स्लैलम स्कीइंग क्या है?
स्लैलम में कोर्स सबसे छोटे होते हैं और साथ ही काफी तीखे मोड़ होते हैं, जिससे गुजरते हुए प्रतियोगी सबसे कम समय निर्धारित करने के लिए पोल के बीच से आगे बढ़ते हैं।
भारत के मोहम्मद आरिफ खान देश के पहले एथलीट बन गए हैं जिन्होंने बीजिंग 2022 विंटर ओलंपिक में कोटा हासिल किया है, वो पुरुषों के स्लैलम इवेंट में भाग लेंगे।
स्लैलम क्या है?
स्लैलम अल्पाइन स्कीइंग का एक हिस्सा है। अल्पाइन स्कीइंग में पांच इवेंट्स होते हैं - डाउनहिल, सुपर-जी, जाइंट स्लैलम, स्लैलम और कंबाइंड। इन सभी इवेंट्स में महिला एवं पुरुष दोनों ही प्रतिस्पर्धा करते हैं।
इसे आसान भाषा में समझने के लिए आप अल्पाइन स्कीइंग को तैराकी की तरह मान सकते हैं, जिसमें फ्री-स्टाइल, बैक स्ट्रोक, ब्रेस्ट स्ट्रोक, बटर फ्लाई और मेडली जैसी अलग अलग शैलियां शामिल हैं।
स्लैलम स्कीइंग के नियम
अल्पाइन स्कीइंग के पांचों इवेंट्स में से स्लैलम को सबसे तेज और सबसे तीखे मोड़ के लिए जाना जाता है।
प्रतिस्पर्धा कर रहे खिलाड़ियों को एक स्लोप पर स्की करना होता है जिसका वर्टिकल डिसेंट महिलाओं के लिए 140 मीटर से 180 मीटर होता है तो वहीं पुरुषों के लिए 180 मीटर से 220 मीटर होता है।
स्कीयर्स को ‘गेट्स’ से गुजरना होता है जो दो प्लास्टिक के पोल होते हैं। इसका रंग अल्टरनेटिंग तौर पर लाल और नीला होता है। हर गेट की चौड़ाई कम-से-कम 4 मीटर और अधिक-से-अधिक 6 मीटर होती है।
स्लैलम स्कीयर, जो फाइनल गेट तक सबसे तेज रूट खोजने के क्रम में पोल से टकरा जाते हैं, उन्हें दो कोर्स से गुजरना पड़ता है। पहले कोर्स के खत्म होने के बाद, समय के आधार पर एलिमिनेशन किया जाता है।
जिस प्रतियोगी ने सबसे कम समय में दोनों कोर्स को पूरा किया होता है उसे विजेता घोषित किया जाता है।
स्लैलम स्कीइंग उपकरण
स्की, स्लैलम के लिए निश्चित रुप से मुख्य उपकरण है। आमतौर पर स्लैलम स्की, अल्पाइन स्कीइंग की सभी इवेंट्स में सबसे छोटी स्की होती है, जिसकी न्यूनतम लंबाई 165 सेमी (पुरुषों के लिए) और 155 सेमी (महिलाओं के लिए) होती है।
बाइंडिंग जूते को स्की से जोड़ती है। स्लैलम स्कीयर एक क्रैश हेलमेट का इस्तेमाल करते हैं। क्रैश हेलमेट से स्कीयर के कानों को सुरक्षा मिलती है, साथ ही उसमें चिन गार्ड भी लगा होता है जिससे गेट से टकराने पर स्कीयर के चेहरे पर चोट नहीं लगती।
स्कीयर गॉगल्स और एक सूट भी पहनते हैं - जो आमतौर पर हवा के प्रतिरोध को कम करने के लिए काफी पतले होते हैं। वे शिनपैड भी पहनते हैं।
स्लैलम स्कीइंग का इतिहास
अल्पाइन स्कीइंग को 1936 के विंटर ओलंपिक में जर्मनी के गार्मिश-पार्टेनकिर्चेन में पहली बार एक कंबाइंड इवेंट के रुप में शुरू किया गया था।
स्लैलम पहली बार स्विटजरलैंड के सेंट मोरित्ज में आयोजित 1948 के विंटर ओलंपिक में खेला गया था और तब से अब तक यह विंटर ओलंपिक के हर संस्करण का हिस्सा रहा है।स्विट्जरलैंड के एडी रीनल्टर 1948 में पहले पुरुष स्लैलम विंटर ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट थे। फ्रांसीसी जेम्स कॉउटेट ने सिल्वर मेडल और हेनरी ओरेलियर ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
अमेरिकी ग्रेचेन फ्रेजर पहली महिला थीं जिन्होंने 1948 के विंटर ओलंपिक में ने स्लैलम गोल्ड मेडल जीता। स्विट्जरलैंड की एंटोनेट मेयर ने सिल्वर मेडल और ऑस्ट्रिया की एरिका महिंगर ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
विंटर ओलंपिक में पुरुषों के स्लैलम में ऑस्ट्रिया सबसे सफल देश रहा है, जिसने 7 गोल्ड, 4 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं।
वहीं महिला स्लैलम में यूएसए सबसे आगे है जिसने महिला स्लैलम में 4 गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज हासिल किया है।