शीतल देवी: मुश्किलों से लड़कर कामयाबी की दास्तां लिखने वाली भारतीय पैरा तीरंदाज

शीतल देवी एशियन पैरा गेम्स चैंपियन होने के साथ-साथ भारत की सबसे कम उम्र की पैरालंपिक पदक विजेता हैं। उनके पदक, रिकॉर्ड और उपलब्धियां को जानिए।

6 मिनटद्वारा अरसलान अहमर
Sheetal Devi, armless archer from India
(Khelo India Para Games)

शीतल देवी भारत की एक पैरा-तीरंदाज हैं, उन्होंने हर मुश्किलों को पीछे छोड़ कर विश्व स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। शीतल ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतकर एक बार फिर अपना परचम लहराया है।

शीतल देवी का जन्म साल 2007 में हुआ था। वह शुरुआत से ही फोकोमेलिया से पीड़ित थीं, जो एक दुर्लभ जन्मजात विकार है और जिसकी वजह से शरीर के किसी अंग का विकास नहीं होता है। यही वजह रही कि दुर्भाग्यवश उनकी भुजाओं का पूरी तरह से विकास नहीं हो पाया। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

शीतल ने तीरंदाजी खेल में अपना जौहर दिखाया और 2023 तक तीरंदाजी में उनकी उपलब्धियां सिर्फ एक सीजन के बाद ही सुर्खियों में हैं।

शीतल देवी ने जुलाई में चेक रिपब्लिक में विश्व तीरंदाजी पैरा चैंपियनशिप 2023 में ओपन महिला कंपाउंड तीरंदाजी स्पर्धा में रजत पदक जीता। वह पैरा वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली पहली महिला आर्मलेस तीरंदाज थीं।

इस पदक ने शीतल को पेरिस 2024 पैरालंपिक गेम्स के लिए भारत के लिए कोटा हासिल करने में भी मदद की।

अक्टूबर में एशियन पैरा गेम्स 2023 में शीतल देवी का शानदार डेब्यू सीजन जारी रहा। उन्होंने महिला युगल प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने के अलावा व्यक्तिगत कंपाउंड और मिश्रित टीम स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक हासिल किए।

शीतल देवी की उपलब्धियों को और चार-चांद लगाने वाली बात यह है कि वह बिना हाथों के निशाना लगाने वालीं एकमात्र सक्रिय महिला अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज हैं।

शीतल देवी के शुरुआती दिन

शीतल का जन्म 10 जनवरी, 2007 को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के लोइधर गांव में हुआ था। दुर्लभ शारीरिक स्थिति के साथ पैदा होने के बावजूद, जिसमें काफी शारीरिक चुनौतियां थीं, शीतल देवी एथलेटिक रूप से काफी प्रतिभाशाली थीं और यही वजह थी कि बचपन से ही उन्होंने कभी भी अपनी सीमाओं को अपने ऊपर हावी होने नहीं दिया।

एक बच्चे के रूप में, शीतल के पास दृढ़ इच्छाशक्ति थी और खेल-कूद के तौर पर वह पेड़ों पर चढ़ना पसंद करती थीं। इस गतिविधि ने उनके शरीर का ऊपरी हिस्सा मजबूत बनाने में मदद की जो बाद में उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।

भारतीय सेना ने पैरा तीरंदाजी में शीतल देवी के करियर को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका अदा की। 2021 में जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में भारतीय सेना द्वारा आयोजित एक यूथ इवेंट में सेना के कोच शीतल की सहज एथलेटिक क्षमता और आत्मविश्वास से रूबरू हुए।

हालांकि, शीतल देवी को पैरा तीरंदाजी में हर तरह से सक्षम बनाने में कोचों को शुरुआत में कई रुकावटों का सामना करना पड़ा। प्रशिक्षकों ने शुरू में प्रोस्थेटिक्स में उनकी मदद करने की योजना बनाई लेकिन यह काम नहीं आया।

आगे और रिसर्च करने के बाद, प्रशिक्षकों को बिना हाथ वाले तीरंदाज मैट स्टुट्जमैन के बारे में पता चला, जिन्होंने लंदन 2012 पैरालंपिक में रजत पदक जीतने के लिए अपने पैरों का इस्तेमाल किया था।

तीरंदाजी में शीतल देवी का उदय

शीतल जल्द ही पूर्व तीरंदाज और कोच कुलदीप वेदवान की अकादमी में शामिल हो गईं। राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सक्षम तीरंदाजों के बीच प्रतिस्पर्धा करने के बावजूद, शीतल देवी की प्रतिभा सभी को देखने को मिली।

पैरा तीरंदाजी के दिग्गज स्टुट्जमैन के समान अपने पैरों का इस्तेमाल करते हुए, शीतल देवी ने अपरंपरागत शूटिंग तकनीक को अपनाया और मार्च-अप्रैल 2022 में हरियाणा में पैरा तीरंदाजी राष्ट्रीय चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा की।

वेदवान ने कहा कि टूर्नामेंट महत्वपूर्ण था क्योंकि इससे शीतल देवी को बतौर भारतीय पैरा तीरंदाज औपचारिक मान्यता प्राप्त करने में मदद मिली।

(Khelo India Para Games)

छह महीने बाद, शीतल देवी ने गोवा में सक्षम तीरंदाजों के बीच जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। हालांकि, उन्होंने वहां कोई पदक नहीं जीता, लेकिन उनका प्रदर्शन उनके कोच और खुद के लिए उत्साहजनक साबित हुआ।

जबकि अधिकांश को वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाने से पहले प्रशिक्षण के मैदान पर कई साल बिताने पड़ सकते हैं, शीतल देवी ने साबित कर दिया कि वह उन कुछ चुनिंदा लोगों में से थीं जो असाधारण कौशल की धनी थीं।

2023 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक और एशियाई पैरा खेलों में दो स्वर्ण और एक रजत जीतने के बाद, शीतल देवी ने पैरा कंपाउंड तीरंदाजों की रैंकिंग में नंबर 1 स्थान हासिल किया।

शीतल ने नई दिल्ली में महिला कंपाउंड ओपन वर्ग में खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2023 के उद्घाटन में स्वर्ण पदक जीतकर अपने वर्ष का समापन किया।

शीतल देवी को एशियाई पैरालंपिक समिति द्वारा वर्ष का सर्वश्रेष्ठ युवा एथलीट नामित किया गया था और उन्हें भारत के राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2023 में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने के लिए नामांकित किया गया था। अर्जुन पुरस्कार खेल रत्न के बाद भारतीय खिलाड़ियों के लिए दूसरा सबसे बड़ा सम्मान है।

दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में मदद करने के लिए अंतरराष्ट्रीय इवेंट्स के दौरान शीतल को साथी कंपाउंड तीरंदाज रोमिका शर्मा, जो जम्मू-कश्मीर से हैं, उनके द्वारा मदद मिली।

रोमिका ने कहा, "मैं उनकी अभ्यास सत्रों की देख-रेख करती हूं, तीर और सामान ले जाती हूं, इसके अलावा उनकी स्ट्रेचिंग वर्कआउट की निगरानी करती हूं और साथ ही उनकी स्कोरिंग भी सुनिश्चित करती हूं। मैदान के बाहर भी, जब भी उन्हें मदद की जरूरत होती है, मैं उन्हें खाना खिलाने के साथ-साथ उनसे बात भी करती हूं।

रोमिका आगे कहती हैं, ''मैं उनकी एक अच्छी दोस्त होने के बावजूद खुद को उनकी बहन की तरह महसूस करती हूं। जब भी वह अकेले कहीं यात्रा कर रही होती हैं, तो मुझे चिंता होने लगती है कि वह क्या कर रही होंगी। वह थोड़ी जिद्दी और मासूम हैं और बहुत सारे सीरियल भी देखती हैं!”

विश्व तीरंदाजी ने शीतल देवी को 2023 के लिए वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला पैरा तीरंदाज भी नामित किया।

2024 में, शीतल ने खेलो इंडिया एनटीपीसी नेशनल रैंकिंग तीरंदाजी मीट में रजत पदक जीता, और सक्षम तीरंदाज एकता रानी को पीछे छोड़ दिया, जो एक जूनियर विश्व चैंपियन भी हैं। उन्होंने चेकिया में पैरा तीरंदाजी रैंकिंग सीरीज में सरिता के साथ महिला कंपाउंड टीम का स्वर्ण पदक हासिल किया।

पेरिस 2024 पैरालंपिक में शीतल देवी ने दूसरे स्थान पर रहने से पहले रैंकिंग राउंड में कुछ समय के लिए विश्व रिकॉर्ड बनाया। लेकिन बाद में उन्होंने राकेश कुमार के साथ मिलकर कंपाउंड मिश्रित टीम क्वालिफिकेशन स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड स्कोर हासिल किया।

महज 17 साल की उम्र में, शीतल ने राकेश के साथ मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर भारत की सबसे कम उम्र की पैरालंपिक पदक विजेता के रूप में इतिहास रच दिया।

शीतल देवी के पदक और उपलब्धियां

  • विश्व तीरंदाजी पैरा चैंपियनशिप 2023 रजत पदक - महिला व्यक्तिगत कंपाउंड ओपन तीरंदाजी
  • एशियाई पैरा गेम्स 2023 स्वर्ण पदक - महिला व्यक्तिगत कंपाउंड ओपन तीरंदाजी
  • एशियाई पैरा गेम्स 2023 स्वर्ण पदक - मिश्रित युगल कंपाउंड ओपन तीरंदाजी
  • एशियाई पैरा गेम्स 2023 रजत पदक - महिला युगल कंपाउंड ओपन तीरंदाजी
  • 2023 में ओपन वर्ग में विश्व की नंबर 1 महिला कंपाउंड पैरा तीरंदाज
  • खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2023 स्वर्ण पदक - महिला व्यक्तिगत कंपाउंड ओपन तीरंदाजी
  • अर्जुन पुरस्कार 2023
  • एशियाई पैरालंपिक समिति द्वारा वर्ष 2023 का सर्वश्रेष्ठ युवा एथलीट
  • विश्व तीरंदाजी द्वारा वर्ष 2023 की सर्वश्रेष्ठ महिला पैरा तीरंदाज
  • पेरिस 2024 पैरालंपिक कांस्य पदक - मिश्रित टीम कंपाउंड ओपन तीरंदाजी
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