एशियाई खेल 2023 के लिए भारतीय मुक्केबाज़ी टीम – निकहत ज़रीन हुईं शामिल,अमित पंघल और नीतू घंंघास हुए बाहर

निकहत ज़रीन और लवलीना बोरगोहेन ने इस साल विश्व चैंपियनशिप के फ़ाइनल में जगह बनाकर एशियाई खेलों में अपनी जगह पक्की की थी। 13 सदस्यीय टीम में अन्य मुक्केबाज़ों का चयन नेशनल कैंप के ज़रिए किया गया है।

4 मिनटद्वारा रितेश जायसवाल
Indian boxer Nikhat Zareen
(Getty Images)

निकहत ज़रीन और लवलीना बोरगोहेन की अगुवाई में 13 सदस्यीय मुक्केबाज़ी टीम एशियन गेम्स 2023 में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी, जो इस साल 23 सितंबर से 8 अक्टूबर तक चीन के हांगझोऊ में आयोजित होगा।

हालांकि, 2018 एशियन गेम्स और 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG) के स्वर्ण पदक विजेता अमित पंघल और महिलाओं की 48 किग्रा भारवर्ग में मौजूदा विश्व और CWG चैंपियन नीतू घंघास जैसे स्टार खिलाड़ी, एशियन गेम्स 2023 के लिए भारतीय मुक्केबाज़ी दल का हिस्सा नहीं हैं।

एशियाई खेल 2023 के लिए भारतीय मुक्केबाज़ी टीम में 7 पुरुष और 6 महिलाएं शामिल हैं।

दो बार की विश्व चैंपियन निकहत ज़रीन (महिला 51 किग्रा) और टोक्यो 2020 ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन (महिला 75 किग्रा) ने इस साल के पहले ही नई दिल्ली में आयोजित विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप 2023 में अपने-अपने वर्ग के फ़ाइनल में जगह बनाने के बाद हांगझोऊ में होने वाले एशियाई खेलों में जगह पक्की कर ली थी।

इस बीच, अन्य मुक्केबाज़ों का चयन पिछले महीने पटियाला में एक नेशनल कैंप के दौरान भारत के नए हाई परफ़़ॉर्मेंस डायरेक्टर बर्नार्ड डन और मुख्य विदेशी कोच दिमित्री दिमित्रुक सहित कोचिंग टीम के अन्य सदस्यों द्वारा किए गए मूल्यांकन के बाद किया गया।

बॉक्सिंग फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया (BFI) द्वारा लागू की गई नई चयन प्रक्रिया, जो पारंपरिक सेलेक्शन ट्रायल्स के बजाय आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर की जाती है, वह 1 जुलाई को संपन्न हुई।

अमित पंघल, जो जकार्ता में 2018 एशियाई खेलों में भारत के एकमात्र स्वर्ण पदक विजेता थे, वे भी इस शिविर का हिस्सा थे, लेकिन पुरुषों के 51 किग्रा में उनकी जगह दीपक भोरिया को जगह दी गई।

दीपक भोरिया ने ताशकंद में 2023 पुरुष विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप में 51 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता था। इस बीच, भोरिया के साथी विश्व कांस्य पदक विजेता भारत के निशांत देव को हांगझोऊ खेलों में 71 किग्रा स्पर्धा में मुक्केबाज़ी के लिए चुना गया।

ताशकंद के एक अन्य कांस्य पदक विजेता, मोहम्मद हुसामुद्दीन इस दल का हिस्सा बनने से चूक गए क्योंकि वह घुटने की चोट से उबर रहे हैं, जो उन्हें मई में वर्ल्ड चैंपियनशिप के क्वार्टर-फ़ाइनल के दौरान लगी थी। सचिन सिवाच, 54 किग्रा वर्ग से आगे बढ़ते हुए, हुसामुद्दीन के पसंदीदा 57 किग्रा वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

छह बार के एशियाई पदक विजेता अनुभवी शिवा थापा ने अविनाश जामवाल और उनके साथी विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता मनीष कौशिक की कड़ी चुनौती का सामना करते हुए पुरुषों के 63.5 किग्रा में अपनी जगह पक्की की।

चोट से उबरने के बाद वापसी कर रहे युवा लक्ष्य चाहर ने 80 किग्रा वर्ग में आशीष कुमार को हराया। वहीं, ओलंपियन विकास कृष्ण बाइसेप्स की चोट की सर्जरी के बाद बाहर हो गए।

हांगझोऊ के लिए भारतीय टीम में युवा खिलाड़ी नीतू घंघास भी जगह पक्की करने से चूक गईं। 22 वर्षीय मुक्केबाज़ हाल ही में नई दिल्ली में महिलाओं की 48 किग्रा स्पर्धा में विश्व चैंपियन बनीं, लेकिन उनकी श्रेणी अब ओलंपिक भार वर्ग में नहीं है, इसलिए उन्हें 54 किग्रा में अपना दावा पेश करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

निकहत ज़रीन के 51 किग्रा वर्ग में अपनी जगह पक्की करने से नीतू की मुश्किल और भी ज्यादा बढ़ गई।

चयन ट्रायल के माध्यम से कड़ी मेहनत करने के बाद, नीतू घंघास 54 किग्रा वर्ग के लिए नेशनल कैंप में जगह बनाने में सफल रहीं, लेकिन अंततः उनकी जगह प्रीति पवार इस भार वर्ग में अपनी जगह पक्की करने में सफल रहीं। नई दिल्ली में महिलाओं की 81 किग्रा विश्व चैंपियन बनने वाली स्वीटी बूरा भी चूक गईं।

पूर्व एशियाई चैंपियन संजीत, विश्व पदक विजेता परवीन हुड्डा और पूर्व विश्व युवा चैंपियन अरुंधति चौधरी टीम में जगह बनाने में सफल रहीं।

एशियन गेम्स 2023 के लिए भारतीय मुक्केबाज़ी टीम

महिला: निकहत ज़रीन (51 किग्रा), प्रीति पवार (54 किग्रा), परवीन हुड्डा (57 किग्रा), जैस्मीन लेम्बोरिया (60 किग्रा), अरुंधति चौधरी (66 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा)

पुरुष: दीपक भोरिया (51 किग्रा), सचिन सिवाच (57 किग्रा), शिवा थापा (63.5 किग्रा), निशांत देव (71 किग्रा), लक्ष्य चाहर (80 किग्रा), संजीत (92 किग्रा), नरेंद्र बेरवाल (+92 किग्रा)

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