भारत के अविनाश साबले ने सोमवार को अमेरिका के ओरेगन में वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2022 में पुरुषों के 3000 मीटर स्टीपलचेज फाइनल में 8:31.75 का समय निकालकर 15 में से 11वां स्थान हासिल किया।
टोक्यो 2020 चैंपियन मोरक्को के सौफिएन एल बक्कली ने 8:25.13 समय के साथ इस रेस को अपने नाम किया। आपको बता दें उन्होंने पिछली वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। इस जीत के साथ वह ओलंपिक खेल और विश्व चैंपियनशिप दोनों खिताब जीतने वाले पहले गैर-केन्याई बने।
इथियोपिया की लमेचा गिर्मा (8:26.01) ने लगातार दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक अपने नाम किया, जबकि डिफेंडिंग चैंपियन केन्या के कॉन्सेसलस किप्रुटो (8:27.92) तीसरे स्थान पर रहते हुए अपना लगातार 5वां विश्व पदक जीता।
राष्ट्रमंडल खेल के रजत पदक विजेता केन्या के अब्राहम किबिवोट ने रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता अमेरिका के इवान जैगर से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 5वां स्थान हासिल किया।
फाइनल मुकाबले में आविनाश साबले को कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा जिसके कारण वह बढ़त बनाने में असफल रहे। दौड़ के दौरान दो अन्य एथलीटों को फॉल का भी सामना करना पड़ा।
अविनाश साबले 8:18.75 समय के साथ हीट में 15 क्वालीफायर में कुल मिलाकर 7वें सबसे तेज एथलीट रहे और 3000 मीटर स्टीपलचेज फाइनल में अपनी जगह बनाई। सौफियान अल बक्कली 8:16.65 के साथ टॉप पर रहे।
27 वर्षीय अविनाश साबले ओरेगन22 में आने से पहले इस साल प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ कई बार 3000 मीटर स्टीपलचेज में अपने राष्ट्रीय रिकॉर्ड को ध्वस्त करने का कारनामा किया था।
इस भारतीय एथलीट ने मार्च में इंडियन ग्रां प्री 2 में 8.16.21 का राष्ट्रीय रिकॉर्ड समय हासिल करते हुए ओरेगन 2022 के लिए क्वालीफाई किया। इसके बाद वह यही नहीं रूके और पिछले महीने रबात डायमंड लीग में 8:12.48 का समय निकालकर उन्होंने इस रिकॉर्ड को फिर से तोड़ा।
अविनाश साल 1991 में दीना राम के बाद वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लेने वाले एकमात्र भारतीय पुरुष स्टीपलचेजर हैं।
आपको बता दें अविनाश साबले का वर्ल्ड चैंपियनशिप में यह लगातार दूसरा फाइनल था। दोहा में हुए 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप में अविनाश साबले 8:21.37 समय निकालकर फाइनल में 13वें स्थान पर रहे थे ।