भारत की वनडे वर्ल्ड कप जीत: 1983 में लॉर्ड्स में रचा इतिहास और 2011 में घरेलू मैदान पर दूसरी बार बने विश्व विजेता

भारत क्रिकेट खेलने वाले उन तीन देशों की सूची में शामिल है जिन्होंने एक से अधिक बार एकदिवसीय विश्व कप जीता है।

6 मिनटद्वारा रौशन प्रकाश वर्मा
Indian cricket team at the ODI World Cup 2011.
(Getty Images)

भारतीय क्रिकेट टीम करीब पिछले 50 सालों से, ख़ासकर सीमित ओवरों के प्रारूप में, एक मज़बूत टीम रही है। एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय (ODI) विश्व कप में दो बार जीत के बाद खेल में भारत का दबदबा बढ़ा है!

वनडे विश्व कप पहली बार साल 1975 में आयोजित किया गया था और तब से लेकर अब तक भारत ने सभी 13 संस्करणों में हिस्सा लिया है। क्रिकेट विश्व कप टूर्नामेंट का आयोजन चार साल में एक बार किया जाता है और अब यह 50 ओवर के प्रारूप में खेला जाता है।

भारत ने कितनी बार वनडे विश्व कप जीता है?

भारत ने दो बार वनडे वर्ल्ड कप जीता है। भारतीय टीम को पहली जीत साल 1983 में मिली थी जहां भारत ने फाइनल में वेस्टइंडीज को हराया था। भारत को दूसरा वनडे विश्व कप जीतने में करीब तीन दशक का समय लगा और साल 2011 क्रिकेट विश्व कप क फाइनल में श्रीलंका को हराकर उन्होंने दूसरी बार विश्व विजेता का ख़िताब अपने नाम किया।

आपको बता दें कि इंग्लैंड में खेला गया साल 1975 का पहला एकदिवसीय विश्व कप 60 ओवर के प्रारूप में खेला गया था। वैश्विक स्तर की प्रतियोगिता में यह भारत की पहली उपस्थिति थी। श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन की अगुवाई वाली भारतीय क्रिकेट टीम पहले राउंड में एक जीत और दो हार के साथ बाहर टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी।

वनडे विश्व कप में भारत ने अपना पहला मैच, 7 जून को लॉर्ड्स में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ खेला था। इस मैच में सुनील गावस्कर ने 174 गेंदों पर सिर्फ 36 रन बनाकर नाबाद रहे थे। 

क्रिकेट विश्व कप के अगले संस्करण का आयोजन भी साल 1979 में इंग्लैंड में हुआ। लेकिन, यहां भी भारतीय टीम कोई बड़ी सफलता नहीं हासिल कर सकी और ग्रुप स्टेज के अपने सभी तीन मैच हारकर पहले राउंड में ही टूर्नामेंट से बाहर हो गई।

भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 1983 में पहली बार एकदिवसीय क्रिकेट विश्व कप जीता। भारतीय कप्तान कपिल देव ने इंग्लैंड में विश्व कप अभियान में बेहद अहम भूमिका निभाई।

भारत को डिफेंडिंग चैंपियन वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया और जिम्बाब्वे के साथ ग्रुप बी में रखा गया था। भारतीय क्रिकेट टीम ने चार मैचों में जीत और दो में हार के साथ पहली बार एकदिवसीय विश्व कप प्रतियोगिता में पहले राउंड से आगे बढ़ने में कामयाबी हासिल की।

भारतीय टीम ने मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले गए सेमीफाइनल में मेज़बान इंग्लैंड को छह विकेट से हराकर फाइनल में जगह बनाई जहां उनका सामना वेस्टइंडीज से हुआ था। 

1983 विश्व कप फाइनल में, पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय क्रिकेट टीम सिर्फ 183 रन ही बना सकी। लेकिन, भारत ने सधी हुई और अनुशासित गेंदबाजी करते हुए वेस्टइंडीज को सिर्फ 140 रनों पर रोक दिया, जिसकी बदौलत भारतीय टीम ने क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान में पहली बार एकदिवसीय विश्व कप ट्रॉफी उठाई। 

मोहिंदर अमरनाथ को फाइनल में तीन विकेट लेने और 26 रन बनाने के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। वहीं, विश्व कप के इस संस्करण में 18 विकेट लेने वाले भारत के रोजर बिन्नी सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे।

साल 1983 में वनडे विश्व कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम।

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साल 1987 के विश्व कप में भारत अपने ख़िताब को डिफेंड करने का प्रबल दावेदार था, जिसकी मेज़बानी संयुक्त रूप से भारत और पाकिस्तान ने की थी। हालांकि, तत्कालीन मौजूदा चैंपियन के रूप में प्रतियोगिता की शुरुआत करने वाली भारतीय टीम को बॉम्बे (अब मुंबई) के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए सेमीफाइनल में इंग्लैंड से हार का सामना करना पड़ा। आपको बता दें कि यह पहली बार था जब वनडे विश्व कप 50 ओवर के प्रारूप में खेला गया था।

साल 1992 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में हुए विश्व कप में भारतीय क्रिकेट टीम का प्रदर्शन एक बार फिर से बहुत ख़राब रहा और वे पहले राउंड में ही बाहर हो गए। भारत ने पहले राउंड दो जीत दर्ज की जबकि पांच मैचों में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। इसके अलावा एक मुक़ाबला बेनतीजा रहा था। साल 1996 के संस्करण में टीम ने सेमीफाइनल तक का सफ़र तय किया लेकिन कलकत्ता (अब कोलकाता) के ईडन गार्डन्स में उन्हें उस संस्करण की विश्व विजेता टीम श्रीलंका से शिकस्त का सामना करना पड़ा। भारत ने साल 1999 में सुपर सिक्स स्टेज तक का सफर तय किया।

साल 2003 में, क्रिकेट विश्व कप की मेज़बानी दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे और केन्या के हाथों में थी, जहां भारतीय टीम दूसरी बार फाइनल में जगह बनाई। लेकिन जोहान्सबर्ग के वांडरर्स स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया से हारकर उन्हें उपविजेता बनकर ही संतोष करना पड़ा। 

विश्व कप के इस संस्करण में सचिन तेंदुलकर ने 673 रन बनाए, जो टूर्नामेंट के एक संस्करण में किसी खिलाड़ी द्वारा बनाए गया सबसे अधिक रन हैं। उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी चुना गया था।

2007 विश्व कप में भी भारत का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। इसके बाद साल 2011 में घरेलू मैदान पर खेलते हुए में भारत ने चैंपियन की तरह ऑलराउंड शानदार प्रदर्शन के साथ दूसरी बार विश्व विजेता होना का गौरव हासिल किया। श्रीलंका के ख़िलाफ़ फाइनल खेलने से पहले, भारतीय टीम को सिर्फ एक मैच में हार झेलनी पड़ी थी। 

फाइनल मैच में श्रीलंका ने छह विकेट गंवाकर 274 रन बनाए, जिसके जवाब में गौतम गंभीर और एमएस धोनी की बेहतरीन बल्लेबाजी की मदद से भारत 4 विकेट पर 277 बनाकर जीत दर्ज की। गौतम गंभीर ने 97 रन बनाए और कप्तान धोनी 91 रन बनाकर नाबाद रहे। महेंद्र सिंह धोनी ने प्रतियोगिता का आख़िरी छक्का लगाकर भारत को मुंबई के प्रतिष्ठित वानखेड़े स्टेडियम में जीत दिलाई।

सचिन तेंदुलकर ने पूरे टूर्नामेंट में 482 रन बनाए और वह वनडे विश्व कप के इतिहास में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। विश्व कप में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कुल 2,278 रन बनाए हैं।

2011 वनडे विश्व कप फाइनल में विजयी रन बनाने के बाद युवराज सिंह के साथ जश्न मनाते हुए एमएस धोनी।

(Getty Images)

वनडे विश्व कप के 2015 और 2019 संस्करण में भारत सेमीफाइनल में हारकर बाहर हो गया। 2019 विश्व कप में 648 रनों के साथ रोहित शर्मा सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे।

साल 2023 में, भारत ने टूर्नामेंट में अपना दबदबा कायम किया लेकिन फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा। अहमदाबाद में फाइनल तक, भारतीय क्रिकेट टीम लगातार 10 मैच जीतकर अजेय थी। विराट कोहली (765), एक नए रिकॉर्ड के साथ, और रोहित शर्मा (597) क्रिकेट विश्व कप 2023 में सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे, जबकि मोहम्मद शमी (24) शीर्ष विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। लेकिन फाइनल मुकाबले में उनके प्रयास जीत दिलाने के लिए काफी नहीं थे।

वनडे वर्ल्ड कप में भारतीय क्रिकेट टीम का प्रदर्शन

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