रेसिंग ड्राइवर से लेकर पैरा टेबल टेनिस पदक विजेता तक, जानें जेडी मदन ने कैसे बनाया पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलने का इरादा
जेडी मदन ने 2021 में नेशनल पैरा टेबल टेनिस चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। कार दुर्घटना से पहले वो एक रेसिंग ड्राइवर थे, जिन्हें दुर्घटना के बाद लकवा मार गया था।
कहते हैं जहां चाह है वहीं राह है। भारत के पूर्व रेसिंग ड्राइवर जेडी मदन (JD Madan) का खेल के प्रति ऐसा लगाव था, कि लकवे जैसे गंभीर हादसे भी उनके इरादों को डगमगा नहीं पाए।
किस्मत ने जेडी मदन को अपना खेल बदलने पर मजबूर कर दिया। जो व्यक्ति चेन्नई के पास रेसिंग ट्रैक में तेज़ रफ्तार से ड्राइव करना पसंद करता था, जो आगे चलकर 'हॉबी रेसर' बनना चाहता था, उनके लिए ऊपर वाले ने कुछ और ही योजना बनाई थी, जेडी मदन अब 44 साल के हो गए हैं।
2007 में एक दुर्घटना में मदन को सीने से नीचे लकवा मार गया था। वो उस समय मुंबई में एक बिजनेस ट्रिप पर थे, ये जानते हुए भी कि शहर का यातायात उन्हें प्रभावित कर सकता था।
मदन के जीने और खेल से जुड़े रहने की तलाश दुर्घटना के बावजूद जारी रही। टोक्यो 2020 पैरालंपिक में पूर्व रेसिंग ड्राइवर एक नए खेल के साथ लौट आए हैं। अब वो टेबल टेनिस में अपनी कला दिखाएंगे और मिशन पेरिस 2024 पैरालंपिक की तैयारी भी करेंगे!
जेडी मदन ने इसी साल मार्च में मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित पैरा नेशनल टेबल टेनिस चैंपियनशिप में रजत पदक भी जीता है। वहीं पैरा टूर्नामेंट में भाविना पटेल (Bhavina Patel) ने महिला टेबल टेनिस फाइनल में सोनल पटेल (Sonal Patel) को मात दी। दोनों पटेल अब टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों में प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।
क्लास 1 की श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करते हुए मदन के टेबल टेनिस का सफर सिर्फ छह महीने पुराना है। अपनी दुर्घटना से पहले, जेडी मदन चेन्नई में सिंगल-सीटर ओपन-व्हील रेस कारों में प्रतिस्पर्धा करने वाले 'हॉबी रेसर' थे। इन रेसों में वो पोडियम पर भी पहुंचे हैं।
टेनिस उनको सबसे ज्यादा पसंद था। मदन ने छह साल की उम्र में टेनिस रैकेट उठाया था और लगभग हर दिन खेला जब तक कि दुर्घटना ने उन्हें व्हीलचेयर पर नहीं भेज दिया। लेकिन इससे खिलाड़ी बने रहने की उनकी इच्छा खत्म नहीं हुई।
जेडी मदन ने Olympics.com से कहा, "अगर आप टेनिस खेलने के लिए पूछेंगे, तो वे आपको बताएंगे कि वो टेबल टेनिस भी खेल सकते हैं।" "मैं उसी खेल भावना के जैसा एक तरीका ढूंढ रहा था। आप गेंद को हिट करते हैं, टाइमिंग, उसे सही जगह पर हिट करना, ये खेल भी कुछ वैसा ही है। मैं इसी तरह की चीज़ को महसूस करने के लिए कुछ करना चाहता था।
जेडी मदन ने बताया, "तो मैंने टेनिस की कोशिश की, और मैं इतना कमजोर था कि मैं इसका आनंद लेने के लिए कुर्सी को मुश्किल से धक्का दे पाता था।"
COVID-19 की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के दौरान जेड़ी मदन ने अपने स्थानीय क्लब में टेबल टेनिस की ओर रुख किया, वहां वह सप्ताह में लगभग पांच बार खेलने में सक्षम रहे। उन्होंने महसूस किया कि वो बिना थके या संघर्ष किए फिर से "टाइमिंग का आनंद" ले सकते हैं।
जेडी मदन ने आगे कहा, "मैंने कुछ YouTube वीडियो देखे और मैंने कहा 'वाह! ऐसा लगता है कि मैं पहले से ही इस तरह खेल रहा हूं!' मेरा मतलब है कि उसमें सब कुछ ठीक दिख रहा था।"
“अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलना बहुत कठिन है। मैंने कुछ ओलंपिक वीडियो देखें, और मुझे लगा कि वे जो कुछ भी कर रहे हैं, मैं भी वो सब कर सकता हूं।
जेडी मदन ने फिर बिना किसी उम्मीद के साथ पैरा नेशनल टेबल टेनिस चैंपियनशिप में प्रवेश किया, जहां एक समय में एक मैच ही होते थे।
जेडी मदन ने माना कि, "कोरोना की वजह से जो मदद मिली, वो ये थी कि उस समय जितने खिलाड़ियों को भाग लेना था वो नहीं ले पाए।" "तो कम प्रतिस्पर्धा थी। लेकिन मैं भाग लेने वालों से कुछ भी नहीं चाह रहा था।"
आखिरी बार उन्होंने लगभग 15 साल पहले पेशेवर रूप से रेसिंग में भाग लिया था। इस मार्च में पैरा टेबल टेनिस नेशनल्स में जेडी मदन को फाइनल मैच में हार का सामना करना पड़ा। वो स्वर्ण पदक के मैच में हरियाणा के संदीप डांगी (Sandeep Dangi) से 3-0 से हार गए लेकिन ये परिणाम उनके जिंदगी में उतना मायने नहीं रखता था।
जेडी मदन ने कहा, "मैं वहां जाने और नए लोगों से मिलने के लिए उत्साहित था, यहां अलग अलग स्टैंडर्ड पर टेबल टेनिस खेलना ज्यादा महत्वपूर्ण था, आप बहुत कुछ सीखते हैं।" “टूर्नामेंट वास्तव में अच्छी तरह से आयोजित किया गया था। और उन्होंने हमें इस विशाल स्टेडियम में खेलने दिया। पैरालंपिक में भी ऐसा ही स्टेडियम होता है ना? ये आपको अपने लय में बने रहने के लिए प्रेरित करता है, है ना?"
जेडी मदन के लिए ये बिल्कुल नया खेल था। लेकिन उनका कहना है कि एक दशक लंबा मोटरस्पोर्ट अनुभव, दूसरों के खिलाफ खेलने और गलती न करने की कोशिश करने के लिए प्रोत्साहित करता है। टेनिस में उन्हें अपने टीटी खेल को तेजी से बेहतर करने में मदद की।
"टेनिस में टॉपस्पिन, स्लाइस और फ्लैट होता है और टेबल टेनिस में भी ऐसा होता है। तो टेबल टेनिस में, आप जानते हैं कि गेंद कहाँ घूम रही है, गेंद का कर्व और स्पीड आप समझ सकते हैं’’।
जेडी मदन अब पेरिस 2024 पैरालिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक रास्ता तैयार कर रहे हैं। वो आत्मविश्वास महसूस करते हैं और खुद को वहां पहुंचाने के योग्य बनाने के बारे में सोचते हैं। मदन इस दौरान कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेलने का इरादा रखते हैं और वर्तमान में इसके लिए पैसे इकठ्ठा कर रहे हैं।
और वो इन सब का आनंद ले रहे हैं।