दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक बास्केटबॉल (Basketball) ने 1904 के सेंट लुईस गेम्स में एक प्रदर्शन खेल के तौर पर ओलंपिक में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज कराई थी।
इसके बाद 1936 के ओलंपिक खेलों में बास्केटबॉल को एक मेडल इवेंट के तौर पर शामिल किया गया था और तभी से यह हर चार साल बाद होने वाले ‘खेलों के महाकुंभ’ का हिस्सा रहा है। महिलाओं के बास्केटबॉल की शुरुआत 1976 के ओलंपिक में हुई।
यहां हम बास्केटबॉल के बारे में जानने के इच्छुक लोगों के लिए इससे जुड़ी हर जरूरी जानकारी लेकर आए हैं, मसलन बास्केटबॉल कोर्ट, बास्केटबॉल नियम - जिसमें मॉडर्न-डे बास्केटबॉल नियम, स्कोरिंग, खिलाड़ियों की पोज़ीशन, कोर्ट मेज़रमेंट, बास्केटबॉल मैच कितने मिनट का होता है और इस खेल की उत्पत्ति और प्रसिद्धि की दास्तां शामिल है।
बास्केटबॉल का आविष्कार किसने किया?
बास्केटबॉल गेम उत्पत्ति अमेरिका के मैसाचुसेट्स के स्प्रिंगफील्ड में हुई। स्प्रिंगफील्ड में वाईएमसीए इंटरनेशनल ट्रेनिंग स्कूल में काम करने वाले एक कनाडाई शारीरिक प्रशिक्षक डॉ. जेम्स नाइस्मिथ (Dr James Naismith) ने 1891 में बास्केटबॉल के खेल को लोगों के सामने रखा।
दरअसल, उन्होंने कड़ाके की ठंड के महीनों के दौरान YMCA एथलीटों को फिट रखने के लिए इस इनडोर खेल को तैयार करने का निर्देश दिया था। इसके बाद नाइस्मिथ ने इस खेल को सामने रखा, जिसमें दो आड़ू (पीच) बास्केट और 13 नियमों के साथ एक फुटबॉल की गेंद शामिल थी।
बास्केटबॉल का पहला खेल नाइस्मिथ के नियमों के मुताबिक 9-9 खिलाड़ियों के बीच खेला गया था, लेकिन बीते वर्षों में इसके नियमों को बदल दिया गया और इसे और भी बेहतर करते हुए पेश किया गया, जिसे आज हम मॉडर्न-डे बास्केटबॉल के तौर पर जानते हैं। यही नहीं, बास्केटबॉल खेलने के फायदे भी इसे ख़ास बनाते हैं।
बास्केटबॉल कोर्ट का आयाम और मार्किंग
आधुनिक बास्केटबॉल को समझने के लिए बास्कोटबॉल कोर्ट के आयाम या आकार के बारे में जानना बेहद जरूरी है।
FIBA (अंतरराष्ट्रीय बास्केटबॉल फेडरेशन) के दिशानिर्देशों के अनुसार बास्केटबॉल कोर्ट को एक आयताकार खेल क्षेत्र में होना चाहिए, जिसकी लंबाई 28 मीटर और चौड़ाई 15 मीटर हो। ओलंपिक सहित सभी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में FIBA के दिशानिर्देशों का ही पालन किया जाता है।
कोर्ट की लंबाई को निर्धारित करने वाली रेखा को साइड लाइन (Side Line) कहा जाता है और कोर्ट की चौड़ाई को निर्धारित करने वाली रेखा को एंड लाइन (End Line) या बेस लाइन (Base Line) कहा जाता है।
बास्केटबॉल के नियमों और सिद्धांतों के अनुसार एक कोर्ट को दो समान हिस्सों में विभाजित किया जाता है, जिसे एक मध्य-रेखा या एक कोर्ट के बीचों-बीच एंड लाइन के समानांतर में खींचा जाता है।
दो अंत लाइनों या बेस लाइनों के मध्य बिंदुओं पर दो गोलाकार टोकरी (circular baskets) या हूप्स (hoops) को कोर्ट से 3.05 मीटर (10 फीट) ऊपर रखा जाता है और हूप्स को अंत की लाइन से 1.2 मीटर अंदर रखा जाता है। बास्केट के रिम का व्यास 46 सेंटीमीटर होता है और इसके साथ ही एक खुला हुआ बास्केटबॉल नेट लगा होता है।
बास्केट या हूप्स के केंद्र से 6.75 मीटर की दूरी पर एक तीन-बिंदु वाला आधा गोला बनाया जाता है। तीन-बिंदु वाले इस गोले के अंदर एक आयताकार क्षेत्र (5.8मीx4.9मी) बनाया जाता है जो आधार रेखा या अंत लाइन से शुरू होता है, जिसे की एरिया (Key Area) या प्रतिबंधित क्षेत्र (Restricted Area) कहा जाता है।
कोर्ट के अंत की लाइन के समानांतर प्रतिबंधित क्षेत्र के बाहरी किनारे को फ्री-थ्रो लाइन कहा जाता है। फ्री-थ्रो लाइन के बाहरी हिस्से पर एक 3.6 मीटर व्यास का अर्ध-वृत्त खींचा जाता है, जिसे फ्री-थ्रो सर्कल कहा जाता है।
बास्केटबॉल के नियम और सिद्धांत
बास्केटबॉल एक टीम खेल है और इसे दो पक्षों के बीच खेला जाता है। बास्केटबॉल खेल में मुख्य उद्देश्य गेंद को बास्केट में डालना होता है और इस दौरान विपक्षी टीम को उसे ऐसा करने से रोकना होता है।
बास्केटबॉल मैच को कोर्ट के केंद्र में रेफरी द्वारा शुरू किया जाता है। इस दौरान गेंद को हवा में ऊपर उछाला जाता है और प्रत्येक टीम का एक खिलाड़ी उसे अपने कब्जे में लिए के लिए प्रतिस्पर्धा करता है। बास्केटबॉल गेंद को अपने कब्जे में लेने वाली टीम को ऑफेंसिव (आक्रामक) टीम कहा जाता है, जबकि गेंद को बास्केट करने से रोकने वाली टीम को डिफेंसिव (संरक्षक) टीम कहा जाता है।
बास्केटबॉल स्कोरिंग सिस्टम
थ्री प्वाइंट शॉट - खेल के शुरू होने के बाद तीन-बिंदु गोले के बाहर से किए गए बास्केट के लिए टीम को दो अंक दिए जाते हैं, जबकि तीन-बिंदु गोले के बाहर से किए गए बास्केट के लिए सीधे तीन अंक दिए जाते हैं।
टू प्वाइंट शॉट - एक फ़ील्ड गोल जो विरोधी हाफ में तीन-बिंदु वाले घेरे हुए क्षेत्र के अंदर से किया जाता है। इन्हें टू-पॉइंटर्स कहा जाता है।
वन प्वाइंट शॉट: किसी भी टीम के द्वारा तीन-बिंदु गोले के अंदर फ़ाउल किए जाने पर दूसरी टीम को फ़्री थ्रो दिए जाते हैं, जिसके लिए फाउल जीतने वाला खिलाड़ी फ़्री-थ्रो लाइन के बाहर, लेकिन फ़्री-थ्रो गोले के अंदर से बास्केट करता है। प्रत्येक सफल फ्री थ्रो के लिए 1 अंक दिया जाता है।
गेंद को छीनने के इरादे से या गलत तरीके से किसी खिलाड़ी के शरीर को धक्का देने या किसी तरह की बेईमानी करने पर फाउल दिया जाता है। इसके अलावा एक आक्रामक टीम का खिलाड़ी तीन सेकंड से अधिक समय तक प्रतिबंधित क्षेत्र में नहीं रह सकता है।
FIBA ने एक मैच को आमतौर पर 10 मिनट के चार क्वार्टर में विभाजित किया है। दो क्वार्टर या हॉफ टाइम के बाद दोनों टीमें अपने आधे कोर्ट को बदल लेती हैं। चारों क्वार्टर के अंत में अधिक अंक हासिल करने वाली टीम ही मैच जीतती है।
बास्केटबॉल के उल्लंघन
एक आक्रामक खिलाड़ी बास्केटबॉल को कोर्ट के अंदर ड्रिबलिंग या गेंद को टीम के साथी को पास करते हुए आगे बढ़ सकता है। बास्केटबॉल ड्रिबलिंग (Basketball Dribbling) के दौरान एक खिलाड़ी को एक समय में एक हाथ का उपयोग करते हुए गेंद को लगातार फर्श से टकराते हुए गेंद को बार-बार उछालने की जरूरत होती है।
इसके अलावा अगर कोई खिलाड़ी ड्रिबल को पूरी तरह से रोक देता है, तो उसे गेंद को पास यानी दूसरे खिलाड़ी को देना होता है या फिर उसे बास्केट करने के लिए फेंकने की जरूरत होती है। यदि बास्केटबॉल प्लेयर्स रुकने के बाद फिर से गेंद को ड्रिबल करना शुरू करता है तो यह भी डबल ड्रिबल उल्लंघन (Double Dribble Violation) माना जाता है।
दौड़ते या आगे बढ़ते हुए गेंद को पकड़ने के बाद खिलाड़ी को गेंद पास, शूट या ड्रिबल शुरू करने से पहले अधिकतम दो कदम ही चलने की अनुमति होती है। अन्यथा इसे चलने का उल्लंघन करार दिया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप इसे फिर से दूसरे पक्ष को सौंप दिया जाता है।
यदि गेंद प्राप्त करते समय या ड्रिबल रोकने के बाद एक स्थिर स्थिति में एक खिलाड़ी को उसका कोई एक पैर जमीन में ही जमाए रखने की आवश्यकता होती है, जिस पर वह घूमकर गेंद को पास या शूट कर सकता है।
गेंद प्राप्त करने वाला खिलाड़ी ड्रिबलिंग शुरू कर सकता है, लेकिन जब तक गेंद उनके हाथ से नहीं निकल जाती है तब तक वह पिवट यानी स्थिर पैर उठा या हटा नहीं कर सकता है। इसे भी यात्रा उल्लंघन (traveling violation) करार दिया जात है।
जब कोई टीम अपने हॉफ कोर्ट में गेंद को हासिल कर लेती है तो उसे अपनी विरोधी टीम के हॉफ कोर्ट में 10 सेकेंड के अंदर ही पहुंचना होता है। एक बार जब कोई टीम मिडलाइन में आ जाती है तो उसे डिफेंडर टीम के हॉफ कोर्ट में कब्ज़ा बनाए रखने की आवश्यकता होती है और आक्रामक खिलाड़ी उसके बाद अपने खुद के हॉफ कोर्ट में वापस नहीं जा सकते हैं। यदि उनके द्वारा गेंद वापस उनके ही हॉफ कोर्ट में जाती है तो यह बैककोर्ट उल्लंघन (Backcourt Violation) होता है।
एक रक्षात्मक खिलाड़ी को भी गेंद को ब्लॉक करने या छूने की अनुमति नहीं होती है जब आक्रामक खिलाड़ी बास्केट के नीचे हो या बास्केट करने के लिए निशाना लगा रहा हो। इसे लक्ष्यीकरण उल्लंघन (goaltending violation) कहा जाता है।
एक हमले के दौरान, एक आक्रामक खिलाड़ी को एक शॉट का प्रयास किए बिना तीन सेकंड से अधिक समय तक विपक्षी की (Key) में रहने की अनुमति नहीं है। इसे तीन-सेकंड नियम कहा जाता है और लेन उल्लंघन (Lane Violation) कहलाता है।
शॉट क्लॉक
एक बार जब कोई टीम गेंद पर कब्जा कर लेती है, तो उन्हें 24 सेकंड की शॉट क्लॉक दी जाती है, जिसका अर्थ है कि उन्हें गेंद को हूप में फेंकना होगा या समय से पहले रन आउट करने के लिए एक वैध फील्ड गोल का प्रयास करना होगा।
एक बास्केटबॉल टीम में कितने खिलाड़ी हो सकते हैं ?
एक पारंपरिक बास्केटबॉल टीम में 12 खिलाड़ी होते हैं, जो किसी भी समय कोर्ट में पांच बास्केटबॉल खिलाड़ियों के साथ होते हैं। असीमित प्रतिस्थापन की अनुमति है।
पांच खिलाड़ियों को निम्नलिखित स्थानों पर रखा जाता है:
प्वाइंट गार्ड: आमतौर पर टीम में सर्वश्रेष्ठ बॉल-हैंडलिंग कौशल और दृष्टि वाले खिलाड़ी प्वाइंट गार्ड के रूप में खेलते हैं। जिनकी भूमिका आक्रामक और रक्षात्मक दोनों ही तरह की होती है ताकि टीम के साथियों के लिए अवसरों को पैदा कर सकें।
शूटिंग गार्ड: आमतौर पर टीम में सबसे अच्छी लंबी और मध्य दूरी के शूटर। स्थिति को नियंत्रित करने वाले खिलाड़ी लगातार थ्री प्वाइंटर की तलाश करते हैं या अपने टीम के साथियों के लिए बास्केट के पास जगह बनाने में मदद कर सकते हैं।
स्मॉल फ़ॉर्वर्ड – इसके लिए बहुमुखी कौशल की आवश्यकता होती है। इसके लिए ताकत और ऊंचाई के साथ-साथ गति और ड्रिबलिंग क्षमताओं की आवश्यकता होती है। मिड-रेंज और शॉर्ट-रेंज शूटिंग क्षमताएं भी महत्वपूर्ण हैं।
पॉवर फ़ॉर्वर्ड – ये बहुत हद तक स्मॉल फ़ॉर्वर्ड की ही तरह होता है, लेकिन यहां फ़िज़िकल तौर पर ध्यान देना ज़रूरी है। एक पावर फॉरवर्ड आमतौर पर सेंटर के लिए बेहद अहम है और पेंट (paint) के अंदर से टीम के सबसे भरोसेमंद स्कोरर हैं।
सेंटर - आमतौर पर टीम में सबसे लंबा खिलाड़ी, दोनों हिस्सों में बास्केट के निकटतम स्थान पर रहते हैं और विपक्षी शूटर्स को ब्लॉक करने का काम सौंपा जाता है, जबकि उनके आक्रामक रवैये के लिए उन्हें शॉर्ट रेंज मूव्स खत्म करने या डिफ़ेंडरों को छकाते हुए बास्केट करने की ज़िम्मेदारी होती है।
NBA - लोकप्रिय यूएस-आधारित बास्केटबॉल लीग, बहुत ही मामूली बदलाव के साथ समान नियमों का पालन करती है।