युवा पहलवान सोनम मलिक और अंशु मलिक ने किया ओलंपिक के लिए क्वालिफाई
युवा भारतीय पहलवानों ने एशियन ओलंपिक रेसलिंग क्वालिफायर्स में शानदार प्रदर्शन करते हुए ओलंपिक कोटा हासिल किया।
युवा भारतीय महिला पहलवान अंशु मलिक (Anshu Malik) और सोनम मलिक (Sonam Malik) ने शनिवार को एशियन रेसलिंग ओलंपिक क्वालिफायर में सराहनीय प्रदर्शन के बाद अपनी ओलंपिक में भागीदारी को पुष्टि की। अब को टोक्यो ओलंपिक में विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) के साथ ओलंपिक रेसलिंग टीम में शामिल हो गई हैं।
उनकी जीत का मतलब है कि भारत टोक्यो 2020 में कम से कम छह पहलवानों को अंखाड़े में उतारेगा। इससे पहले 2019 विश्व रेसलिंग चैंपियनशिप में विनेश फोगाट (53 किग्रा), रवि कुमार दहिया (Ravi Kumar Dahiya) (57 किग्रा, फ्रीस्टाइल), बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) (65 किग्रा, फ्रीस्टाइल) और दीपक पूनिया (Deepak Punia) (86 किग्रा, फ्रीस्टाइल) ने ओलंपिक कोटा जीता था।
हालांकि ओलंपिक कोटा देश को मिलता है, लेकिन रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की नीति में कहा गया है कि कोटा विजेता ही समर ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
इससे टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक (Sakshi Malik) की उम्मीदें खत्म हो गई। सोनम ने साक्षी को 62 किलोग्राम वर्ग में हराकर क्वालिफायर में अपनी जगह बनाई थी।
कजाखस्तान के अल्माटी में कल्चर एंड स्पोर्ट्स बलुआन शोलक पैलेस में अंशु मलिक ने 57 किग्रा डिवीजन में तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर जीत हासिल की और ओलंपिक कोटा हासिल कर लिया।
अंशु ने शुरुआती दौर में दक्षिण कोरिया के उम जी-यूं को 10-0 से हराया और सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाने के लिए स्थानीय आशा एम्मा टिसिना के खिलाफ 10-0 से जीत हासिल की।
19 वर्षीय अंशु ने इसके बाद 2018 यूथ ओलंपिक के रजत पदक विजेता उज्बेकिस्तान के शोखिदा अखामेदोवा को 12-2 से हराकर अपना टोक्यो कोटा हासिल कर लिया।
यह उपलब्धि और भी खास हो जाती है, क्योंकि अंशु शनिवार की रात को ही अलमाटी पहुंची थीं।
अंशु मलिक ने यूनाइटेड रेसलिंग को बताया, "मेरा वजन अधिक था और मुक़ाबले के शुरू होने के सात घंटे पहले ही अलमाटी पहुंची थीं।" “मैं वजन कम करने के लिए ताशकंद में हवाई अड्डे पर दौड़ रही थी। मैं बस यही चाहती थी, कि मैं टोक्यो के लिए क्वालिफाई करूं।
62 किलोग्राम भार वर्ग में सोनम मलिक छह अंकों से पिछड़ रही थीं, उसके बाद उन्होंने शानदार वापसी की और कजाकिस्तान की अय्युलम कासिमोवा को 9-6 से हराकर टोक्यो का अपना टिकट कंफर्म कर लिया। 18 साल की सोनम ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला पहलवान हैं।
सोनम ने अपने क्वालिफायर की शुरुआत चीन की जिया लांग के खिलाफ 5-2 से जीत के साथ की और फिर चीनी ताइपे के हसीन पिंग पई को 11-0 से हराकर तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर जीत हासिल की।
लेकिन सेमीफाइनल में सोनम को कासिमोवा ने सिर्फ 24 सेकेंड में 6-0 की बढ़त बनाकर हैरान कर दिया। हालांकि, भारतीय ने शानदार तरीके से वापसी की और अपने सपने को सकार किया।
घुटने में चोट के कारण सोनम मुक़ाबले के अधिकांश भाग में लड़खड़ाती हुई नज़र आईं। फिर भी वो लगातार कासिमोवा के पैरों पर आक्रमण कर अपनी झोली में अंक डाल रही थीं।
26 वर्षीय अय्युलम कासिमोवा ने जल्द ही मुक़ाबले में अपनी पकड़ खो दी। सोनम मलिक ने अपने शक्तिशाली हमलों के साथ मैच में वापसी की और टेकडाउन के जरिए मुक़ाबले को अपना नाम कर लिया।
सोनम मलिक ने कहा, "कजाखस्तानी पहलवान बहुत अच्छी थीं और मैं 0-6 से पीछे चल रही थी, लेकिन मुझे उसके बाद भी जीत का भरोसा था।" "और जो हुआ वो शानदार था!"
बाद में सोनम ने चोट को देखते हुए फाइनल से बाहर होने का फैसला किया।
इस बीच, सीमा बिस्ला (Seema Bisla) (50 किग्रा), निशा दहिया (Nisha Dahiya) (68 किग्रा) और पूजा सिहाग (Pooja Sihag) (76 किग्रा) एशियन क्वालिफाइंग टूर्नामेंट में हार के बाद ओलंपिक का टिकट हासिल करने में असफल रहीं।
निशा दहिया ने दक्षिण कोरिया के ह्येनयॉन्ग पर्क के खिलाफ 8-0 की जीत के साथ अपने भार वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया। पूजा सिहाग ने भी कांस्य पदक जीता।