Olympic Games Munich 1972
म्यूनिख 1972द टॉर्च
रूट डिजाइन और विवरण
मशाल को पहले ओलंपिया में जलाने के बाद एथेंस के दौरे पर लाया गया, फिर डेल्फी, लारिसा, थेसालोनिकी और कवला के माध्यम से देश को पार कराया गया। मशाल को म्यूनिख के गार्मिस्क-पार्टेनकिर्चेन, फेडरल रिपब्लिस जर्मनी और इंसब्रुक, ऑस्ट्रिया के शहरों से गुजरा गया, जिन्होंने पहले में विंटर ओलंपिक खेलों की मेजबानी की थी।
म्यूनिख पहुंचने पर मशाल का शानदार स्वागत किया गया था। कोनिग्सप्लात्ज़ में आयोजित एक स्वागत समारोह भी रखा गया था, जिसमें 20,000 दर्शक शामिल हुए थे। लौ को मैक्सिमिलियेनियम, बवेरियन संसद के मुख्यालय में ले जाया गया, जहां इसे उद्घाटन समारोह के दिन तक एक ब्रेज़ियर में रखा गया था।
ओपनिंग सेरेमनी में, अंतिम टॉर्चबियरर, यूरोप के गुंथर ज़ैन, अन्य चार महाद्वीपों के धावक के साथ थे। इनमें किपचोगे कीनो (अफ्रीका), जिम रयून (अमेरिका), केंजी किमोहारा (एशिया) और डेरेक क्लेटन (ओशिनिया) थे।
मशाल को रिले के माध्यम से म्यूनिख से कील तक ले जाने के लिए लौ को जलाया गया था, जहां नौकायन कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। इस दो दिवसीय रिले में 933 किमी की दूरी तय की गई और इसमें पैदल, 90 साइकिल चालकों और 34 घुड़सवारों के साथ 1,280 टार्चबियरर ने भाग लिया था।
27 अगस्त को उद्घाटन समारोह के अगले दिन, एक और मशाल जलाई गई और म्यूनिख से ऑग्सबर्ग तक 104 किमी रिले पर ले जाई गई, जहां कैनोय के कार्यक्रम आयोजित किए जाने थे।
रूट का मैप
तथ्य और आंकड़े
आरंभ तिथि: 28 जुलाई 1972, ओलंपिया (ग्रीस)
अंतिम तिथि: 26 अगस्त 1972, ओलंपिक स्टेडियम, म्यूनिख (जर्मनी का संघीय गणराज्य)
पहला टॉर्चबियरर: यियानिस किर्कलेसिस। वो साप्पोरो में 1972 विंटर खेलों के रिले के लिए ग्रीस में पहले टॉर्चरर भी थे।
अंतिम टॉर्चबियरर: गुंथर जाहन
टार्चबियरर की संख्या: ~ 6,200 (म्यूनिख-कील और म्यूनिख-ऑग्सबर्ग रिले को छोड़कर), जिनमें से ~ 1,300 ग्रीस में रिले हुए था।
टॉटॉर्चबियरर का चुनाव: यह कार्य, जर्मनी में बवेरिया, हेस्से, लोअर सैक्सोनी, हैम्बर्ग और श्लेस्विग-होल्स्टिन में स्थानीय खेल संगठनों को सौंपा गया था। रिले द्वारा पार किए गए अन्य देशों में, संबंधित राष्ट्रीय ओलंपिक समितियां मशालवाहकों के चयन के लिए प्रभारी थीं।
दूरी: 5,532 किमी (म्यूनिख-कील और म्यूनिख-ऑग्सबर्ग रिले को छोड़कर): ग्रीस में 1,819 किमी, तुर्की में 507 किमी, बुल्गारिया में 726 किमी, रोमानिया में 763 किमी, यूगोस्लाविया में 340 किमी, हंगरी में 379 किमी, ऑस्ट्रिया में 541 किमी, फेडरल रिपब्लिक ऑफ जर्मनी में 457 किमी।
देशों का दौरा: ग्रीस, तुर्की, बुल्गारिया, रोमानिया, यूगोस्लाविया, हंगरी, ऑस्ट्रिया और फेडरल रिपब्लिक ऑफ जर्मनी।
मशाल का विवरण
विवरण: मशाल पर "Spiele der XX Olympiad München 1972" लिखा हुई था और उसके सामने ओलंपिक के रिंग बनाए गए थे।
रंग: सिल्वर
ऊंचाई: 72 सेमी
रचना: धातु, स्टील
ईंधन: एल्युमीनियम कार्टेज में 24 प्रतिशत प्रोपेन और 76 प्रतिशत ब्यूटेन से बनी तरल गैस। जलने का समय 15 से 22 मिनट।
डिजाइनर / निर्माता: फ्रेडरिक क्रुप एजी / ओलंपियागस, हैगरी
क्या आप जानते हैं?
क्रुप कंपनी ने बर्लिन 1936 खेलों के लिए मशाल को बनाया।
दो पायलट लाइट भी बनाए गए। उन्हें प्रोपेन गैस से भरा गया, जो कम से कम बिना रूके छह सप्ताह तक जल सकता है।
मशाल की लौ म्यूनिख से कील तक की दूरी 49 घंटों में तय कर सके, इसिलिए सभी टॉर्चबियरर्स से अनुरोध किया गया था, चाहे वो पैदल हों, बाइक पर हों, घोड़े पर हों, मोटरसाइकिल पर हों या रोइंग बोट में, अपनी सबसे तेज गति से जाएं और दिन-रात रिले जारी रखें।
खेलों के इस संस्करण के लिए काउल्ड्रॉन को आग के दो गाढ़े रिंग के रूप में बनाया गया था, जिसमें प्रत्येक में 21 गैस जेट थे। इसे दो मीटर व्यास के बर्नर पाइप से बने चार मीटर ऊंचे स्तंभ पर स्थापित किया गया था। काउल्ड्रॉन को वापस उतारने के लिए दो साल तक जलाना आवश्यक था।
1972
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