सालों से खेला जाने वाला टेनिस स्पोर्ट, दुनिया में सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक के रूप में उभरा है।
ओलंपिक पदक विजेता लिएंडर पेस और भारतीय वुमेंस टेनिस की दिग्गज खिलाड़ी सानिया मिर्जा जैसे सितारों ने उपमहाद्वीप में लॉन टेनिस को नई पहचान दिलाई और नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में मदद की।
दूसरे अन्य खेल की तरह टेनिस का कोर्ट, उसकी बनावट और टेनिस के नियम इस खेल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
टेनिस कोर्ट की सही जानकारी न केवल टेनिस खेलने के लिए बल्कि फैंस को खेल को समझने और उसका मजा लेने के लिए भी आवश्यक है।
टेनिस कोर्ट क्या है?
टेनिस के वैश्विक शासी निकाय अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ के नियमों के अनुसार एक प्रतिस्पर्धी टेनिस कोर्ट आकार में आयताकार होना चाहिए, जिसकी लंबाई 23.77 मीटर होती है। हालांकि चौड़ाई डबल्स और सिंगल्स में अलग अलग होती है। टेनिस कोर्ट की डबल्स मैच के लिए चौड़ाई 10.97 मीटर और सिंगल्स मैच के लिए 8.23 मीटर होती है।
अगर लॉन टेनिस कोर्ट को ऊपर से देखा जाए तो टेनिस कोर्ट की चौड़ाई के साथ होरिजेंटल (क्षैतिज) रूप से खींची गई दो समांतर रेखाओं को बेस-लाइन कहा जाता है, जबकि टेनिस कोर्ट की लंबाई के साथ खींची गई रेखाओं को साइड-लाइन कहा जाता है।
दुनिया भर के लगभग सभी टेनिस कोर्ट सिंगल और डबल्स मैचों के लिए एक ही कोर्ट में बनाए जाते हैं। इसलिए सिंगल्स मैच के लिए साइडलाइन, डबल्स साइडलाइन मार्किंग के अंदर बनाए गए होते हैं।
लॉन टेनिस कोर्ट के दोनों ओर दो लेन होते हैं, प्रत्येक 1.37 मीटर चौड़ा और 23.77 मीटर लंबा होता है। दोनों लंबी लाइनों के बीच की जगह सिंगल्स मैच के लिए कोर्ट के बाहर मानी जाती है, जबकि डबल्स मैच के लिए वो कोर्ट के अंदर होती हैं।
कोर्ट के बीच में 1.07 मीटर ऊंचा एक जाल होता है, जो समानांतर रूप से बेसलाइन तक बंधा होता है। ये नेट कोर्ट को दो बराबर भागों में बांटता है। प्रत्येक टीम या खिलाड़ी एक मैच के दौरान कोर्ट के आधे हिस्से में ही खेल सकते हैं।
प्रत्येक आधे हिस्से में नेट से 6.40 मीटर की दूरी पर एक सर्विस लाइन खींची गई होती हैं। हालांकि, सर्विस लाइन सिर्फ सिंगल्स साइडलाइन निशान तक फैली होती है।
दो सर्विस लाइनों के बीच में एक लंबी लाइन खींची गई होती है जो दोनों साइडलाइन के बीच में होती है और सर्विस लाइन से जुड़ी होती है। जो दो आयताकार बॉक्स का रूप देती है। जिन्हें सर्विस एरिया कहा जाता है। जो टेनिस कोर्ट के प्रत्येक आधे हिस्से में नेट से जुड़े होते हैं। ये क्षेत्र सर्विस के दौरान सबसे महत्वपूर्ण होते हैं।
टेनिस के नियम
एक टेनिस मैच में, एक खिलाड़ी को बेस लाइन से पीछे खड़े होकर सर्विस करनी होती है। खिलाड़ी सेंटर मार्क के बाएं या दाएं से सर्विस कर सकते हैं।
खिलाड़ी की सर्विस नेट से दूर होनी चाहिए और गेंद दूसरे आधे हिस्से में तिरछा जाकर उछाल लेते हुए ही आगे जाए तो ही सर्विस सही मानी जाती है। ऐसा करने में अगर कोई खिलाड़ी असफल होता है तो वो गलती मानी जाएगी और लगातार दो गलत सर्विस करने पर एक अंक विपक्षी खिलाड़ी के खाते में जोड़ दिया जाता है।
हालांकि, टेनिस कोर्ट में ये ध्यान दिया जाना चाहिए कि सर्विस एरिया सिंगल्स और डबल्स मैचों के लिए समान होती है और साइड लेन में भी विस्तार नहीं किया जाता है।
इसके अलावा सर्विस एरिया सिर्फ सर्विस के दौरान मायने रखती है। अगर गेंद नेट पार करती है और पहली बार प्लेइंग एरिया के अंदर उछलती है तो सर्विस के बाद सर्विस रिटर्न सहित बाद के सभी शॉट मान्य होते हैं।
अगर गेंद नेट को पार करती है, लेकिन प्रतिद्वंद्वी के रैकेट या शरीर को छुए बिना सर्विस एरिया के बाहर उछलती है, तो इसे आउट कहा जाता है और एक अंक प्रतिद्वंद्वी के खाते में जो दिया जाता है।
टेनिस कोर्ट के प्रकार – ग्रास कोर्ट, क्ले कोर्ट और हार्ड कोर्ट
हालांकि सभी प्रकार के टेनिस कोर्ट की लंबाई-चौड़ाई एक समान ही होती है। लेकिन अलग अलग सतह की वजह से इन्हें अलग अलग नाम दिया गया है। ग्रास कोर्ट, क्ले कोर्ट और हार्ड कोर्ट की सतह एक दूसरे से अलग होती है।
ग्रास कोर्ट
ग्रास कोर्ट सबसे पारंपरिक टेनिस कोर्ट है। पुराने ब्रिटिश एलीट वर्ग के बगीचों और घास के लॉन पर खेले जाने के दौरान टेनिस ने अपनी अलग ही लोकप्रियता हासिल की, और इसलिए इसे अक्सर लॉन टेनिस कहा जाता है।
विम्बलडन सहित कई ग्रैंड स्लैम के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित टेनिस टूर्नामेंट अभी भी ग्रास कोर्ट पर खेले जाते हैं।
घास की सतहों पर, गेंद स्किड और अपनी गति को बनाए रखते हुए अप्रत्याशित उछाल हासिल करती है। इसलिए, घास के कोर्ट पर मैच जल्दी होते हैं और वो तकनीक, एकाग्रता, और तेजी बनाए रखने में खिलाड़ियों के लिए मददगार होते हैं।
ये सबसे तेज़ प्रकार का कोर्ट होता है और सर्व एंड वॉली (ये एक ऐसी शैली होती है, जिसमें खिलाड़ी सर्विस के बाद रिटर्न देने के लिए तुरंत नेट के पास आ जाता है) स्टाइल वाले खिलाड़ियों के लिए काफी मददगार होते हैं।
रोजर फेडरर, पीट सम्प्रास, सेरेना विलियम्स, मार्गरेट कोर्ट और बिली जीन किंग जैसे खिलाड़ियों ने ग्रास कोर्ट पर शानदार प्रदर्शन किया है।
क्ले कोर्ट
एक क्ले कोर्ट आम तौर पर ठोस शैली का होता है, जो पत्थर या ईंट जैसी चीजों से बना होता है। सामान्यतः दो प्रकार के क्ले कोर्ट होते हैं।
यूरोप और लैटिन अमेरिका में अधिक सामान्य लाल मिट्टी के कोर्ट लोकप्रिय हैं। उदाहरण के लिए, फ्रेंच ओपन ग्रैंड स्लैम लाल मिट्टी के कोर्ट पर खेला जाता है। इस कोर्ट को ज्यादातर ढीली सामग्री की एक शीर्ष परत से बनाया जाता है जिसके नीचे ईंट होती हैं, जो इसे लाल रंग देती हैं।
इन सतहों पर गेंद ज्यादा उछाल लेती है, जिससे तेज रिटर्न करना मुश्किल हो जाता है। घास की कोर्ट की तुलना में यहां बहुत धीमी रिटर्न आती हैं, जिससे यहां बहुत लंबी रैलियां देखने को मिलती हैं।
इसलिए क्ले कोर्ट पर मैच किसी भी खिलाड़ी के लिए ज्यादा संघर्षपूर्ण होती है और अक्सर खिलाड़ी के धीरज की परीक्षा होती है।
ज्यादा उछाल के साथ एक अच्छा स्पिन मिट्टी की सतहों पर एक बहुत शक्तिशाली सर्विस हो सकता है, जहां विपक्षी टेनिस खिलाड़ियों को प्लेसमेंट के माध्यम से मारना मुश्किल हो जाता है।
बेसलाइन खिलाड़ी (जो बेसलाइन से अच्छी तरह से बचाव कर सकते हैं) जैसे राफेल नडाल, ब्योर्न बोर्ग, क्रिस एवर्ट और जस्टिन हेनिन को क्ले कोर्ट पर ज्यादा सफलता मिली है। नडाल को उनके रिकॉर्ड-तोड़ 14 फ्रेंच ओपन खिताबों के लिए अक्सर 'किंग ऑफ क्ले' कहा जाता है।
कम हरे दिखने वाला क्ले कोर्ट मेटाबेसाल से बना होता है। ये लाल मिट्टी की कोर्ट की तुलना में थोड़ा तेज और सख्त होते हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं।
हार्ड कोर्ट
हार्ड कोर्ट आमतौर पर कंक्रीट या डामर की नींव के ऊपर रखी सिंथेटिक या एक्रिलिक परतों से बने होते हैं। कुछ कोर्ट को बनाने में राल और रबर का भी उपयोग किया जाता है।
ऊपरी परतों में मौजूद रेत की मात्रा के अनुसार हार्ड कोर्ट की गति अलग-अलग हो सकती है, लेकिन आमतौर पर मिट्टी की कोर्ट की तुलना में तेज होती है लेकिन घास की कोर्ट की तुलना में धीमी होती है। वर्तमान में यूएस ओपन और ऑस्ट्रेलियन ओपन ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट ऐक्रेलिक-टॉप्ड हार्ड कोर्ट पर खेले जाते हैं।
हार्ड कोर्ट पर गेंद ज्यादा तेज और अधिक उछाल लेती हैं।
नोवाक जोकोविच जैसे हरफनमौला खिलाड़ी आमतौर पर हार्ड कोर्ट पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
ओलंपिक टेनिस स्पोर्ट तीनों प्रकार के टेनिस कोर्ट - ग्रास, क्ले और हार्ड पर खेला जाता है।
लंदन 2012 ओलंपिक के मैच को ग्रास कोर्ट पर खेला गया था, इसके अलावा पिछले छह ओलंपिक टेनिस प्रतियोगिताओं में से पांच हार्ड कोर्ट पर खेले गए हैं और टोक्यो गेम्स भी हार्ड कोर्ट पर ही खेले जाएंगे। आखिरी ओलंपिक क्ले कोर्ट टेनिस प्रतियोगिता बार्सिलोना 1992 में आयोजित की गई थी।
ग्रैंड स्लैम में उपयोग किए जाने वाले तीन प्राथमिक प्रकार के टेनिस कोर्ट सतहों के अलावा, एक समय में बड़े लेवल के मैचों में कालीन कोर्ट का भी उपयोग किया जाता था। ये टेक्सटाइल या पॉलिमर होते हैं जिन्हें रोल या शीट कहा जाता है जिसे टेनिस कोर्ट बनाने के लिए किसी भी सपाट कंक्रीट या रेत की सतह पर रखा जा सकता है।
हालांकि, शीर्ष स्तर के मेंस टेनिस के लिए शासी निकाय, टेनिस प्रोफेशनल एसोसिएशन (एटीपी) ने 2009 के बाद इस तरह के कोर्ट का उपयोग करना बंद कर दिया।
शीर्ष स्तर की महिला टेनिस के लिए शासी निकाय, महिला टेनिस संघ (डब्ल्यूटीए) ने 2018 तक कालीन कोर्ट पर इवेंट कराना जारी रखा था लेकिन 2019 से बंद कर दिया गया। 2018 में कनाडा के एक शहर में आखिरी बार टेनिस मैच के लिए किसी कालीन कोर्ट का उपयोग किया गया था।
कारपेट कोर्ट आमतौर पर हार्ड कोर्ट की तुलना में तेज़ होते हैं लेकिन ग्रास कोर्ट की तुलना में धीमी होती हैं।
इन कोर्ट में से कोई भी कोर्ट आउटडोर या इनडोर मैच के लिए प्रयोग किया जा सकता है। आउटडोर कोर्ट पर मौसम की स्थिति एक बड़ी भूमिका निभाती है जबकि इनडोर कोर्ट मैचों में इसका कम प्रभाव होता है।