आत्मविश्वास से भरीं रेसलिंग सनसनी सोनम मलिक ओलंपिक में करना चाहती हैं शानदार प्रदर्शन
2016 रियो ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक को पछाड़ने के बाद, भारतीय युवा पहलवान अपने आत्मविश्वास के दम पर टोक्यो 2020 के मैट पर उतरने के लिए उत्साहित हैं।
भारतीय पहलवान सोनम मलिक (Sonam Malik) को भरोसा है कि ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक (Sakshi Malik) पर उनकी जीत ने उन्हें ओलंपिक सपने को पूरा करने के लिए विश्वास दिया है।
19 वर्षीय सोनम ने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं (National Championship) और राष्ट्रीय ट्रायल्स (National trails) में शानदार जीत हासिल करने के बाद अंतर्राष्ट्रीय अखाड़े में प्रतिस्पर्धा करने का आत्मविश्वास पाया है। इस महीने के शुरू में एशियन ओलंपिक रेसलिंग क्वालिफायर्स में कोटा जीतने के बाद सोनम ने टोक्यो 2020 में अपनी जगह पक्की कर ली थी।
सोनम मलिक ने ओलंपिक चैनल से बात करते हुए कहा, "मेरे लिए, ये ऐसा था, जैसा अगर साक्षी दीदी ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर सकती हैं, तो भी मैं कर सकती हूं।" मेरे पास उनके खिलाफ उनसे आगे निकलने का एक अच्छा मौका था। मैं हमेशा उस मानसिकता के साथ अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में गई हूं और इससे बहुत मदद मिली है।”
ये भारतीय रेसलिंग की सनसनी पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा में बनी रही हैं, उन्होंने 62 किग्रा भार वर्ग में घरेलू सर्किट में शानदार प्रदर्शन किया है। इस दौरान साक्षी मलिक ने भी अब तक के सभी मुकाबलों में भाग लिया है, लेकिन सोनम मलिक के प्रदर्शन ने उन्हें हमेशा आगे रखा है।
हालांकि सोनम को वैश्विक स्तर पर अपना प्रदर्शन दिखाने का बहुत कम मौका मिला है। एशियन क्वालिफायर में दूसरा स्थान हासिल करना उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। बावजूद इसके सोनीपत की ये पहलवान टोक्यो ओलंपिक में उतरने से पहले बेपरवाह हैं।
दो बार की विश्व कैडेट चैंपियन सोनम ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि प्रतियोगिताओं में जाने का मुझ पर कोई दबाव है। कोच चाहते हैं कि मैं खुद के गेम का आनंद लूं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूं,” “मैं अपना 100 प्रतिशत देना चाहती थी, जिससे ये सुनिश्चित हो गया कि मैं ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुकी हूं।”
उन्होंने कहा, "हां, यह निराशाजनक है जब आप टीम के साथ जाते हैं और आपको खाली हाथ लौटना पड़ता है जबकि दूसरे पहलवान पदक जीतते हैं। लेकिन मेरा ध्यान हर बार मुझे मौका मिलने पर अपना सर्वश्रेष्ठ देने पर रहा है।
“मेरा पहला लक्ष्य हमेशा ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करना रहा है। मैंने हर दूसरे इवेंट को क्वालिफायर की तैयारी के रूप में देखा है। मुझे खुशी है कि जब अपने बेहतर प्रदर्शन की जरूरत थी तब मैं ऐसा कर सकी।
ओलंपिक खेलों के शुरू होने में 100 दिनों से भी कम समय बचा है और सोनम मलिक सबसे बड़े मंच पर प्रदर्शन से पहले अपना लय बरकरार रखना चाहती हैं।
लेकिन भारत में COVID-19 की स्थिति को देखते हुए ओलंपिक में भाग लेने वाले एथलीटों का जीवन कठिन होता जा रहा है, इसलिए सोनम पिछले साल के अपने अनुभव से प्रेरणा ले रही हैं।
सोनम ने बताया, “ये महामारी शुरुआत में चौंकाने वाला था। मैं उदास थी। मैंने पिछले साल क्वालिफायर के लिए अच्छी तैयारी की थी और इवेंट से पहले लॉकडाउन की घोषणा हो गई थी।”
“लेकिन फिर जब मैंने अपने कोचों और अपने माता-पिता से बात की, तो उन्होंने मुझे खुद को बेहतर बनाने के लिए कुछ और समय देने के लिए कहा। शुक्र है कि मेरी ट्रेनिंग कभी नहीं रुकी।
“मेरे भाई ने मुझे अच्छी तरह से ट्रेनिंग में मदद की। मैंने किसी परेशानी के बिना ट्रेनिंग जारी रख पाई। मुझे लगता है कि मैं आज जहां हूं, उसके लिए मैंने बहुत समय लगाया है।”