अपने भाई की छत्र-छाया में पलने-बढ़ने से लेकर क्रिकेट खेलने तक, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की रीढ़ की हड्डी बनने और दिग्गज मिताली राज की उत्तराधिकारी बनने तक, स्मृति मंधाना की यात्रा बहुत आकर्षक रही है।
ICC महिला क्रिकेट रैंकिंग में पूर्व विश्व नंबर 1 वनडे बल्लेबाज, स्मृति मंधाना भारतीय क्रिकेट टीम - पुरुष या महिला - की सबसे कम उम्र की कप्तान भी हैं। उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) 2024 का खिताब भी दिलाया।
भाई के नक्शेक़दम पर चलीं मंधाना
स्मृति मंधाना का जन्म 18 जुलाई, 1996 को मुंबई में हुआ था, लेकिन जब वह दो साल की थीं, तो उनका परिवार महाराष्ट्र के सांगली के माधवनगर चला गया, जहां उन्होंने अपने शुरुआती दिन बिताए।
उनके पिता श्रीनिवास पेशे से केमिकल डिस्ट्रीब्यूटर थे जबकि मां स्मिता एक गृहिणी थीं।
क्रिकेट हमेशा मंधाना परिवार का हिस्सा रहा है क्योंकि उनके पिता ज़िला स्तर पर खेल चुके हैं। उनके भाई श्रवण ने भी क्रिकेट खेला। स्मृति के भाई एक बैंकर बनने से पहले महाराष्ट्र अंडर-19 टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके थे।
हालांकि श्रवण क्रिकेट को जारी नहीं रख सके, लेकिन स्मृति मंधाना के जीवन में उनकी उपस्थिति ने उन्हें क्रिकेटर बनने में काफी प्रभावित किया। अपने से चार साल बड़े अपने भाई के साथ प्रैक्टिस ग्राउंड पर जाने की वजह से युवा स्मृति में क्रिकेट के प्रति जुनून पैदा हुआ।
जब उनके भाई ने जूनियर स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और उसका नाम स्थानीय समाचार पत्रों में छपने लगा तो ये चिंगारी धीरे-धीरे सपनों में बदल गई। स्मृति अखबारों में से उन खबरों को काट के निकाल लिया करती थीं।
स्मृति मंधाना ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से कहा, "एक दिन मैंने सोचा कि मुझे भी ऐसे ही रन बनाने चाहिए। मेरे पिता ने मुझे कभी न नहीं कहा, इसलिए जब भी मेरे भाई नेट सेशन के लिए जाते थे, वह धीरे से गेंद मेरी तरफ फेंक देते थे।"
दिलचस्प बात ये है कि श्रवण और स्मृति दोनों दाएं हाथ के हैं लेकिन बल्लेबाजी बाएं हाथ से करते हैं।
स्मृति ने समझाया, “क्योंकि मेरे पिताजी को बाएं हाथ के बल्लेबाज अच्छे लगते थे, इसलिए मैं और मेरा भाई बाएं हाथ से खेलते हैं। तो इस तरह से इसकी शुरुआत हुई।"
जल्द ही स्मृति मंधाना ने सांगली में एक जूनियर स्टेट ट्रेनर अनंत तांबवेकर के कोच के तहत प्रशिक्षण शुरू कर दिया।
नौ साल की उम्र तक स्मृति मंधाना अंडर-15 महाराष्ट्र की ओर से खेलने लगीं और सीनियर के खिलाफ हावी होने के बाद, 11 साल की उम्र में अंडर-19 स्टेट टीम में शामिल हो गई थीं।
15 साल की उम्र में स्मृति मंधाना अपनी बोर्ड परीक्षाओं की वजह से ऐसे मोड़ पर आकर खड़ी हो गईं, जहां से जिंदगी किसी राह पर भी उन्हें ले जा सकती थी। वह विज्ञान पढ़ना चाहती थीं लेकिन उसकी मां ने उन्हें मना कर दिया क्योंकि वह जानती थीं कि क्रिकेट और पढ़ाई में संतुलन बनाना कठिन हो जाएगा।
मंधाना ने कॉमर्स चुना और बाद में सांगली में चिंतामन राव कॉलेज ऑफ कॉमर्स से स्नातक की डिग्री पूरी की। इससे उन्हें क्रिकेट को अधिक समय देने में भी मदद मिली।
स्मृति मंधाना ने भारतीय टीम में किया डेब्यू
साल 2013 स्मृति के लिए एक महत्वपूर्ण साल था।
स्मृति मंधाना ने 5 अप्रैल को वडोदरा में बांग्लादेश की महिला टीम के खिलाफ एक T20 मैच में भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। वह उस समय सिर्फ 16 साल की थीं।
अपने पदार्पण मैच में स्मृति मंधाना भारत की सर्वोच्च स्कोरर (36 गेंदों में 39 रन) थीं और उन्होंने टीम को 10 रन से जीतने और द्विपक्षीय सीरीज 3-0 से क्लीन स्वीप करने में मदद की।
पांच दिन बाद, 10 अप्रैल को स्मृति मंधाना ने अहमदाबाद में बांग्लादेश के खिलाफ अपना पहला एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (वनडे) मैच खेला। तीसरे नंबर पर आकर इस युवा खिलाड़ी ने 35 गेंदों में 25 रन की पारी खेली।
राहुल द्रविड़ से मिला स्पेशल तोहफा
दिलचस्प बात ये है कि स्मृति मंधाना का बल्ला अपने सीमित ओवरों के डेब्यू के दौरान उनके कद के हिसाब से छोटा लग रहा था। बाद में उन्होंने बताया कि वास्तव में ये वो बल्ला नहीं था, जिससे वो खेलती थीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के दिग्गज राहुल द्रविड़ द्वारा हस्ताक्षरित प्रैक्टिस बल्ला था, जो उनके भाई ने उन्हें उपहार में दिया था।
स्मृति मंधाना ने कहा, “श्रवण राहुल सर से मिले और उनसे अनुरोध किया कि क्या वह बल्ला दे सकते हैं। तो उन्होंने भाई को दे दिया और मेरे नाम से उस पर हस्ताक्षर कर दिया। मेरे भाई भी बहुत प्यारे थे, उन्होंने मेरे लिए साइन करवा दिया। मैं इसे द्रविड़ के ऑटोग्राफ वाले बल्ले के रूप में एक शोपीस के रूप में रखने जा रही थी, लेकिन जैसे ही मैंने इसे उठाया, मैंने देखा कि इसमें एक अद्भुत संतुलन था और मैंने इसके साथ खेलना शुरू कर दिया।”
महीनों बाद, मंधाना द्रविड़ के साइन किए हुए बल्ले का उपयोग करके एक और मील का पत्थर हासिल किया।
एक इंटर-स्टेट अंडर-19 एक दिवसीय प्रतियोगिता के दौरान स्मृति मंधाना ने वडोदरा के एलेम्बिक क्रिकेट ग्राउंड में गुजरात के खिलाफ सिर्फ 150 गेंदों में नाबाद 224 रनों की पारी खेली। स्मृति मंधाना किसी भी स्तर पर 50 ओवर के क्रिकेट मैच में दोहरा शतक बनाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उन्होंने उस टूर्नामेंट में दो और शतक बनाए।
13 अगस्त 2014 को मंधाना इंग्लैंड की महिला टीम के खिलाफ वर्म्सले में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया। उन्होंने पहली पारी में 22 और दूसरी में 51 रन बनाए।
यह भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए भी एक ऐतिहासिक जीत थी, जहां वर्म्सले में खेला गया एकमात्र मुकाबला आठ वर्षों में टीम का पहला टेस्ट मैच था।
तब से स्मृति मंधाना भारतीय टीम का एक अभिन्न अंग रही हैं और हरमनप्रीत कौर अब संन्यास ले चुकी मिताली राज के साथ बल्लेबाजी के स्तंभों में से एक रही हैं।
स्मृति मंधाना ने 2016 में होबार्ट के बेलेरिव ओवल में एक वनडे मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला अंतरराष्ट्रीय शतक (109 गेंदों में 102) बनाया। उन्हें उस सीजन के लिए आईसीसी महिला टीम ऑफ द ईयर चुना गया था।
2017 में स्मृति मंधाना ने भारत को आईसीसी महिला वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंचने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां भारत फाइनल में इंग्लैंड से सिर्फ नौ रन से हार गया। 2005 के बाद यह भारत का पहला विश्व कप फाइनल था।
स्मृति मंधाना के एसीएल इंजरी के बाद टूर्नामेंट के लिए फिट होने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी, जिसके बाद वो मिताली और हरमनप्रीत के बाद टूर्नामेंट में भारत की तीसरी सबसे बड़ी स्कोरर रहीं। उन्होंने नौ मैचों में 232 रन बनाए, जिसमें वेस्टइंडीज के खिलाफ नाबाद शतक भी शामिल है।
इसके अगले साल स्मृति मंधाना महिलाओं के एकदिवसीय मैचों में सबसे अधिक रन बनाने वाली खिलाड़ी बन गईं और वेस्टइंडीज में आयोजित आईसीसी महिला विश्व T20 टूर्नामेंट के सेमीफाइनल तक के भारत के सफर में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
स्मृति मंधाना ने सुपर लीग 2018 मैच में लॉफबोरो लाइटनिंग के खिलाफ वेस्टर्न स्टॉर्म के लिए खेलते हुए सिर्फ 18 गेंदों में 50 रन बनाए और कीवी दिग्गज सोफी डिवाइन के द्वारा महिला T20 क्रिकेट में बनाए गए अब तक के सबसे तेज 50 रन के रिकॉर्ड की बराबरी की।
उन्होंने 2018 में ICC महिला क्रिकेटर ऑफ द ईयर और ICC महिला वनडे प्लेयर ऑफ द ईयर का खिताब जीता।
फ़रवरी 2019 में स्मृति मंधाना ICC महिला वनडे रैंकिंग में दुनिया की नंबर 1 बल्लेबाज़ बनीं।
बाद में उसी महीने में उन्होंने गुवाहाटी में इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज पहले मैच में घायल कप्तान हरमनप्रीत कौर की जगह पर टीम की कमान संभाली और पुरुषों और महिलाओं के लिए भारत की सबसे कम उम्र की T20 क्रिकेट कप्तान बनने का सम्मान हासिल किया।
स्मृति मंधाना उस वक्त महज 22 साल 229 दिन की थीं। उनसे पहले, हरमनप्रीत, 23 साल और 237 दिनों में, भारतीय महिला T20I टीम की कप्तानी करने वाली सबसे कम उम्र की थीं। वहीं सुरेश रैना को 23 साल और 197 दिन की उम्र में पुरुषों की भारतीय T20 टीम का नेतृत्व सौंपा गया था।
यही नहीं, साल 2019 में महाराष्ट्र की इस बल्लेबाज ने फरवरी महीने में न्यूजीलैंड के खिलाफ 24 गेंद में अर्धशतक बनाया था। इसके बाद राष्ट्रमंडल खेल 2022 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ उन्होंने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए 23 गेंदों में अर्धशतक जड़ा। यह एक भारतीय महिला क्रिकेटर के द्वारा बनाया गया सबसे तेज T20I अर्धशतक है।
कोविड से प्रभावित साल 2020 के बाद स्मृति मंधाना ने साल 2021 में एक बार फिर भारत के लिए बेहतरीन खिलाड़ी साबित हुईं, जिन्होंने दूसरी बार ICC महिला क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर का ख़िताब जीता। ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज एलिसे पेरी के अलावा, मंधाना इतिहास में एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने दो बार यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता है।
न्यूज़ीलैंड में आयोजित 2021-22 महिला क्रिकेट विश्व कप में भारत ग्रुप स्टेज से आगे बढ़ने में असफल रहा, बावजूद इसके स्मृति मंधाना सात मैचों में 327 रनों के साथ प्रतियोगिता में भारत की शीर्ष स्कोरर के रूप में उभरी।
स्मृति मंधाना बर्मिंघम में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल 2022 में रजत पदक जीतने वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य भी थीं। उन्होंने इस T20 प्रतियोगिता के दौरान भारत के उप-कप्तान की भूमिका निभाई थी।
पुरुषों के आईपीएल की अपार और शानदार सफलता के बाद शुरू हुए वूमेंस प्रीमियर लीग (WPL) के पहले संस्करण में, स्मृति मंधाना पर सबसे अधिक 3.4 करोड़ रूपये की बोली लगी और वे सबसे क़ीमती खिलाड़ी के रूप में उभर कर सामने आईं। WPL 2023 की नीलामी के दौरान उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने अपनी टीम का हिस्सा बनाया।
इसके कुछ समय बाद, दक्षिण अफ़्रीका में संपन्न हुए महिला T20 विश्व कप 2023 में, स्मृति मंधाना ने T20 क्रिकेट में अपना सर्वोच्च स्कोर बनाया, जब उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ 87 रनों की मैच विजयी पारी खेली। मुक़ाबले के दिन सेंट जॉर्ज पार्क में तेज हवा की स्थिति के मद्देनज़र, उन्होंने अपनी इस पारी को करियर के मुश्किल पारियों में शुमार किया है।
स्मृति मंधाना उस भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उप-कप्तान थीं जिसने हांगझोऊ में एशियन गेम्स 2023 में स्वर्ण पदक जीता था।
एक साल बाद, स्मृति मंधाना आरसीबी टीम की कप्तान बनी, जिन्होंने फाइनल में दिल्ली कैपिटल्स को हराकर डब्ल्यूपीएल 2024 का खिताब जीता था।
स्मृति मंधाना का अभी भी उनके आगे एक लंबा करियर है, लेकिन उनके क्रिकेट आंकड़े बहुत कमाल के हैं। वह पहले ही वनडे और T20 में 3,000 रन पार कर चुकी हैं।
उनके अलावा सिर्फ हरमनप्रीत कौर अन्य भारतीय महिला क्रिकेटर हैं जिन्होंने T20I में अब तक 3000 रन का आंकड़ा पार किया है।
कुल मिलाकर, स्मृति फॉर्मेट में सर्वकालिक रन-स्कोरिंग चार्ट में केवल न्यूजीलैंड की सुजी बेट्स और हरमनप्रीत से पीछे हैं।
महिला वनडे में, केवल तीन भारतीय बल्लेबाजों ने 3,000 से अधिक रन बनाए हैं, जिनमें मिताली राज, हरमनप्रीत और स्मृति के नाम शामिल हैं।
स्मृति मंधाना के रिकॉर्ड और उनकी उपलब्धियां
- ऑस्ट्रेलिया की एलिसे पेरी के बाद दो बार ICC महिला क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर अवार्ड (राचेल हेहो फ्लिंट अवार्ड) जीतने वाली दूसरी क्रिकेटर
- न्यूज़ीलैंड की सोफी डिवाइन (18 गेंद) के साथ महिला क्रिकेट में संयुक्त रूप से सबसे तेज T20 अर्धशतक जड़ने वाली बल्लेबाज़
- किसी भारतीय महिला द्वारा सबसे तेज़ T20I अर्धशतक (23 गेंद)
- T20I क्रिकेट में 3,000 रन बनाने वाली दूसरी भारतीय महिला
- वनडे क्रिकेट में 3,000 रन बनाने वाली तीसरी भारतीय महिला
- एकदिवसीय क्रिकेट में लक्ष्य का पीछा करते हुए लगातार 10 पारियों में 50 से अधिक रन बनाने वाली पहली क्रिकेटर
- ऑस्ट्रेलिया में एकदिवसीय और टेस्ट शतक बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर
- 50 ओवर क्रिकेट (महाराष्ट्र बनाम गुजरात) में दोहरा शतक बनाने वाली पहली भारतीय महिला
- राष्ट्रमंडल खेल 2022 की रजत पदक विजेता
- एशियन गेम्स 2023 की स्वर्ण पदक विजेता
- बतौर कप्तान WPL 2024 विजेता