टोक्यो ओलंपिक में धूम मचाने के लिए तैयार हैं भारतीय तैराक साजन प्रकाश

इस रियो ओलंपियन का मानना है कि टोक्यो 2020 में दो तैराकों ने सीधे क्वालीफाई करके भारतीय तैराकी में एक नई लकीर खींच दी है। इससे आने वाले समय में यह भारतीय तैराकी के लिए एक शुभ संकेत है।

6 मिनटद्वारा सतीश त्रिपाठी
India's Sajan Prakash.

भारतीय तैराक साजन प्रकाश (Sajan Prakash) ओलंपिक के लिए सीधे क्वालीफाई करने वाले पहले तैराक हैं। जहां उन्होंने इटली के रोम में 2021 के सेटे कोली ट्रॉफी में प्रतिस्पर्धा करते हुए समर ओलंपिक के लिए अपना स्थान सुनिश्चित किया। इस दौरान उन्होंने पुरुषो के 200 मीटर बटरफ्लाई में 1:56.48 समय के साथ ओलंपिक क्वालिफिकेशन टाइम (OQT) को हासिल किया। इसके साथ ही भारतीय तैराकी में जश्न का माहौल हो गया। बताते चलें कि केरल में जन्में साजन प्रकाश युवा तैराकों के लिए एक नई उम्मीद हैं।

वहीं, साजन प्रकाश ने दुबई से Olympics.com से बात करते हुए कहा, "ऐसा लगा कि आखिरकार मैंने एक जिम्मेदारी पूरी कर ली, जो मैं लंबे समय से उठाए हुए था। यह मेरे लिए काफी राहत की बात है। यह मेरी पहली इच्छा थी।"

आगे उन्होंने कहा, "यह कुछ ऐसा है जिस पर हम पांच साल से काम कर रहे हैं। यह मेरे लिए आसान सफर नहीं रहा है। इस दौरान हमें कई बाधाओं, चोटों और असफलताओं का सामना करना पड़ा। आखिरकार जिस लक्ष्य को हमने निर्धारित किया था, उसे हासिल कर लिया।''

आपको बता दें कि अटलांटा 1996 के बाद से भारतीय तैराक ओलंपिक में भाग लेने से नहीं चूके हैं। जहां इस दौरान तैराकों की एंट्री यूनिवर्सेलिटी कोटा के तहत ‘B’ कट से हुई है। वहीं, यह नियम तभी लागू होता है जब सभी स्लॉट भरे नहीं होते हैं और इस दौरान उन्हें कुछ मानदंड पूरे करने होते हैं।

भारतीय तैराकी के लिए एक 'नई शुरुआत'

भारत के 27 वर्षीय एथलीट साजन प्रकाश ने तैराकी के खेल में सीधे क्वालीफाई करके एक नई लकीर खींच दी है। जिससे भारत को इस खेल में एक नई उम्मीद नजर आने लगी है। वहीं, इसके साथ ही दो ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने वाले वह भारत के एकमात्र तैराक बन जाएंगे।

साजन प्रकाश ने बात करते हुए आगे कहा, "मैं इसे हमारे लिए एक नई शुरुआत के रूप में देखता हूं।"  वहीं, अब तक भारत में बड़े होने वाले तैराकों के लिए 'ओलंपिक क्वालीफिकेशन' को एक सपने के रूप में देखा जाता था। जहां हमने कभी किसी को ऐसा करते नहीं देखा, जो इस भारतीय तैराक ने ऐसा कर दिखाया। 

उन्होंने आगे कहा, "लेकिन अब जब श्रीहरि (नटराज) और मैंने उस लक्ष्य को हासिल किया तो ऐसे में मेरा मानना है कि तैराकों के पास एक लक्ष्य के रूप में ओलंपिक क्वालीफिकेशन हो सकता है।"

आपको बताते चलें कि टोक्यो 2020 में, साजन प्रकाश 20 वर्षीय श्रीहरि नटराज (Srihari Nataraj) के साथ शामिल होंगे। जिन्होंने 100 मीटर बैकस्ट्रोक में OQT हासिल किया है। इसके साथ ही 21 वर्षीय माना पटेल (Maana Patel) ने महिलाओं की प्रतियोगिता में यूनिवर्सेलिटी कोटा के तहत प्रवेश किया हैं।

साजन प्रकाश ने कहा, "मुझे लगता है कि भारत के युवा तैराकों के अंदर ऐसा करने की काबिलियत है, जहां उन्हें अपनी क्षमताओं पर बहुत भरोसा है।"

"मुझे याद है कि रोम में, श्रीहरि निराश थे कि वह अपनी प्रतियोगिता में OQT हासिल नहीं कर सके। वह ऐसा था, 'अगर मैं तेज हीट में होता, तो मैं OQT हासिल करने वाला पहला तैराक हो सकता था।' लेकिन फिर उस समय उन्हें एक ट्रायल में हिस्सा लेने का मौका मिला, और इस दौरान उन्होंने अपनी काबिलियत दिखाई।''

रियो ओलंपियन ने कहा, "वह उन लोगों की तरह नहीं है, जो इसके लिए बातें कहते हैं। श्रीहरि के साथ, यदि वह कुछ करने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं, तो वह उसे हासिल करने के लिए खुद का समर्थन करते हैं। मुझे यह देखकर बहुत खुशी हुई कि आज भारत में युवा तैराकों को अपनी क्षमताओं पर उस तरह का भरोसा है।"

टोक्यो 2020 के लिए साजन प्रकाश का मुश्किल सफर

बताते चलें कि टोक्यो 2020 के लिए साजन प्रकाश का सफर काफी मुश्किलों से भरा रहा है। जहां साल 2019 में उन्हें कंधे की चोट के कारण लगभग 10 महीने पूल से बाहर रहना पड़ा था। जिसके बाद जल्द ही कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन लग गया।

जबकि भारतीय तैराकी महासंघ (SFI) ने उन्हें पिछले अगस्त में दुबई में आठ सप्ताह के नेशनल कैंप के साथ अपनी तैयारी फिर से शुरू करने में मदद की थी। वहीं, इस दौरान उनके कोच प्रदीप कुमार थे, जिन्होंने साजन को ओलंपिक के सपने को पूरा करने में मदद की। 

साजन ने 200 मीटर बटरफ्लाई में अपने नेशनल रिकॉर्ड को याद करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि कैंप और फिर प्रदीप सर ने मुझे दुबई में अपने साथ रहने दिया। जहां उन्होंने मेरे अधिकांश खर्चों का ध्यान रखा।"

आगे उन्होंने कहा, "मैं अपनी उम्मीदों को खो चुका था। मुझे नहीं पता था कि आगे क्या करना है, लेकिन यह प्रदीप सर ही थे जिन्होंने मुझे आगे बढ़ने में मेरी मदद की और यह सुनिश्चित किया कि मैं जल्द से जल्द पूल में वापस आ जाऊं।”

"मेरे लिए, यह सही माहौल था। मैं दुबई चला गया और मेरी सोच बदल गई। मेरे आसपास हर कोई था, मेरे कोच, उनकी पत्नी, पूल के लोग, साथी तैराक, हर कोई इस एक लक्ष्य की ओर बढ़ रहा था, जिसे हमने पांच साल पहले निर्धारित किया था। यह मेरे लिए एक ऐसी चीज थी, जिस पर मैं भरोसा करता हूं।"

जानिए साजन प्रकाश की दूसरी फैमिली के बारे में

बताते चलें कि साजन प्रकाश के कोच प्रदीप कुमार एक द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता हैं। वहीं, साजन ने स्वीकार किया कि कई बार प्रदीप कुमार के साथ रहने से तैराक के लिए अपनी भावनाओं से निपटना मुश्किल हो जाता था।

साजन अपने कोच के बारे में बात करते हुए थोड़ा मुस्कुराए और कहा, "ठीक है," "ऐसे दिन होते हैं जब आप उनसे नाराज होते हैं और फिर आप घर पहुंच जाते हैं। आपको फिर से वही चेहरा देखना पड़ता है। यह आपको थोड़ा परेशान करता है''

"लेकिन उनकी पत्नी (गौरी) ने इस दौरान मेरी बहुत मदद की है। वह मेरी मां जैसी हैं, उन्होंने बिना किसी कुछ सोचे मेरी देखभाल की है। यह मेरा एक परिवार जैसा है।''

वहीं, साजन प्रकाश अपने दूसरे ओलंपिक में रियो 2016 से प्रदर्शन में सुधार करने की कोशिश करेंगे। जहां वह 29 तैराकों में से 28 वें स्थान पर रहें।

साजन ने इंटरव्यू के आखिर में कहा, "मेरी पहली प्राथमिकता सेमीफाइनल में जगह बनानी है। मुझे सच में लगता है कि अगर मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकता हूं तो मैं टॉप-16 में जगह बना सकता हूं। जिसके लेकर आने वाले दिन में इसकी तैयारी करनी होगी।"

से अधिक