टोक्यो ओलंपिक हॉकी कांस्य पदक विजेता रूपिंदर पाल सिंह और बीरेंद्र लाकड़ा ने की संन्यास की घोषणा

रुपिंदर पाल सिंह और बीरेंद्र लाकड़ा दोनों दो बार के ओलंपियन हैं और उन्होंने भारत के लिए 200 से अधिक मैच खेले हैं।

2 मिनटद्वारा रितेश जायसवाल
Indian hockey player Rupinder Pal Singh
(Getty Images)

भारतीय हॉकी खिलाड़ी और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता रूपिंदर पाल सिंह और बीरेंद्र लाकड़ा ने गुरुवार को संन्यास की लेने की घोषणा कर दी।

30 वर्षीय रुपिंदर पाल सिंह ड्रैग फ्लिकर हैं, जिन्होंने 2010 में भारतीय हॉकी टीम के लिए डेब्यू किया था और 223 मैचों में 119 गोल करके देश का प्रतिनिधित्व किया।

वहीं, 31 वर्षीय डिफेंडर बीरेंद्र लाकड़ा ने भी 2010 में अंतरराष्ट्रीय हॉकी में डेब्यू किया और सीनियर टीम के लिए 201 मैच खेले।

रुपिंदर पाल सिंह ने ट्विटर पर एक पोस्ट के जरिए कहा, “मेरा मानना है कि यह युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए महान और अद्भुत पलों का आनन्द लेने का समय है, ठीक वैसा ही जैसा मैंने बीते 13 वर्षों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए महसूस किया है।"

इस 30 वर्षीय हॉकी खिलाड़ी ने भारत को टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीतने में मदद की थी। यह 41 वर्षों में उनका पहला ओलंपिक पदक रहा और वह इसे अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं।

उन्होंने कहा, "टोक्यो में अपने उन साथियों के साथ पोडियम पर खड़ा होना, जिनके साथ मैंने अपने जीवन के कुछ सबसे बेहतर पल साझा किए हैं, यह एक ऐसा एहसास था जिसे मैं हमेशा संभाल कर रखूंगा। मैं टीम की खुशी और संतुष्टि को महसूस कर पा रहा हूं, क्योंकि हमने सबसे बड़ा सपना जीत लिया है जो भारत के लिए ओलंपिक पदक जीतना था।"

रुपिंदर पाल सिंह ने टोक्यो ओलंपिक में तीन गोल किए, जिसमें जर्मनी के खिलाफ ब्रॉन्ज़ मेडल मैच के दौरान एक महत्वपूर्ण पेनल्टी स्ट्रोक भी शामिल है।

पंजाब के फरीदकोट में जन्मे रुपिंदर पाल सिंह ने दो ओलंपिक (रियो 2016 और टोक्यो 2020) में हिस्सा लिया है और इसके साथ ही एशियाई खेलों, एशिया कप, राष्ट्रमंडल खेलों और हॉकी विश्व लीग में कई पदक जीते हैं। उनका पूरा करियर शानदार रहा है।

इस महीने की शुरुआत में पूर्व हॉकी डिफेंडर का रोका (शादी से पहले का एक समारोह) भी हुआ था।

ओडिशा के रहने वाले बीरेंद्र लकड़ा एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में भी पदक जीत चुके हैं। उन्होंने लंदन 2012 ओलंपिक और 2014 और 2018 में हॉकी विश्व कप में भी हिस्सा लिया।

भारत के पूर्व कप्तान वीरेन रसकिन्हा ने अपने ट्विटर पेज पर कहा, "भारतीय हॉकी के लिए बीरेंद्र बेहद शानदार खिलाड़ी रहे हैं। उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए मैं उनकी तुलना विश्व हॉकी के सर्वश्रेष्ठ डिफेंडरों में करता हूं। शांत स्वभाव, अच्छा व्यवहार, उम्दा योगदान – यह एक शीर्ष स्तर के डिफेंडर के लक्षण हैं। धन्यवाद बीरू।"

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