भारत के लिए टोक्यो का टिकट हासिल कर चुके पहलवान बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) को शुक्रवार को 65 किग्रा फ्रीस्टाइल सेमीफाइनल मुकाबले में दाहिने घुटने में चोट लगने के बाद, रूस में चल रही अली अलियेव मेमोरियल रेसलिंग टूर्नामेंट से बाहर होने के लिए मजबूर होना पड़ा।
आरओसी के अब्दुलमाजिद कुदीव (Abdulmazhid Kudiev) के खिलाफ बजरंग पूनिया 4-0 से पीछे चल रहे थे, तभी कुदीव के आक्रामक दांव-पेंच ने भारतीय पहलवान को चौंका दिया।
बजरंग पूनिया के साथ मैट पर मुकाबला करते हुए कुदीव ने उन्हें पटकनी देने की कोशिश की, लेकिन उस समय तक भारतीय पहलवान अपने दाहिने घुटने को पकड़कर दर्द से कराह रहा था।
मेडिकल स्टाफ द्वारा की गई एक जांच के बाद बजरंग पुनिया अपने पैरों पर खड़े हो गए, लेकिन वह काफी असहज महसूस कर रहे थे। फिर उन्होंने मुकाबले से पीछे हटने का फैसला किया और अपने प्रतिद्वंद्वी की मदद से मैदान के बाहर चले गए।
बजरंग पुनिया के जॉर्जियाई कोच शाको बेंटिनिडिस ने बाद में पीटीआई को बताया, “यह बहुत गंभीर चोट नहीं लग रही है, उन्हें जल्द ही ठीक हो जाना चाहिए। अभी वह ठीक हैं और सामान्य है। उसे दर्द का इंजेक्शन दिया गया है।”
आपको बता दें, बजरंग पुनिया उन सात भारतीय पहलवानों में शामिल हैं जिन्होंने टोक्यो 2020 के लिए क्वालीफाई किया है।
बजरंग पुनिया को टोक्यो ओलंपिक के लिए 65 किग्रा वर्ग में दूसरी वरीयता मिली है और उन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ पदक उम्मीदवारों में से एक माना जाता है। वह जून की शुरुआत से रूस में प्रशिक्षण ले रहे हैं, और उन्होंने इस महीने की शुरुआत में आयोजित पोलैंड रैंकिंग सीरीज में हिस्सा न लेने का फैसला किया था।
इस भारतीय पहलवान ने अप्रैल में एशियाई चैंपियनशिप के बाद पहली बार मैट पर वापसी की थी, जहां उन्होंने अपना नाम वापस लेने से पहले फाइनल में जगह बनाई थी।
चोटिल होने से पहले बजरंग पूनिया अच्छी फॉर्म में दिख रहे थे। उन्होंने राउंड ऑफ़-32 में बेहतरीन तकनीकी दांव-पेच से आरओसी के जेड अब्दुस्सलामोव (Z Abdusalamov) को हराया और प्री-क्वार्टर फ़ाइनल में एक अन्य आरओसी पहलवान एम सैदुलेव (M Saidulaev) को 6-1 से हराया था।
उनका सबसे मुश्किल मुकाबला अंतिम आठ में हुआ था, जहां उनका सामना कजाकिस्तान के दौलत नियाज़बेकोव से हुआ, जो लंदन 2012 के ओलंपियन थे। नियाज़बेकोव ने 2019 विश्व चैंपियनशिप में 65 किग्रा रजत जीता था और सेमीफाइनल में बजरंग पुनिया को हराया था।
हालांकि, भारतीय पहलवान को इस बार नियाजबेकोव के खिलाफ कोई परेशानी नहीं हुई। बजरंग पुनिया ने कजाकिस्तान के इस पहलवान पर हावी रहते हुए 9-0 से जीत दर्ज की और सेमीफाइनल में जगह बनाई।