थाईलैंड के बैंकॉक में शुक्रवार को भारतीय शटलर एच एस प्रणॉय ने BWF वर्ल्ड टूर फ़ाइनल 2022 के अपने तीसरे मैच में डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसेन को हराया।
पुरुष एकल के ग्रुप A मुक़ाबले में बैडमिंटन वर्ल्ड रैंकिंग में 12वें स्थान पर काबिज़ एच एस प्रणॉय ने डेनिश शटलर को 14-21, 21-17, 21-16 से मात दी। यह मुक़ाबला 51 मिनट तक चला।
इससे पहले भारतीय खिलाड़ी को जापान के कोडाई नारोका और चीन के लू गुआंग जू के ख़िलाफ़ हार का सामना करना पड़ा था।
भारत की ओर से एकमात्र चुनौती पेश कर रहे एच एस प्रणॉय अपना आख़िरी मैच जीत कर इस प्रतियोगिता का सकारात्मक अंत करना चाह रहे थे।
प्रणॉय ने पहले गेम की शुरुआत अच्छी की लेकिन वह प्वाइंट बटोरने के सिलसले को ज़्यादा देर तक बरक़रार नहीं रख सके। टोक्यो 2020 ओलंपिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसेन ने इससे पहले अपने दोनों मैच जीत कर आए थे। इस मैच के पहले गेम में भी अपनी पुरानी लय को क़ायम रखते हुए उन्होंने इस गेम को 21-14 से अपने नाम कर लिया।
अब भारतीय खिलाड़ी के सामने अगले दो गेम को जीतने की मुश्किल चुनौती थी। प्रणॉय ने दूसरे गेम की ज़बरदस्त शुरुआत करते हुए विक्टर के ख़िलाफ़ पहली बढ़त हासिल की और फिर अपनी शानदार फॉर्म का मुज़ाहिरा करते हुए 16-12 की लीड ले ली। इसके बाद डेनिश खिलाड़ी को वापसी करने का कोई मौक़ा नहीं मिला और दूसरे गेम को भारतीय शटलर ने 21-17 से अपने नाम कर मैच में वापसी की।
अब अंतिम और निर्णायक गेम दोनों खिलाड़ियों के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण था। विक्टर इस गेम को जीत कर ग्रुप स्टेज के सभी मैचों को अपने नाम करने के प्रयास में थे तो वहीं भारतीय शटलर के पास इस टूर्नामेंट में जीत का खाता खोलने का मौक़ा था।
प्रणॉय ने डिसाइडर की शुरुआत से ही विपक्षी खिलाड़ी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। शुरुआती बढ़त का फ़ायदा उठाते हुए भारतीय खिलाड़ी ने अपना स्वाभाविक खेल खेला और डेनमार्क के शटलर पर 14-12 से बढ़त हासिल कर ली। हालांकि इसके बाद विक्टर ने ज़रूर कुछ प्वाइंट हासिल किए लेकिन वह अपनी हार को नहीं टाल सके और भारतीय खिलाड़ी ने 2-1 से इस मैच को अपने नाम कर इस टूर्नामेंट में अपनी पहली जीत दर्ज की।
आपको बता दें पीवी सिंधु 2018 में BWF वर्ल्ड टूर फ़ाइनल जीतने वाली एकमात्र भारतीय शटलर हैं।