भारत के महान धावक मिल्खा सिंह का कोविड-19 से निधन

मिल्खा सिंह पिछले महीने वायरस की चपेट में आ गए थे, उनकी पत्नी और पूर्व भारतीय वॉलीबॉल कप्तान निर्मल कौर का भी पांच दिन पहले कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देहांत हो गया था।

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भारत के महान धावक और तीन बार के ओलंपियन मिल्खा सिंह का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया, उन्हें कोविड-19 से संबंधित संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

चंडीगढ़ में पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च में उनका कोविड संक्रमण का इलाज चल रहा था, कोविड सेंटर के आईसीयू इकाई से बाहर ले जाने के दो दिन बाद, मिल्खा सिंह की हालत शुक्रवार को ज्यादा बिगड़ गई और देर रात उनका निधन हो गया।

मिल्खा सिंह आईसीयू में थे, बृहस्पतिवार देर रात ऑक्सीजन का लेवल गिरने के बाद उनकी हालत गंभीर हो गई और उन्हें बुखार हो गया था।

19 मई को उनका कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई, हालत में सुधार के बाद उन्हें घर लाया गया लेकिन 4 जून को फिर से उन्हें भर्ती किया गया।

उनकी पत्नी और पूर्व भारतीय वॉलीबॉल कप्तान निर्मल कौर (Nirmal Kaur) भी 21 मई को कोविड वायरस की चपेट में आ गई थी, पिछले रविवार को कोविड से जुड़े गंभीर संक्रमण के कारण चंडीगढ़ में एक चिकित्सा सुविधा के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। निर्मल कौर 85 वर्ष की थी।

मिल्खा सिंह को फ्लाइंग सिख के नाम से जाना जाता था, 50 और 60 के दशक के दौरान करीब एक दशक से अधिक समय तक मिल्खा सिंह का जादू ट्रैक एंड फील्ड पर जमकर चलता था। उन्होंने तीन ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया जिसमें मेलबर्न 1956, रोम 1960 और टोक्यो 1964 शामिल हैं।

1960 के रोम ओलंपिक में मिल्खा सिंह 400 मीटर की दौड़ में पदक जीतने के बाद एक फोटो फिनिशर के तौर पर उभरकर सामने आए, इस दौड़ में वह 45.73 के समय के साथ चौथे पायदान पर रहे, आपको बता दें कि यह एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड है जो 40 वर्षों तक बना रहा।

1958 में कार्डिफ में 440 यार्ड की दौड़ जीतने के बाद मिल्खा सिंह राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के पहले स्वर्ण पदक विजेता बने थे।

मिल्खा सिंह के परिवार में एक बेटा, गोल्फर जीव मिल्खा सिंह (Jeev Milkha Singh) और तीन बेटियां हैं।

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