फुटबॉल में कितने खिलाड़ी होते हैं, जानिए इस खेल के खिलाड़ियों की पोजीशन और नियम 

फुटबॉल के मैदान पर एक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं। जिसमें गोलकीपर, डिफेंडर, मिडफील्डर और फॉरवर्ड शामिल होते हैं।

5 मिनटद्वारा सतीश त्रिपाठी
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(Getty Images)

फुटबॉल पूरी दुनिया में एक लोकप्रिय खेल है। यह लगभग सभी देशों में खेला जाता है और प्रशंसकों द्वारा यह फॉलो किया जाने वाला सबसे पसंदीदा खेल है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फुटबॉल में कितने खिलाड़ी होते हैं, खिलाड़ियों की पोजीशन क्या होती है, फुटबॉल मैच में कितने रेफरी होते हैं तो आइए इन सभी सवालों के जवाब को विस्तार से समझते हैं।

Football mein kitne khiladi hote hain

प्रत्येक फुटबॉल टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं। इस तरह मैदान पर मैच के दौरान एक समय में दोनों टीमों को मिलाकर कुल 22 खिलाड़ी मैदान पर होते हैं। इसके अलावा कई खिलाड़ी सब्स्टीट्यूट के तौर पर मैदान के बाहर बेंच पर बैठे होते हैं। जिनकी संख्या तीन खिलाड़ियों से लेकर अधिकतम 12 तक होती है।

मैच के दौरान अगर टीम का मैनेजर यानी कोच किसी खिलाड़ी को मैदान के बाहर बुलाकर बेंच पर बैठे हुए खिलाड़ी को पिच पर भेजता है तो उसे सब्स्टीट्यूट कहते हैं।

हालांकि नियम यह भी कहता है कि अगर किसी खिलाड़ी को सब्स्टीट्यूट के तौर पर बाहर बुलाया गया है तो वह वापस मैदान में नहीं जा सकता है। लेकिन फुटबॉल के कुछ टूर्नामेंट में इसकी अनुमति होती है, जिसे रिटर्न सब्स्टीट्यूट के तौर पर जाना जाता है।

नियम के मुताबिक एक मैच में केवल तीन सब्स्टीट्यूट की अनुमति दी जाती है, लेकिन अब इसे बढ़ाकर पांच कर दिया गया है।

रेड कार्ड: अगर मैच के दौरान किसी खिलाड़ी को रेड कार्ड मिलता है तो उस खिलाड़ी को मैदान छोड़कर बाहर जाना पड़ता है और नियम के अनुसार उस खिलाड़ी की जगह पर कोई और खिलाड़ी सब्स्टीट्यूट के तौर पर मैदान में प्रवेश नहीं कर सकता है।

येलो कार्ड: अगर मैच के दौरान खिलाड़ी को रेफरी द्वारा येलो कार्ड मिलता है तो उसे एक प्रकार की आधिकारिक चेतावनी मानी जाती है।

फुटबॉल खिलाड़ियों की पोजीशन

फुटबॉल मैदान पर 11 खिलाड़ी होते हैं। जिन्हें आमतौर पर चार कैटेगरी में बांटा जाता है। जिसमें गोलकीपर, डिफेंडर, मिडफील्डर और फॉरवर्ड शामिल होते हैं। हालांकि डिफेंडर, मिडफील्डर और फॉरवर्ड खिलाड़ियों को मैदान पर अलग-अलग पोजीशन से भी जाना जाता है।

आइए फुटबॉल के सभी पोजीशन और नियम को बारीकी से समझते हैं।

गोलकीपर

फुटबॉल मैच में एक गोलकीपर होता है, जो विपक्षी टीम के द्वारा किए जाने वाले गोल के प्रयास को या फिर स्कोर करने से रोकता है। फुटबॉल मैच में गोलकीपर की पोजीशन काफी महत्वपूर्ण होती है।

गोलकीपर मैच के दौरान अपने आपको चोट से बचने के लिए अलग-अलग तरह के उपकरण पहनते हैं। जिसमें गोलकीपर हेलमेट, पैड और फेस मास्क का उपयोग करते हैं। फुटबॉल मैच में सिर्फ गोलकीपर के पास अधिकार होता है कि वह गेंद को हाथ से पकड़ सकता है, लेकिन वह ऐसा तभी कर सकता है जब वो पेनल्टी बॉक्स में हो। बाकी अन्य खिलाड़ियों को ऐसा करना मना है।

डिफेंडर

डिफेंडर का काम आमतौर पर विपक्षी खिलाड़ियों द्वारा किए गए अटैक को डिफेंस करना होता है। इसके साथ ही डिफेंडर टीम के अन्य खिलाड़ियों के साथ बेहतर तालमेल बनाकर पास बनाने का भी काम करते हैं।

कोच टीम में तीन से पांच डिफेंडर को एक मैच में रखते हैं। ताकि टीम का डिफेंस काफी मजबूत हो सके। वहीं आज के फुटबॉल में डिफेंडर को कई हिस्सों बांटा गया है। जिसमें सेंटर बैक, फुल बैक, लेफ्ट बैक और राइट बैक शामिल होते हैं।

फॉरवर्ड

फॉरवर्ड को स्ट्राइकर के रूप में भी जाना जाता है। किसी भी मैच में फॉरवर्ड सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी होता है। फॉरवर्ड खिलाड़ी का काम मुख्य रूप में गोल यानी स्कोर करना होता है। इसलिए फॉरवर्ड खिलाड़ी काफी स्किल और तकनीक से प्रभावशाली होते हैं।

विपक्षी गोल के सामने मौजूद फॉरवर्ड खिलाड़ी को सेंटर फॉरवर्ड के रूप में जाना जाता है। सेंटर फॉरवर्ड खिलाड़ी शारीरिक रूप से काफी मजबूत होते हैं और गेंद को अच्छी तरह से अपने कब्जे में लेना और मौका मिलने पर गोल करने में सक्षम होते हैं। इसके साथ ही फॉरवर्ड खिलाड़ी कभी-कभी मैच में राइट फॉरवर्ड और लेफ्ट फॉरवर्ड की भी भूमिका निभाते हैं।

मिडफील्डर

मिडफील्डर फुटबॉल मैच में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मिडफील्डर शब्द सुनकर आपने जरूर अंदाजा लगा लिया होगा कि इसका मतलब मैदान के बीचो-बीच अपनी पकड़ बनाना होता है। मिडफील्डर आमतौर पर डिफेंस और अटैक के बीच पुल का काम करते हैं।

आपको बताते चलें कि मैदान के बीच में मौजूद मिडफील्डर को सेंट्रल मिडफील्डर कहा जाता है। हालांकि इनकी संख्या टीम और कोच की रणनीति पर निर्भर करती है।

यदि एक सेंट्रल मिडफील्डर को उनकी बैकलाइन के सामने रहकर डिफेंड करने को कहा जाता है तो उन्हें सेंट्रल डिफेंसिव मिडफील्डर कहते हैं। वहीं अधिक अटैकिंग वाले खिलाड़ी को सेंट्रल अटैकिंग मिडफील्ड कहते हैं, जो ज्यादातर फॉरवर्ड खिलाड़ी की मदद करते हैं।

इसके अलावा ऐसे मिडफील्डर खिलाड़ी जो फुल बैक के ठीक सामने फ्लैंक्स से मोर्चा संभालते हैं, उन्हें विंगर कहते हैं। मैदान पर दो प्रकार के विंगर होते हैं, जो राइट विंगर और लेफ्ट विंगर के रूप में जाने जाते हैं। विंगर ज्यादातर गेंद को अपने कब्जे में लेने और अच्छी तरह से पास करने में माहिर होते हैं।

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