टोक्यो ओलंपिक में भारत की पदक उम्मीदवार विनेश फोगाट और उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वियों के बारे में जानें
क्या विनेश फोगाट रियो ओलंपिक में साक्षी मलिक के बराबर जैसा प्रदर्शन कर पाएंगी, या उनसे बेहतर कर सकती हैं? जानें टोक्यो में वूमेंस 53 किग्रा वर्ग में वर्ल्ड नंबर-1 महिला पहलवान से किसका सामना होगा।
टोक्यो 2020 के लिए अपना टिकट बुक करने वाली पहली भारतीय पहलवान विनेश फोगाट भारत के लिए सबसे बड़े पदक उम्मीदवारों में से एक के रूप में उभरी हैं।
यह दावा इस बात को ध्यान में रखते हुए भी किया जा सकता है, कि विनेश फोगाट महिलाओं के 53 किग्रा फ्रीस्टाइल रेसलिंग कैटेगरी में मौजूदा विश्व नंबर-1 पहलवान हैं।
26 वर्षीय पहलवान ने कजाकिस्तान के नूर-सुल्तान में हुई 2019 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में अपना ओलंपिक स्थान पक्का किया, और साथ ही कांस्य पदक जीतकर वर्ल्ड चैंपियनशिप इवेंट में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
उसके बाद से दो बार के राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट अपनी बेहतरीन फॉर्म में हैं, और कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के संकट से पहले आयोजित हुए चार इवेंट में उन्होंने पोडियम स्थान हासिल किया।
इस पहलवान ने 2020 एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था, और रोम में माटियो पेलिकोन टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक। 2021 में उन्होंने उज्बेकिस्तान के अलमाटी में हाल ही में अपने पहले एशियन चैंपियन खिताब पर दावा करने से पहले माटियो पेलिकोन के ताज का बचाव किया था।
उत्तर कोरिया के ओलंपिक खेलों से अपना नाम वापस लेने के साथ ही मौजूदा विश्व चैंपियन पाक योंग-मी भी बाहर हो गई हैं, जिससे विनेश फोगाट को बड़ा फायदा मिल सकता है।
ये सभी सकारात्मक संकेत विनेश फोगाट को साक्षी मलिक के रियो 2016 में किए गए प्रदर्शन की बराबरी या उससे बेहतर करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद इस भारतीय पहलवान को अपनी महत्वाकांक्षाओं को साकार करने के लिए कुछ कठिन प्रतिद्वंद्वियों का सामना करना होगा।
मायू मुकाइडा (जापान)
शीर्ष उपलब्धियां: दो बार की विश्व चैंपियन (2016, 2018) और एक पूर्व युवा ओलंपिक चैंपियन (2014)
क्या उन्हें इतना खास बनाता है? मायू मुकाइडा महिलाओं की कुश्ती में एक उभरती हुई सितारा हैं और उन्हें जापान की कुश्ती दिग्गज साओरी योशिदा के उत्तराधिकारी के रूप में माना जाता है। वह विनेश फोगाट के लिए सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वियों में से एक बनकर उभरी हैं, और इस भारतीय पहलवान को तीन मुकाबलों के बाद इस जापानी रेसलर को हराना होगा।
हालांकि, COVID-19 संक्रमण के फैलने के बाद से मायू मुकाइडा ने बहुत सारे अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उनकी बेहतरीन फॉर्म चौंकाती रही है।
मुकाइडा ने 2019 और 2020 एशियाई चैंपियनशिप के साथ-साथ 2019 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था, और 2018 में जापान चैंपियनशिप और विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक पर दावा भी किया था।
रूस में 2015 के गोल्डन ग्रांड प्रिक्स के बाद से मायू मुकाइडा किसी भी अंतरराष्ट्रीय इवेंट में शीर्ष दो से कमतर रहते हुए बाहर नहीं हुई हैं।
टोक्यो 2020 के दौरान घरेलू मैदान यह जापानी रेसलर भी एक चमकता हुआ सितारा बनने के लिए अपना पूरा जोर लगाएगी।
पैंग कियानयु (चीन)
शीर्ष उपलब्धियां: दो बार की विश्व चैंपियनशिप कांस्य पदक विजेता (2018, 2019) और पूर्व एशियाई चैंपियन (2016)
आखिर क्या उन्हें इतना खास बनाता है? हालांकि, पैंग कियानयु का जीत का ट्रैक-रिकॉर्ड मुकाइडा के जैसा नहीं रह है, लेकिन विनेश फोगाट और चीनी पहलवान में काफी कड़ी टक्कर देखने को मिली है।
दोनों के बीच अतीत में कई रोमांचक मुकाबले देखने को मिले हैं, विनेश फोगाट ने 2019 एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के लिए इस चीनी प्रतिद्वंद्वी को हराया था।
अपने पिछले पांच मुकाबलों में पैंग कियानयु ने तीन कांस्य पदक जीते हैं, जिसमें 2019 विश्व चैंपियनशिप, इटली में 2020 माटेओ पेलिकोन टूर्नामेंट और दिसंबर में बेलग्रेड में इंडिविजुअल वर्ल्ड कप शामिल हैं।
सोफिया मैटसन (स्वीडन)
शीर्ष उपलब्धियां: ओलंपिक कांस्य पदक विजेता (रियो 2016), विश्व चैंपियन (2009) और चार बार की यूरोपियन चैंपियन (2010, 2013, 2014, 2016)
आखिर क्या उन्हें इतना खास बनाता है? रियो 2016 की 53 किग्रा वर्ग में पदक विजेता सोफिया मैटसन टोक्यो में सबसे अनुभवी दावेदारों में से एक बनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
31 साल की होने के बावजूद यह पहलवान अपने शानदार ट्रैक रिकॉर्ड की वजह से जापान में पदक की बड़ी दावेदार होंगी।
2019 विश्व चैंपियनशिप के पहले राउंड में विनेश फोगाट ने सोफिया को हराया था, लेकिन मैटसन उसके बाद से अच्छी फॉर्म में हैं।
सोफिया मैटसन ने स्वीडन में 2019 क्लीपन लेडी ओपन में रजत पदक, रोम 2020 यूरोपीय चैंपियनशिप में कांस्य और फ्रांस में 2021 हेनरी डगलन ग्रैंड प्रिक्स में स्वर्ण पदक हासिल किया था।
अप्रैल में हंगरी के बुडापेस्ट में यूरोपीय ओलंपिक क्वालिफिकेशन टूर्नामेंट में स्वीडन की इस पहलवान ने पोडियम पर शीर्ष स्थान हासिल किया और इसी के साथ टोक्यो के लिए अपना टिकट भी सुनिश्चित किया।
इन तीन रेसलर के अलावा, मंगोलियाई पहलवान बैट-ओशिरिन बोलोर्टुया, पोलैंड की रोकसाना ज़सीना और बेलारूस की वनेसा कलादज़िंस्काया भी टोक्यो में विनेश फोगाट के लिए चुनौती होंगी। इन चुनौती को अगर विनेश पार कर लेती हैं, तो भारत की झोली में मेडल पक्का है।