BWF बैडमिंटन रैंकिंग: जानिए इसे तय किए जाने की पूरी प्रक्रिया

बैडमिंटन रैंकिंग वर्ल्ड, BWF वर्ल्ड टूर और ओलंपिक क्वालिफ़िकेशन के लिए अलग-अलग होती है। जानिए इसे तय करने की प्रक्रिया

6 मिनटद्वारा जतिन ऋषि राज
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बैडमिंटन का खेल काफ़ी रोमांचक और प्रतिस्पर्धी है। दुनियाभर में इसके काफ़ी फ़ैंस हैं। ऐतिहासिक रूप से इस खेल में एशियाई देशों का दबदबा रहा है लेकिन हाल के वर्षों में यूरोपीय देशों के खिलाड़ी भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं और बैडमिंटन रैंकिंग में स्थान हासिल करने में सफल हो रहे हैं।

खिलाड़ियों की रैंकिंग हर प्रतियोगिता के साथ ऊपर-नीचे होती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे तय करने की पूरी प्रक्रिया क्या है? किन प्रतियोगिताओं के लिए कितने अंक मिलते हैं और वह दूसरों से अलग कैसे हैं? आइए जानते हैं:

BWF बैडमिंटन रैंकिंग

हर खिलाड़ी की क्षमता पहचाननी बहुत ज़रूरी होती है। हर शटलर के 52 हफ़्तों की प्रतियोगिता को जोड़ा जाता है और फिर उन प्रतियोगिताओं में हासिल किए गए अंकों को जोड़ा जाता है।

बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड रैंकिंग में मुख्य 5 वर्ग हैं और वह हैं – पुरुष एकल, महिला एकल, पुरुष युगल, महिला युगल और मिश्रित युगल।

खिलाड़ी/जोड़ी जैसे-जैसे किसी प्रतियोगिता में जीत हासिल करते हैं उन्हें उसी प्रतियोगिता में आगे जाने का मौक़ा मिलता है जिस वजह से उनकी झोली में अतिरिक्त अंक आते हैं। अच्छे प्रदर्शन की वजह से खिलाड़ी/जोड़ी को बेहतर प्रतियोगिता में खेलने का अवसर मिलता है जो कि उनकी रैंकिंग के लिए सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण साबित होता है। ग़ौरतलब है कि ग्रेड 1 की प्रतियोगिताएं ग्रेड 2 से ज़्यादा अंक देती हैं।

इस आंकलन से ऐसा न समझें कि कोई भी शटलर या बैडमिंटन जोड़ी अगर ज़्यादा टूर्नामेंट में हिस्सा लेते हैं तो उनके पास ज़्यादा अंक होते हैं। बैडमिंटन वर्ल्ड रैंकिंग को इस तरीके से बनाया गया है कि किसी भी खिलाड़ी की 52 हफ़्तों में सर्वश्रेष्ठ 10 स्कोरिंग प्रतियोगिताएं गिनी जाएंगी और उस हिसाब से उन्हें अंक दिए जाएंगे।

अगर किसी खिलाड़ी ने 10 या 10 से कम इवेंट में हिस्सा लिया है तो वह उन सभी में हासिल किए गए अंकों को गिन सकता है और आगे बढ़ सकता है।

ऐसे ही अगर कोई शटलर या जोड़ी 10 से अधिक प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हैं तो ऐसे में उनके सर्वश्रेष्ठ 10 प्रदर्शन को ही गिना जाता है। उदाहरण के तौर पर किसी खिलाड़ी ने 12 प्रतियोगिताओं में शिरकत की है तो ऐसी दो प्रतियोगिताओं को नहीं गिना जाएगा जिसमें उन्होंने सबसे कम अंक बटोरे हैं।

वहीं, BWF जूनियर रैंकिंग में खिलाड़ियों या जोड़ियों की सर्वश्रेष्ठ 7 प्रतियोगिताओं को गिना जाता है जिन्हें पिछले 52 हफ़्तों में खेला गया हो।

बैडमिंटन में अंक कैसे दिए जाते हैं?

इस तरह अंकों का बंटवारा किया जाता है।

ग्रेड 1 इवेंट (BWF वर्ल्ड चैंपियनशिप/ओलंपिक)

विजेता 13000 अंक

रनर अप 11000 अंक

3/4वीं पोज़ीशन 9200 अंक (ओलंपिक में तीसरा स्थान 10,100 अंक और चौथा स्थान 9200 अंक)

ग्रेड 2 इवेंट (लेवल 1 - BWF वर्ल्ड टूर फाइनल और लेवल 2 – एशियन चैंपियनशिप)

विजेता 12000 अंक

रनर अप 10200 अंक

3/4वीं पोज़ीशन – 8400 अंक

ग्रेड 2 इवेंट (लेवल 3 – कुछ BWF वर्ल्ड टूर प्रतियोगिताएं)

विजेता 11000 अंक

रनर अप - 9350 अंक

3/4वीं पोज़ीशन – 7700 अंक

ग्रेड 2 इवेंट (लेवल 4 – कुछ BWF वर्ल्ड टूर और यूरोपियन चैंपियनशिप)

विजेता 9200 अंक

रनर अप 7800 अंक

3/4वीं पोज़ीशन – 6420 अंक

ऊपर दी गई गणना से प्रतियोगिता के स्तर का अंदाज़ा लगाया जा सकता है जिसमें वर्ल्ड चैंपियनशिप या ओलंपिक ग्रेड 2 की प्रतियोगिताओं से ज़्यादा भारी होती हैं और इसमें अंक भी ज़्यादा मिलते हैं।

अगर ऐसा होता है कि किन्हीं दो खिलाड़ियों ने एक समान अंक हासिल किए हैं तो उनमें से जिस भी खिलाड़ी ने 52 हफ़्तों में ज़्यादा प्रतियोगिताएं खेली हैं उन्हें बेहतर रैंक दी जाती है। अगर अंक और इवेंट भी एक समान हैं तो फिर दोनों को बराबर की रैंक दी जाती है।

BWF टूर रैंकिंग

साल 2018 से बैडमिंटन वर्ल्ड फ़ेडरेशन ने नया सिस्टम बनाया है जिसका नाम है BWF वर्ल्ड टूर जिसमें एक साल में 26 टूर्नामेंट खेले जाएंगे।

नए नियम के अनुसार जो भी खिलाड़ी 26 प्रतियोगिताओं के बाद टॉप 8 में अपना नाम शुमार कर लेता है तो उसे साल के अंत में BWF वर्ल्ड टूर फाइनल खेलने का मौका मिलता है और फिर वहां से एक चैंपियन उभरता है। वुमेंस चैंपियनशिप 2018 में इसे पहली बार आयोजित किया गया था और इसे भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने अपने नाम किया था।

BWF वर्ल्ड टूर बैडमिंटन वर्ल्ड रैंकिंग से अलग होती है। जहां वर्ल्ड रैंकिंग को 52 हफ़्तों की प्रतियोगिताओं के बाद आंकलन किया जाता है तो वहीं BWF वर्ल्ड टूर रैंकिंग में खिलाड़ियों के 26 BWF वर्ल्ड टूर इवेंट को मद्देनज़र रखते हुए गिना जाता है।

इसका मतलब है कि BWF विश्व रैंकिंग और BWF विश्व टूर रैंकिंग अलग हो सकती है।

उदाहरण के लिए, एक खिलाड़ी को पिछले 52 हफ्तों में अपने संचयी प्रदर्शन के कारण विश्व में नंबर 1 स्थान दिया जा सकता है, लेकिन वह BWF विश्व टूर रैंकिंग में 8वें स्थान पर हो सकता है, क्योंकि बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर इवेंट में उन्होंने बहुत अधिक प्रगति नहीं की है।

BWF वर्ल्ड टीम रैंकिंग

बीडब्ल्यूएफ व्यक्तिगत स्पर्धाओं में खिलाड़ियों और टीम स्पर्धाओं (जैसे सुदीरमन कप और थॉमस और उबेर कप) में टीमों द्वारा अर्जित अंकों के आधार पर देशों को रैंक करने के लिए BWF हर तीन महीने में टीम रैंकिंग जारी करता है।

BWF वर्ल्ड टीम रैंकिंग प्रत्येक पांच कैटेगरी पुरुष एकल, महिला एकल, पुरुष युगल, महिला युगल, मिश्रित युगल में बांटा जाता है और व्यक्तिगत विश्व रैंकिंग में प्रत्येक देश के खिलाड़ियों की संख्या से निर्धारित होती है।

टॉप 3– 1500 अंक

टॉप 3-10– 1200 अंक

टॉप 10-20 – 1000 अंक

टॉप 20-50 – 750 अंक

टॉप 50 – 100 – 500 अंक

प्रत्येक देश को उपरोक्त गणना के आधार पर अंक दिए जाते हैं और बीडब्ल्यूएफ विश्व टीम रैंकिंग प्रत्येक देश द्वारा पिछले 52 सप्ताह में अर्जित कुल योग के आधार पर निर्धारित की जाती है। भारत वर्तमान में BWF विश्व टीम रैंकिंग में नौवें स्थान पर है।

BWF रैंकिंग के आधार पर बैडमिंटन ओलंपिक क्वालिफिकेशन

BWF ओलंपिक के लिए प्रतिभागियों को तय करने के लिए एक ख़ास रैंकिंग लिस्ट भी जारी करता है।

यह लिस्ट पूर्व-निर्धारित क्वालिफिकेशन विंडो के अंदर एक व्यक्तिगत खिलाड़ी द्वारा अर्जित अंकों की संख्या से निर्धारित होती है।

पुरुष एकल, महिला एकल, पुरुष युगल, महिला युगल और मिश्रित युगल में शीर्ष खिलाड़ी और टीमें, विंडो के अंत में अपने संबंधित देशों के लिए सीधे ओलंपिक कोटा स्थान अर्जित करती हैं।

हालांकि, क्वालीफाई करने वाले खिलाड़ियों या टीमों की संख्या ग्रीष्मकालीन खेलों के किसी विशेष संस्करण में प्रत्येक श्रेणी में प्रतिभागियों की संख्या पर निर्भर करती है। पेरिस ओलंपिक में, पुरुष और महिला एकल में 38-38 खिलाड़ी और पुरुष, महिला और मिश्रित युगल श्रेणियों में 16 जोड़ियां शामिल थीं।

किसी विशेष देश द्वारा प्रत्येक श्रेणी के लिए भेजे जाने वाले खिलाड़ियों की अधिकतम संख्या पर भी एक सीमा होती है।

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