आंद्रे अगासी उनके टेनिस स्ट्रोक्स के बारे में सही थे – लिएंडर पेस
लिएंडर पेस ने 1996 के अटलांटा ओलंपिक सेमीफाइनल में आंद्रे अगासी का सामना किया था और वो ये मैच हार गए थे। इसके बावजूद वो अपने शानदार खेल से लोगों का दिल जीतने में सफल रहे थे।
टेनिस के 28 साल के लम्बे करियर में 18 ग्रैंड स्लैम खिताब और एक ओलंपिक पदक जीतने वाले भारतीय दिग्गज लिएंडर पेस (Leander Paes) ने इंस्टाग्राम लाइव के दौरान इस बात को स्वीकार किया कि उनके स्ट्रोक कभी भी बहुत अच्छे नहीं रहे हैं और आंद्रे अगासी (Andre Agassi) उनके बारे में सही थे।
अपनी एक दिलचस्प कहानी को साझा करते हुए लिएंडर पेस ने कोलकाता के साउथ क्लब में 11 साल के युवा खिलाड़ी आनंद अमृतराज के साथ अपने प्रैक्टिस के दिनों को याद किया, जिसने उनका जीवन हमेशा के लिए बदल दिया।
डेविस कप-टाई ट्रेनिंग के दौरान लिएंडर पेस को आनंद अमृतराज (Anand Amritraj) के साथ हिट प्रैक्टिस के लिए चुना गया था और वह इतने प्रतिभाशाली थे कि उन्हें चेन्नई में ब्रिटानिया अमृतराज टेनिस अकादमी (Britannia Amritraj Tennis Academy) के लिए चुना गया था। लेकिन लिएंडर पेस ने खुलासा करते हुए कहा कि उन्हें उस दौरान टेनिस के बारे में कुछ नहीं पता था।
लिएंडर पेस ने जोर से हंसते हुए कहा, “आनंद अमृतराज इस बात से प्रभावित हुए कि कैसे मैं युगल कोर्ट में भी गेंद का लगातार पीछा करता रहा। मुझे यह पता है कि मेरे टेनिस स्ट्रोक्स ने कभी किसी को बहुत प्रभावित नहीं किया है।”
पेस ने आगे कहा, “आंद्रे [अगासी] मेरे बारे में सही थे।”
लिएंडर पेस ने 1996 के ओलंपिक सेमीफाइनल में आंद्रे अगासी का सामना किया था, जहां उन्हें सीधे सेटों में 7-6, 6-3 से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद ही उन्होंने ओलंपिक ब्रॉन्ज़ पर कब्ज़ा किया था।
अपनी आत्मकथा में लिएंडर पेस के खेलने की अजीब शैली के बारे में बताते हुए आंद्रे अगासी ने कोलकाता में जन्मे इस खिलाड़ी को "फ्लाइंग जंपिंग बीन" कहा था।
वह “Open: An Autobiography” किताब का एक अंश पढ़ते हैं - "सेमीफाइनल में मेरा सामना भारत के लिएंडर पेस से हुआ। वह एक फ्लाइंग जम्पिंग बीन हैं, जिनके अंदर हाइपरकाइनेटिक एनर्जी (बहुत ज़्यादा ऊर्जा) भरी हुई है और इस दौरे के दौरान एक तेज़ हाथों वाले खिलाड़ी थे। फिर भी उन्होंने कभी टेनिस बॉल को हिट करना नहीं सीखा। वह ऑफ-स्पीड, हैक्स, चिप्स, लॉब्स हिट करते हैं - वह ब्रैड ऑफ बॉम्बे है।”
अगासी ने आगे लिखा है, “अपने सभी खराब स्ट्रोक के बाद, वह नेट के पास पहुंचकर वह ऐसा कवर करते हैं कि जिससे लगता है कि सबकुछ सही रहा। एक घंटे के बाद आपको लगता है कि जैसे उन्होंने एक भी गेंद को सही से हिट नहीं किया - और फिर भी वह आपको बुरी तरह हरा रहा है।”
ड्राप शॉट को बताया “चालाकी”
लिएंडर पेस ने देर से टेनिस खेलना शुरू किया। उन्होंने कभी भी अपने खेल में रैलियों को लंबा नहीं खींचा और जल्दी अंक हासिल करने के लिए ड्रॉप शॉट का ही सहारा लिया।
एक पूर्व टेनिस खिलाड़ी और भारतीय डेविस कप टीम के सदस्य अख्तर अली (Akhtar Ali), जिन्होंने अपने प्रारंभिक वर्षों के दौरान लिएंडर पेस को प्रशिक्षित किया, उन्होंने भी कभी इस बात से इनकार नहीं किया।
लिएंडर पेस कहते हैं, "अख्तर [अली] सर ने मुझे “चालाक” (cunning) उपनाम दिया था, क्योंकि उन्हें लगता था कि मैंने हर समय बहुत सारे ड्रॉप शॉट खेले हैं।"
पेस ने समझाते हुए आगे कहा, “मैं उन्हें समझाने की कोशिश करता रहा कि मेरे पास एक अच्छी टेनिस तकनीक नहीं है। मैंने देर से टेनिस शुरू किया, तो जाहिर है मुझे अंक जीतने के लिए “चालाकी” करनी ही होगी।”
मुस्कुराते हुए उन्होंने कहा, “आप ड्रॉप शॉट्स मारते हैं, उन्हें (प्रतिद्वंदी के शॉट को) आगे आने दें और फिर लॉब शॉट लगाएं।”
यही प्रैक्टिस बाद में लिएंडर पेस के लिए करियर-डिफाइनिंग स्किल के रूप में उभरकर सामने आई। उनके अनूठे ड्रॉप शॉट्स और वॉलीज़ ने उन्हें कई खिताब दिलाए, जिसकी सराहना खुद आंद्रे अगासी ने भी की है।
आंद्रे अगासी ने पिछले साल इकोनॉमिक टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, "वह बस कोर्ट के चारों ओर उड़ान भरते हुए दिखाई देते हैं और मैंने उनके टेनिस के कुछ बेहतरीन शॉट्स भी देखें हैं। लिएंडर के पास वास्तव में आपकी लय को तोड़ने का एक अच्छा तरीका था... उन्होंने पूरे मैच के दौरान मुझे अपनी काफी आक्रामकता दिखाई थी।”