भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु को एशियन गेम्स 2023 में गुरुवार को महिला एकल के क्वार्टरफाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। इसी के साथ सिंधु का पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के हांगझोऊ में सफ़र समाप्त हो गया।
पीवी सिंधु ने जकार्ता 2018 में हुए एशियाई खेलों में रजत पदक जीता था।
बिनजियांग जिम्नेजियम स्टेडियम में 47 मिनट तक चले मैच में दो बार की ओलंपिक पदक विजेता और विश्व बैडमिंटन रैंकिंग में 15वें नंबर पर काबिज़ सिंधु को रैकिंग में पांचवे स्थान पर मौजूद चीन की हे बिंगजियाओ से 21-16, 21-12 से हार मिली।
हांगझोऊ में सिधु की हार के साथ महिला स्पर्धा में पदक की उम्मीद ख़त्म हो गई है। हांगझोऊ में इससे पहले महिला एकल में अस्मिता चालिहा राउंड ऑफ 32 में हारकर बाहर हो गई थीं।
टोक्यो ओलंपिक में सिंधु ने हे बिंग बिंगजियाओ को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया था। हांगझोऊ में अपने मैच से पहले सिंधु पांच मैचों में से चार में चीनी खिलाड़ी को मात दे चुकी हैं।
दो बार की विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता हे बिंगजियाओ ने क्वार्टरफाइनल मैच में शानदार शुरुआत की और 9-5 की बढ़त बनाई।
वह पहले गेम की शुरुआत से पीवी सिंधु पर चीनी खिलाड़ी हावी रहीं। बिंगजियाओ ने शुरुआती बढ़त हासिल की और भारतीय खिलाड़ी को कड़ी टक्कर दी।
सिंधु ने अपने शॉट के जरिए अंक हासिल करने की पूरी कोशिश की। सिंधु ने लगातार तीन अंक हासिल किए और स्कोर को (16-18) किया, लेकिन बिंगजियाओ ने इस गेम को 21-16 से अपने नाम कर लिया।
दूसरे गेम में चीनी बैडमिंटन खिलाड़ी ने शुरुआती (5-1) बढ़त बनाई। लेकिन सिंधु ने 8-8 से स्कोर बराबर किया, लेकिन इसके बाद चीनी खिलाड़ी ने इस गेम में 6 अंकों से बढ़त हासिल की और अपनी बढ़त को बरक़रार रखते हुए दूसरे गेम को 21-12 से जीत लिया। वहीं, पीवी को मैच में काफी संघर्ष करना पड़ा।
भारत ने अभी तक महाद्वीपीय प्रतियोगिता में बैडमिंटन में स्वर्ण पदक नहीं जीता है।
इस बीच, वर्ल्ड रैंकिंग में सातवें स्थान पर काबिज़ एचएस प्रणॉय ने पुरुष एकल क्वार्टरफाइनल में रैकिंग में 16वें स्थान पर मौजूद मलेशिया के ली ज़ी जिया को 21-16, 21-23, 22-20 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई और पदक पक्का किया।
भारतीय शटलर ने पहला गेम आसानी से जीत लिया, लेकिन दूसरे गेम में दो मैच प्वाइंट गंवा दिए, जिससे मुकाबला निर्णायक गेम में चला गया। मलेशियाई खिलाड़ी ने तीसरे गेम में अधिकांश समय बढ़त बरक़रार रखी, लेकिन प्रणॉय ने चोट के बावजूद जिया को मात देने में सफल रहे।
इस साल की शुरुआत में कोपेनहेगन में BWF विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले एचएस प्रणॉय ने हांगझोऊ में भारत के लिए दूसरा बैडमिंटन पदक पक्का किया। वह नई दिल्ली 1982 में कांस्य पदक जीतने वाले सैयद मोदी के बाद एशियाई खेलों में पुरुष एकल पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय बने।
भारत की शीर्ष क्रम की पुरुष युगल जोड़ी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी-चिराग शेट्टी ने 31 मिनट तक चले मैच में सिंगापुर के ने जू जी/जोहान प्राजोगो को सीधे गेम में 21-7, 21-9 से मात देकर सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई। इसके साथ ही बैडमिंटन में भारत के लिए एक और पदक पक्का कर दिया।