भारत की दिग्गज मुक्केबाज (Indian boxing legend) एमसी मैरी कॉम (MC Mary Kom) एक बार फिर बॉक्सिंग रिंग में वापसी कर रही हैं, दरअसल वो मार्च में स्पेन में हुए बॉक्सम मीट (Boxam meet) के बाद अगले हफ्ते दुबई में होने वाली एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप (Asian Boxing Championships) में नज़र आएंगी। जहां उन्हें सबसे बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।
आपको बता दें कि एमसी मैरी कॉम पांच बार की एशियाई चैंपियन (Asian champion) रह चुकी हैं। जहां उनका आखिरी स्वर्ण पदक हो ची मिन्ह सिटी (Ho Chi Minh City) में लाइट फ्लाईवेट (48 किग्रा) वर्ग में 2017 में आया था। उसके बाद मैरी कॉम 51 किग्रा वर्ग में चली गई।
लेकिन चीन (China), जापान (Japan), उत्तर कोरिया (North Korea) और वियतनाम (Vietnam) जैसे देश ने कोरोना वायरस महामारी के कारण एशियन मीट (Asian meet) से अपना नाम वापस से लिया है। वहीं, मैरी कॉम को दुबई में कम प्रतिस्पर्धियों से सामना करना पड़ सकता है। जहां उनका मुकाबला कजाकिस्तान (Kazakhstan) की दो बार की विश्व चैंपियन नाज़िम काजाइबे (world champion Nazym Kyzaibay) के साथ हो सकता है। हालांकि फिर भी, छह बार की विश्व चैंपियन मैरी कॉम एक "शानदार प्रदर्शन" की उम्मीद कर रही हैं।
38 वर्षीय भारतीय मुक्केबाज मैरी कॉम ने पीटीआई से बातचीत में कहा, "मैं प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए काफी उत्सुक हूं, इस महामारी के कारण शायद ही कोई ट्रेनिंग हुई हो और ऐसे में मुझे ओलंपिक से पहले खुद का आकलन करने के लिए इसकी सख्त जरूरत है।"
एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप शुरुआत में दिल्ली में आयोजित होने वाला थी, लेकिन देश में कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण इसे दुबई में स्थानांतरित किया गया।
आपको बता दें कि इस महामारी ने भारतीय मुक्केबाजों को भी नहीं बख्शा। इस दौरान कई मुक्केबाजों की कोरोना रिपोर्ट टेस्ट हुई और वह पॉजिटिव पाए गए। जिसकी वजह से उन्हें बीच में ही अपनी ओलंपिक की तैयारियों को रोकना पड़ा।
मैरी कॉम पुणे में आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (Army Institute of Sports) (ASI) में ट्रेनिंग कर रही हैं। वो दुबई में होने वाले इस प्रतियोगिता में एक शानदार प्रदर्शन की उम्मीद कर रही हैं, जिससे वो ओलंपिक से पहले खुद को आंकने की सोच रही हैं।
मैरी कॉम ने आगे कहा, "यह मेरे लिए आसान नहीं था। जहां मैं मार्च में स्पेन में टूर्नामेंट खेलकर घर वापस आई थी। मेरे बच्चों की तबियत ठीक नहीं थी, और मुझे ख्याल रखना था और जिसकी वजह से कुछ चिंताएं भी थी। वहीं, कोरोना वायरस के कारण दिल्ली में होने वाली प्रतियोगिता भी रद्द हो गई।"
"किसी न किसी वजह से ट्रेनिंग शेड्यूल प्रभावित होता रहा। इसलिए ये एशियाई चैंपियनशिप मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि मुझे प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिला है और तैयारी में मदद के लिए प्रतियोगिता से बेहतर कुछ नहीं है।"
बॉक्सम में अपने आखिरी मुकाबले के बाद, मैरी कॉम एक साल में पहली बार रिंग में नज़र आएंगी। जहां भारतीय मुक्केबाज मुकाबला करने के लिए बेताब थे। मैरी कॉम ने इटली की जिओर्डाना सोरेंटिनो (Giordana Sorrentino) के खिलाफ 3-2 से शुरुआती दौर में जीत हासिल की, और फिर अपने सेमीफाइनल मुकाबले में 4-1 से USA के वर्जीनिया फ़ुच्स (Virginia Fuchs) से हार का सामना करना पड़ा।
बॉक्सम में अपने-अपने वर्ग में सेमीफाइनल में जगह बनाने वाले अन्य नौ भारतीय मुक्केबाज फाइनल में पहुंचे। जहां इस प्रतियोगिता में मैरी कॉम ने कांस्य पदक जीता। ASI कैंप के दौरान मैरी कॉम आर्मी के दो पुरुष मुक्केबाजों के साथ ट्रेनिंग ले रही हैं और उन्हें उम्मीद है कि वो अपनी तैयारी के नजदीक पहुंच चुकी हैं।
मैरी कॉम ने आगे कहा, "मैं अपने शरीर के बारे में आश्वस्त महसूस करती हूं। लेकिन जैसा कि मैं हमेशा कहती हूं, मैं हर प्रतियोगिता में अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगी, जो पदक पाने के लिए पर्याप्त होगा, हालांकि ये केवल समय ही बताएगा।"
"देखिए, दुनिया कितनी जल्दी बदल गई है और हम योजना बनाते हैं, आप कभी नहीं जानते हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप वर्तमान में रहें।"