वनडे क्रिकेट में सामान्य से कम स्कोर बनाना शायद किसी भी क्रिकेट टीम के लिए बुरे सपने से कम नहीं है। जिम्बाब्वे और यूएसए क्रिकेट टीमों के पास संयुक्त रूप से पुरुष क्रिकेट में वनडे में सबसे कम स्कोर का रिकॉर्ड दर्ज है जो कि सिर्फ 35 रन का है।
5 अप्रैल 2004 को हरारे स्पोर्ट्स क्लब में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए क्रिकेट मैच में जिम्बाब्वे ने इस अनचाहे रिकॉर्ड को अपने नाम किया। यह सीरीज़ का तीसरा वनडे मैच था।
श्रीलंका की टीम ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का निर्णय लिया। कप्तान मार्वन अटापट्टू के फैसले का उनके तेज गेंदबाजों ने पूरा साथ दिया और चमिंडा वास (चार), फरवेज महारूफ (तीन) और दिलहारा फर्नांडो (दो) ने मिलकर जिम्बाब्वे के नौ विकेट लिए। जबकि एक बल्लेबाज रन आउट के द्वारा आउट हुआ।
डियोन इब्राहिम सात रन के साथ जिम्बाब्वे के शीर्ष स्कोरर रहे। श्रीलंका ने 9.2 ओवर में जीत का लक्ष्य हासिल कर लिया।
वनडे क्रिकेट में 16 साल बाद एक अन्य टीम ने इस अनचाहे रिकॉर्ड की बराबरी की। दरअसल, 12 फरवरी 2020 को, संयुक्त राज्य अमेरिका की पुरुष क्रिकेट टीम त्रिभुवन विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट ग्राउंड में नेपाल के खिलाफ 35 रन पर आउट हो गई, जो संयुक्त रूप से वनडे में सबसे कम स्कोर है।
मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए यूएसए की टीम नेपाल के लेग स्पिनर संदीप लामिछाने की फिरकी गेंदों का सामना नहीं कर सकी और मात्र 35 रनों पर ऑल आउट हो गई।
मैच में संदीप लामिछाने ने 16 रन देकर 6 विकेट लिए। उनके साथी स्पिनर सुशान भारी ने चार विकेट चटकाए। इस तरह से संयुक्त राज्य अमेरिका के सभी दस बल्लेबाज स्पिनर का शिकार बने। सलामी बल्लेबाज जेवियर मार्शल 16 रन बनाकर यूएसए के शीर्ष स्कोरर रहे। नेपाल ने दो विकेट खोकर 5.2 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया।
जिम्बाब्वे और संयुक्त राज्य अमेरिका के इस भुला देने वाले बल्लेबाजी प्रदर्शन से पहले, एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे कम स्कोर का रिकॉर्ड कनाडा के नाम था, जिसने दक्षिण अफ्रीका में आईसीसी पुरुष एकदिवसीय क्रिकेट विश्व कप 2003 मैच के दौरान पार्ल में श्रीलंका के खिलाफ 36 रन बनाए थे।
श्रीलंका के खिलाफ कनाडा का 36 रन अभी भी वनडे विश्व कप क्रिकेट में सबसे कम स्कोर है।
कनाडा वनडे क्रिकेट में 50 से कम का स्कोर दर्ज करने वाली पहली टीम भी थी। मैनचेस्टर में 1979 विश्व कप मैच में इंग्लैंड द्वारा कनाडा की पूरी पुरुष राष्ट्रीय क्रिकेट टीम को मात्र 45 रन पर पवेलियन वापस भेज दिया गया था।
दिलचस्प बात यह है कि मैच में कनाडा के लिए सर्वाधिक 21 रन बनाने वाले फ्रैंकलिन डेनिस को हिट-विकेट के ज़रिए आउट दिया गया था - जो कि उस समय क्रिकेट में एक दुर्लभ बात थी।
वनडे क्रिकेट में भारत का सबसे कम स्कोर 54 रन है जो कि 29 अक्टूबर 2000 को शारजाह क्रिकेट स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ दर्ज किया गया था। चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में सनथ जयसूर्या के 189 रनों की शानदार पारी के बाद श्रीलंका ने 299 रन बनाए।
इसके जवाब में भारतीय टीम 54 रन पर ऑल आउट हो गई। उस समय भारतीय बल्लेबाजी क्रम में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और युवराज सिंह जैसे दिग्गज बल्लेबाज शामिल थे। उस मैच में रॉबिन सिंह 11 रन के निजी स्कोर के साथ दहाई का आंकड़ा पार करने वाले एकमात्र भारतीय बल्लेबाज थे।