Olympic Winter Games Nagano 1998
नगानो 1998द टॉर्च
रूट डिज़ाइन और विवरण
ओलंपिया में प्रज्ज्वलित होने के बाद मशाल को एथेंस और फिर टोक्यो भेजा गया, जहां यह 23 दिसंबर 1997 को विमान के जरिए पहुंची। इसे प्रदर्शनी के लिए 27 दिसंबर से 30 दिसंबर तक गिन्ज़ा क्षेत्र में और 31 दिसंबर से 4 जनवरी तक योयोगी एथलेटिक पार्क में रखा गया था।
4 जनवरी 1998 को योयोगी एथलेटिक पार्क में एक समारोह में मशाल को तीन भागों में विभाजित कर दिया गया और इसे विमान के जरिए तीन स्थलों पर ले जाया गया: पूर्वी जापान मार्ग होक्काइडो से शुरू होकर प्रशांत महासागर मार्ग, कागोशिमा से शुरू होकर; और ओकिनावा से शुरू होकर जापान सागर मार्ग।
23 जनवरी को तीनों मशालों को उत्तर, दक्षिण और पूर्व से नागानो प्रान्त में लाया गया और यहां उन्होंने अपने अलग-अलग मार्गों से सफर को जारी रखा।
5 फरवरी को तीनों मशाल नागानो पहुंचीं और अगले दिन उन्हें सेंट्रल स्क्वायर में आयोजित किए गए एक समारोह में शामिल किया गया।
मशाल ने हकुबा, यमनोची, नोज़ावा ओनसेन और करुइज़वा में प्रतियोगिता स्थलों पर स्थापित अन्य कॉलड्रोन को भी प्रज्जवलित किया, जहां यह खेलों के संपन्न होने तक जलता रहा।
रूट का नक्शा
तथ्य और आंकड़े
शुरू होने की तारीख: 19 दिसम्बर 1997, ओलंपिया (ग्रीस)
खत्म होने की तारीख: 7 फरवरी 1998, बहुउद्देश्यीय स्टेडियम, नागानो (जापान)
पहला मशाल धावक: वासिलिस दिमित्रिदिस, अल्पाइन स्कीइंग में ओलंपिक प्रतिभागी रहे (1998, 2002, 2006, 2010)। वह वैंकूवर में 2010 के शीतकालीन खेलों के रिले के लिए ग्रीस में भी पहले मशाल धावक रहे थे।
आखिरी मशाल धावक: मिदोरी इटो, फिगर स्केटिंग में ओलंपिक प्रतिभागी रहे (1988, 1992), अल्बर्टविले 1992 में रजत पदक विजेता बने।
मशाल धावकों की संख्या: ग्रीस में ~15, जापान में 6,901
मशाल धावकों के चयन की प्रक्रिया: प्रतिभागियों को आयोजन समिति, रिले (कोका-कोला) के आधिकारिक पार्टनर और एक सार्वजनिक प्रतियोगिता के द्वारा चुना गया था। इसमें उम्र, लिंग या राष्ट्रीयता पर कोई प्रतिबंध नहीं था।
दूरी: ग्रीस में 450किमी, जापान में ~1,162किमी
देशों का दौरा: ग्रीस, जापान
मशाल के बारे में
विवरण: मशाल की लंबाई पर "नागानो 1998, XVIII शीतकालीन ओलंपिक गेम्स, नागानो 1998" को उकेरा गया था। ऊपरी भाग में ओलंपिक लोगो के साथ शीर्ष पर बर्फ के क्रिस्टल की विशेषता वाले खेलों का लोगो भी बनाया गया था। मशाल की डिजाइन जापान में अतीत में इस्तेमाल की गई पाइन शाखा की मशालों से प्रेरित थी। मशाल की बॉडी छठभुज आकार के बर्फ के क्रिस्टल को दर्शाती थी, और चांदी के रंग को बर्फ से ढके परिदृश्य से मिलता-जुलता लगने के चलते चुना गया। पीले रंग की रस्सी जापानी डिजाइन के एक पारंपरिक तत्व को दर्शाती थी।
रंग: लाल, सिल्वर और गोल्ड
लम्बाई: 55सेमी
रचना की सामग्री: रुई और एल्यूमीनियम
ईंधन: प्रोपेन
डिजाइनर / निर्माता: नागानो ओलंपिक खेल आयोजन समिति / कटसुरा कॉर्पोरेशन
क्या आप जानते हैं?
छह मीटर लंबा और 25 मीटर के आधार के कॉलड्रोन में 30 डिग्री पर झुका हुआ एक बर्नर था। ऐसा इसलिए ताकि पूरे स्टेडियम में यह मशाल दिखाई दे। इसमें इस्तेमाल किया गया ईंधन प्राकृतिक गैस थी। इसका उद्देश्य एक पारंपरिक जापानी कगारबी अलाव का आधुनिक संस्करण तैयार करना था।
मशाल को ले जाने के लिए बनाए गए सुरक्षा लैंप में जलने का समय 22 घंटे का था।
1998
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