अमेरिका की चहल-पहल वाली गलियों से लेकर ओलंपिक तक 3x3 बास्केटबॉल ने खूब सुर्खियां बटोरीं, ठीक उसी तरह जैसे ये खेल खेला जाता है।
साल 1980 में यूएसए में अर्बन और सेमी-अर्बन शहरों में एक स्ट्रीट बास्केटबॉल के रूप में इसकी शुरुआत हुई। इसके बाद इस खेल ने फुल-कोर्ट बॉस्केटबॉल के तौर पर सभी के दिलों पर राज किया। अब यह महज़ एक समय बिताने वाला खेल नहीं रह गया बल्कि यह एक ट्रेडिशन बन गया है।
इसकी बढ़ती लोकप्रियता की वजह से जल्दी ही यह एक प्रोफेशनल खेल बन गया। इंटरनेशनल बास्केटबॉल फेडरेशन (FIBA) द्वारा स्वीकृत आधिकारिक नियमों के साथ 3x3 बास्केटबॉल को एक नया रूप दिया गया।
साल 2010 में 3x3 बास्केटबॉल ने सिंगापुर में हुए यूथ ओलंपिक गेम्स में अपना डेब्यू किया।
यूथ ओलंपिक गेम्स में अपना डेब्यू करने के एक दशक के बाद इस खेल ने टोक्यो 2020 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेल में भी अपनी जगह बनाई जहां पुरुषों और महिलाओं दोनों की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।
यहां नवीनतम ओलंपिक खेल के बारे में वह सब कुछ है जो आपको जानना आवश्यक है।
परंपरागत बास्केटबॉल से कैसे अलग है 3x3 बास्केटबॉल?
3x3 बास्केटबॉल के नियमों और परंपरागत बास्केटबॉल के नियमों में बहुत कुछ एक समाम है। इनके फाउल के नियम, बॉल हैंडलिंग, पासिंग, 3 सेकेंड रूल, डबल-ड्रिबल जैसी चीजें दोनों खेलों में शामिल हैं।
हालांकि, कुछ अहम चीजें हैं जो दोनों खेलों को अलग करती हैं।
3x3 बास्केबॉल कोर्ट का साइज और डिवीजन
5x5 बास्केटबॉल के विपरीत, जो कि फुल साइज बास्केटबॉल कोर्ट (28mx15m) पर दोनों छोर पर दो हुप्स या रिंग के साथ खेला जाता है, 3x3 गेम आधे कोर्ट पर खेला जाता है - जिसकी लंबाई 11 मीटर और चौड़ाई 15 मीटर होती है - और इसके सिर्फ एक सिरे पर हूप होता है जबकि दूसरे सिरे पर एक अंतिम रेखा (एंड लाइन) होती है।
खेलने वाले एरिया को दो भागों में बांटा जाता है। इन भागों को सेमी-सर्कुलर आकार की शेप दी जाती है और इसे हूप के बीचों बीच से 6.75 मीटर में नापा जाता है। उस आर्क के अंदर की जगह को वन-प्वाइंट ज़ोन कहते हैं और उसके बाहर की जगह को टू प्वाइंट ज़ोन कहा जाता है।
हूप के नीचे की जगह को रेक्टेंगुलर यानी आयताकार जैसा बनाया जाता है, जो कि 5.8m x 4.9m का होता है। इसे ‘की’ कहा जाता है और बेसलाइन के सामने की लाइन को फ्री थ्रो लाइन कहा जाता है।
3x3 बास्केटबॉल में कितने खिलाड़ी खेलते हैं?
जैसा कि नाम से पता चल रहा है कि 3x3 बास्केटबॉल में एक समय पर एक टीम में 3 खिलाड़ी ही हो सकते हैं और परंपरागत 5x5 बास्केटबॉल खेल में पांच खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। इसके अलावा पूरे खेल में सिर्फ एक ही सब्स्टिट्यूट खिलाड़ी का प्रयोग किया जा सकता है। जब भी डेड बॉल हो जाती है तो अंदर का खिलाड़ी बाहर बेंच पर बैठे खिलाड़ी को अपनी जगह खेलने का आमंत्रण दे सकता है।
3x3 बास्केटबॉल गेंद
FIBA द्वारा स्वीकृत 3x3 बास्केटबॉल खेल में उपयोग की जाने वाली गेंद नियमित गेंद से भिन्न होती है। एक 3x3 बास्केटबॉल गेंद का वजन FIBA के आधिकारिक पुरुषों के 5x5 खेलों में उपयोग किए जाने वाले आधिकारिक साइज 7 बास्केटबॉल के समान वजन (620 ग्राम) होता है, लेकिन थोड़ा छोटा (72.39 सेमी व्यास) होता है। साइज 7 बास्केटबॉल का व्यास 74.93 सेमी है।
छोटी गेंद पर पकड़ बनाना आसान होता है और इससे खेल में तेज़ी आती है।
3x3 बास्केटबॉल कैसे खेला जाता है?
ऊपर बताए गए संरचनात्मक अंतरों के आधार पर, यह खेल नियमित बास्केटबॉल की तुलना में थोड़ा अलग तरीके से खेला जाता है।
एक हूप के मौजूद होने के कारण टीमों को अटैकिंग और डिफेंसिव हाफ की रणनीति नहीं बनाती पड़ती है। सिक्का उछाल कर टॉस किया जाता है और जीतने वाला निर्णय लेता है कि वह पहले अटैक करेगा या डिफेंस।
हर बार जब एक टीम अंक बटोरने की कोशिश करती है उसके बाद गेंद की पजेशन बदल जाती है, चाहे वह अंक बटोरने में सफल होते हैं या नहीं। डिफेंस टीम भी ब्लॉक, या रिबाउंड के जरिए पजेशन अपने पास ला सकती हैं। अगर किसी नियम का उल्लंघन किया जाता है उस दौरान भी पजेशन को बदल दिया जाता है।
जब भी कोई खिलाड़ी आर्क के अंदर गेंद को पकड़ता है तो उस उसे गेंद को ड्रिबल करना होता है या आर्क के बाहर खड़े खिलाड़ी को पास करना होता है और इसके बाद ही वह टीम शॉट के लिए जा सकती है।
3x3 बास्केटबॉल शॉट क्लॉक
पारंपरिक बास्केटबॉल की तरह 3x3 बास्केटबॉल में भी समय को मद्देनज़र रखते हुए एक खिलाड़ी या टीम को शॉट लगाना होता है। जहां ट्रेडिशनल बास्केटबॉल में एक टीम को शॉट खेलने के लिए 24 सेकेंड मिलते हैं, वहीं 3x3 बास्केटबॉल में 12 सेकेंड ही मिलते हैं।
खेल का मुख्य मकसद नियमित बास्केटबॉल जैसा ही है। आक्रामक टीम ऊपर से गेंद को हूप के अंदर डालकर अंक हासिल करने की कोशिश करती है जबकि डिफेंसिव टीम उन्हें रोकने की कोशिश करती है।
3x3 बास्केटबॉल स्कोरिंग सिस्टम
3x3 बास्केटबॉल में एक टीम फील्ड गोल/बास्केट कर अंक बटोर सकती है और साथ ही फ्री थ्रो के ज़रिए भी वह अंक तालिका में फेरबदल कर सकती है। इसके साथ ही फील्ड गोल से 1 या 2 अंक भी हासिल किया जा सकता है।
टू-प्वाइंट शॉट – फील्ड गोल में जब कोई भी खिलाड़ी अर्क के बाहर से या टू-प्वाइंट ज़ोन से बास्केट करता है उसकी टीम को 2 अंक मिलते हैं।
वन-प्वाइंट शॉट– यदि अर्क के अंदर से या फिर वन-प्वाइंट एरिया के अंदर से गोल किया जाता है, स्कोर करने वाले टीम को एक अंक मिलता है।
फ्री थ्रो – अगर कोई खिलाड़ी फाउल करता है तो उसके प्रतिद्वंदी को स्कोर करने के लिए 1 या 2 मौके मिलते हैं जिसे वह फ्री लाइन से खेलता है।
FIBA द्वारा स्वीकृत गेम 3x3 बास्केटबॉल का मुकाबला 10 मिनट तक चलता है। अगर किसी भी टीम ने पहले 21 अंक हासिल कर लिए तो वह विजेता होता है, नहीं तो 10 मिनटों में जिस भी टीम का स्कोर ज्यादा होता है वह टीम जीत जाती है।
अगर निर्धारित समय तक स्कोर बराबर हुआ तो एक्स्ट्रा टाइम दिया जाता है और ऐसे में जिस टीम ने मैच की शुरुआत डिफेंस टीम के रूप में की थी उसे गेंद की पजेशन दी जाती है।
ओवरटाइम में दो अंक हासिल करने वाली पहली टीम प्रतियोगिता जीतती है। यदि किसी टीम के निर्धारित समय के अंत में 20 अंक हैं, तो ओवरटाइम में एक और अंक अर्जित करने से वह मैच जीत जाएगी। इस तरह, 3x3 बास्केटबॉल मैच में एक टीम अधिकतम 21 अंक प्राप्त कर सकती है।
3x3 बास्केटबॉल – तेज़ खेल
एक छोटे कोर्ट पर यह कुछ ऐसी बातें है जिस वजह से इस खेल की गति देखते ही बनती है और प्रशंसकों के लिए मानों एक त्योहार सा होता है। ऊर्जा से भरपूर यह खेल हमेशा से यूएसए की जान रहा है और दर्शकों ने इसे बहुत पसंद किया है।
क्रिकेट में जिस प्रकार T20 मुकाबला कम समय का होने के कारण उसका रोमांच बढ़ जाता है वैसे ही 3x3 बास्केटबॉल में भी इसी तरह रोमांच चरम पर होता है। अगर एक खिलाड़ी की तरफ से देखा जाए तो इस फ़ॉर्मेट में उन्हें ज़्यादा तीव्र और चालाक होना पड़ता है।
तीन बार के FIBA 3x3 वर्ल्ड टूर विजेता डुसन बुलुट ने कहा: “यह ग्लोबल है, यह अर्बन है, यह एक शो है। आपको बहुत जल्दी सोचना होता है। अगर आपको ऊपरी स्तर पर रहना है तो आपके पास हर तरह का कौशल होना ज़रूरी है।”
टोक्यो 2020 में, लातविया मेंस कैटेगरी में पहली बार 3x3 बास्केटबॉल ओलंपिक चैंपियन बने, जबकि यूएसए ने वूमेंस कैटेगरी में खिताब अपने नाम किया।