 2016 में जगह देने से साफ इनकार कर दिया। जिसके बाद चेन मेंग ने साल 2017 और 2018 में ITTF वर्ल्ड टूर ग्रैंड फाइनल (ITTF World Tour Grand Finals) जीतकर धमाकेदार वापसी की और 2018 में पहली बार दुनिया की नंबर 1 खिलाड़ी बन गई।

वहीं, जून 2019 के बाद से चेन मेंग ने वर्ल्ड टूर ग्रैंड खिताब पर अपना दबदबा बनाए रखा, और 2019 और 2020 में फिर खिताब जीता। इसके साथ ही उन्होंने लगातार चार ITTF वर्ल्ड ग्रैंड फाइनल का खिताब अपने नाम किया।

इसके बाद चेन मेंग ने साल 2020 में अपना दमखम दिखाया, जहां उन्होंने अपना पहला ITTF महिला विश्व कप खिताब (ITTF Women’s World Cup) और अपनी ITTF ग्रैंड टूर फाइनल (ITTF Grand Tour Finals ) जीत के साथ, ऑल चाइना नेशनल चैंपियनशिप (All China National Championships) का खिताब भी अपने नाम किया।

हालांकि उन्होंने साल 2021 में कोई मुकाबला नहीं खेला है, क्योंकि चीन ने कुछ टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले लिया था। फिलहाल चेन मेंग 27 साल की उम्र में ओलंपिक में डेब्यू करेंगी।

एड्रियाना डियाज (प्यूर्टो रिको)

प्रमुख उपलब्धियां: दो बार की पैन अमेरिकन चैंपियन (2019, 2020)

क्या चीज उन्हें खास बनाती है? एड्रियाना डियाज़ (Adriana Diaz) रियो 2016 में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली महिला प्यूर्टो रिको टेबल टेनिस खिलाड़ी थी। जब वो सिर्फ 15 साल की थीं। इसके साथ ही वो टोक्यो ओलंपिक के लिए 16वीं वरीयता प्राप्त हैं। एड्रियाना डियाज अब विश्व रैंकिंग में सर्वोच्च रैंकिंग वाली गैर-एशियाई खिलाड़ी हैं।

बता दें कि एड्रियाना ने अपने शुरुआती दिनों में चीन में ट्रेनिंग ली थी। जिसके बाद एड्रियाना डियाज ने ITTF वर्ल्ड टूर (ITTF World Tour) इवेंट्स में अपना शानदार प्रदर्शन दिखाया और प्यूर्टो रिको में इस खेल को लोकप्रिय बनाने में मदद की।

वहीं, वह 2019 में पैन अमेरिकन गेम्स (Pan American Games) जीतने वाली पहली प्यूर्टो रिको खिलाड़ी बनीं और 2020 में अपने खिताब को डिफेंड किया। साथ ही एड्रियाना डियाज को चीन और जापान जैसे एशियाई देशों के खिलाफ एक प्रमुख विपक्षी के तौर पर माना जा रहा है। हालांकि वो मनिका बत्रा के लिए भी एक मुश्किल प्रतियोगी बन सकती हैं।

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