दीपिका कुमारी का पिछले एक दशक से भारतीय तीरंदाजी में दबदबा रहा है। दीपिका ने विश्व चैंपियनशिप, विश्व कप, एशियाई चैंपियनशिप, एशियाई खेलों और कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीते हैं। विश्व तीरंदाजी में इतना दबदबा रहने के बावजूद उनके नाम अभी तक ओलंपिक पदक नहीं है।
27 साल की हो चुकीं दीपिका ने अब तक तीन ओलंपिक खेलों में भाग लिया है। टोक्यो ओलंपिक खेलों में भाग लेकर दीपिका कुमारी ने लगातार अपने तीसरे ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया।
तो चलिए दीपिका कुमारी के अब तक के ओलंपिक सफर पर एक नज़र डालते हैं।
दीपिका कुमारी का 2012 लंदन ओलंपिक डेब्यू
दीपिका कुमारी ने लंदन 2012 में ओलंपिक में अपना डेब्यू किया था, जिससे लोगों को दीपिका से काफी उम्मीदें थीं। आपको बता दें कि वो लंदन खेलों में शीर्ष स्तर की तीरंदाज थीं। हालांकि, तब भारतीय तीरंदाज अपने शीर्ष पायदान को बरकरार रखने में असफल रहीं। दरअसल, लंदन पहुंचने के बाद दीपिका को अपने स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ा, जहां वो बुखार से पीड़ित हो गई थीं।
हालांकि, दीपिका ने रैंकिंग राउंड में अपनी शानदार शुरुआत की और 662 प्वाइंट के साथ आठवें स्थान पर रहीं। हालांकि उस समय 18 वर्षीय दीपिका आगे अपने फॉर्म को बरकरार नहीं रख सकीं। उन्हें पहले एलिमिनेशन राउंड में ग्रेट ब्रिटेन की 57वीं वरीयता प्राप्त एमी ओलिवर से हार का सामना करना पड़ा।
इस दौरान भारतीय तीरंदाज ने सिर्फ एक सेट जीता और मैच 6-2 से हार गईं, पूरे मैच में दीपिका एक भी परफेक्ट 10 का स्कोर नहीं लगा पाईं। इसके साथ ही इंडिविज़ुअल रिकर्व इवेंट में वो 33वें स्थान पर रहीं।
यही नहीं, बोम्बायला देवी, चेक्रोवोलु स्वूरो और दीपिका कुमारी शामिल थीं। बता दें कि यह महिला टीम शुरुआती राउंड में बाहर हो गईं। यह तिकड़ी डेनमार्क से एक अंक (211-210) से हार गईं, और इस तरह लंदन 2012 में दीपिका कुमारी का सफर समाप्त हो गया।
दीपिका का 2016 रियो ओलंपिक का सफर
दीपिका ने रियो 2016 में अपने दूसरे ओलंपिक में हिस्सा लिया। जहां इस इवेंट से तीन महीने पहले तीरंदाज ने क्वालीफिकेशन राउंड के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी कर ली थी। अपने दूसरे ओलंपिक में रांची की इस लड़की ने रियो में जोरदार तरीके से रैंकिंग राउंड की शुरुआत की, और 18 तीरों के बाद शीर्ष 10 में शामिल हो गई। हालांकि, वह सेकेंड हाफ में फिसलकर 20वीं रैंक की तीरंदाज के रूप में एलिमिनेशन में पहुंच गई।
जहां दीपिका को एलिमिनेशन रॉउंड ऑफ 64 के मुकाबले में जॉर्जियाई क्रिस्टीन एसेबुआ से एक कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा, फिर अगले राउंड में इटली की ग्वैंडलीना सरटोरी को हराकर शीर्ष 16 में जगह बनाने में सफल हुईं।
हालांकि, चीनी ताइपे की तान या-तिंग ने राउंड ऑफ 16 के मुकाबले में उन्हें 6-0 से हरा दिया, जिससे उनके इंडिविज़ुअल मुकाबले का सफर खत्म हो गया। वहीं, टीम इवेंट में दीपिका कुमारी अनुभवी बोम्बायला देवी और लक्ष्मीरानी मांझी के साथ शामिल हुईं। जहां भारत की इस तिकड़ी ने राउंड ऑफ 16 मुकाबले में कोलंबिया को 5-3 से हराया, लेकिन शूट-ऑफ में रूस से 4-5 से हार का सामना करना पड़ा।
टोक्यो 2020 ओलंपिक में दीपिका कुमारी
रियो और लंदन ओलंपिक में दिल टूटने के बाद दीपिका कुमारी ने 2019 में बैंकॉक में एशियन कॉन्टिनेंटल क्वालिफिकेशन टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने के साथ टोक्यो ओलंपिक गेम्स के लिए क्वालीफाई किया।
दीपिका कुमारी ने टोक्यो 2020 में दुनिया की नंबर-1 तीरंदाज़ के तौर पर प्रवेश किया और वह टोक्यो में भारत की अकेली महिला तीरंदाज थीं। उन्होंने प्रवीण जाधव के साथ वूमेंस इंडिविज़ुअल रिकर्व और मिक्स्ड टीम इवेंट में भाग लिया।
महिला वर्ग में दीपिका ने पिछले दो ओलंपिक से बेहतर प्रदर्शन करते हुए पहली बार शीर्ष आठ में जगह बनाई।
हालांकि, कोरिया की शीर्ष वरीयता प्राप्त एन सैन ने उनके अभियान को रोक दिया और क्वार्टर-फाइनल में भारतीय तीरंदाज़ को 6-0 से हराया।
दीपिका रैंकिंग राउंड में नौवें स्थान पर रहीं और पहले दो एलिमिनेशन राउंड में भूटान की भु कर्मा और यूएसए की जेनिफर म्यूसिनो-फर्नांडीज को बाहर कर दिया था।
उन्होंने राउंड ऑफ-16 में आरओसी की केन्सिया पेरोवा की कड़ी चुनौती को पार करते हुए एन सैन के साथ मुकाबले में जगह बनाई।
मिक्स्ड टीम इवेंट में भी दीपिका को क्वार्टर-फाइनल से बाहर होना पड़ा।
दीपिका कुमारी और प्रवीण जाधव की भारतीय टीम ने प्री-क्वार्टर में चीनी ताइपे को हराया लेकिन अगले राउंड में शीर्ष क्रम की कोरियाई टीम (एन सैन/किम जे देव) से हार गईं।
ओलंपिक में दीपिका कुमारी: रिजल्ट – वूमेंस इंडिविजुअल रिकर्व
लंदन 2012: पहला राउंड
रियो 2016: राउंड ऑफ-16
टोक्यो 2020: क्वार्टर-फाइनल