पिछले कुछ वर्षों में भारतीय स्क्वैश ने कई सितारों को जन्म दिया है, लेकिन उनमे से एक दीपिका पल्लीकल हैं, जिन्होंने खेल पर जो प्रभाव डाला है, शायद ही कोई उनकी बराबरी कर सकता है।
दीपिका पल्लीकल युगल विश्व चैंपियन के साथ-साथ एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता हैं। दीपिका के पास कई अंतरराष्ट्रीय पदक हैं। वह विश्व एकल स्क्वैश रैंकिंग में शीर्ष 10 में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं।
दीपिका पल्लीकल कहां से हैं
दीपिका पल्लीकल का जन्म 21 सितंबर 1991 को हुआ था। उनके पिता का नाम संजीव पल्लीकल है, जो एक बिजनेसमैन हैं और उनकी मां सुसान पल्लीकल (नी इत्तिचेरिया) एक पूर्व क्रिकेटर हैं, जो भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए खेल चुकी हैं।
दीपिका के माता-पिता केरल से थे, दीपिका का जन्म और पालन-पोषण चेन्नई में हुआ था और यहीं से उनके स्क्वैश के सफर की शुरुआत हुई थी। दीपिका की दो बहनें भी हैं, जिनका नाम दिव्या और दीया है। दीया ने दीपिका के साथी भारतीय स्क्वैश खिलाड़ी सौरव घोषाल से शादी की है।
चेन्नई के गुड शेफर्ड और लेडी अंडाल स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ते समय दीपिका ने लंदन में अपनी पहली स्क्वैश प्रतियोगिता में भाग लिया और 11 साल की उम्र तक दीपिका पल्लीकल एक राष्ट्रीय चैंपियन बन गईं।
15 साल की छोटी सी उम्र में, दीपिका एक प्रोफेशनल खिलाड़ी बन गई थीं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंच पर सफलताएं 2011 के बाद से ही मिलनी शुरू हुईं। वहीं, मिस्र में एक प्रशिक्षण कार्यकाल ने उनके करियर को एक नई दिशा दी।
दीपिका पल्लीकल की उपलब्धियां
दीपिका पल्लीकल ने अपना पहला प्रो खिताब - कैलिफोर्निया में ऑरेंज काउंटी ओपन - सितंबर 2011 में जीता था और उसके बाद उस वर्ष उन्होंने दो और ख़िताब जीते। दीपिका उसी वर्ष विश्व ओपन में शीर्ष आठ में जगह बनाने से महिला एकल विश्व रैंकिंग में 14वें स्थान पर पहुंच गईं, उन्होंने 1995 में मिशा ग्रेवाल की 27वीं रैंकिंग को पीछे छोड़ दिया, जो पहले इस खेल में किसी भी भारतीय महिला की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग थी।
इससे पहले, दीपिका पल्लीकल उस भारतीय महिला टीम का हिस्सा थीं जिसने गुआंगझोऊ में 2010 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था, जो महाद्वीपीय प्रतियोगिता में उनके छह पदकों में से पहला पदक था।
साल 2012 में, दीपिका ने भारतीय स्क्वैश टीम को महिला विश्व टीम स्क्वैश चैंपियनशिप में पांचवें स्थान पर पहुंचाने में अपना अहम योगदान दिया। इसके साथ ही इस दौरान उन्होंने कई बड़े-बड़े इवेंट में शानदार प्रदर्शन किए। दिसंबर 2012 में, वह विश्व में 10वें स्थान पर रहीं, जिससे दीपिका महिला एकल स्क्वैश विश्व रैंकिंग में शीर्ष 10 में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं।
सौरव घोषाल के नेतृत्व में पुरुष टीम ने भारत का पहला कॉमनवेल्थ गेम्स स्क्वैश गोल्ड मेडल जीता था।
दीपिका ने इंचियोन में 2014 एशियाई खेलों में भी दो पदक जीते थे, जिसमें एकल में कांस्य और महिला टीम स्पर्धा में रजत पदक शामिल था।
2016 सीज़न में दीपिका ने विश्व युगल चैंपियनशिप में घोषाल के साथ मिलकर मिश्रित युगल में रजत पदक जीता था। उन्होंने उसी इवेंट में जोशना के साथ महिला युगल में कांस्य पदक भी हासिल किया था।
भारतीय स्क्वैश खिलाड़ी को 2017 एशियाई व्यक्तिगत चैंपियनशिप में महिला एकल स्पर्धा में फाइनल में हमवतन जोशना चिनप्पा से हार का सामना करना पड़ा था, और उन्होंने रजत पदक के साथ अपना अभियान समाप्त किया था।
साल 2018 में, दीपिका ने फिर से राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों दोनों में पदक जीते। गोल्ड कोस्ट CWG में दीपिका ने मिश्रित युगल और महिला युगल स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया था। उन्होंने जकार्ता में एशियाई खेलों में महिला एकल में कांस्य पदक जीता था।
दीपिका पल्लीकल ने साल 2015 में पूर्व भारतीय क्रिकेटर दिनेश कार्तिक से शादी की, और उन्होंने एक पेशेवर एथलीट बनने से एक कदम पीछे हटने का विकल्प चुना। हालांकि, इस दौरान वह अपने बेहतरीन फॉर्म में थीं।
दीपिका पल्लीकल कार्तिक ने बाद में द हिंदू को बताया, "मुझे लगता है कि मैं अपने करियर में स्थिर हो गई थी। मैं आगे नहीं बढ़ रही थी; मैं नीचे नहीं जा रही थी। मैं बड़े मैच नहीं जीत रही थी।"
दीपिका ने आगे कहा, "यह कभी भी मेरे काम न करने के बारे में नहीं था। मैं हमेशा ऐसी खिलाड़ी रही हूं जो अपनी ट्रेनिंग में 100 प्रतिशत देने का प्रयास करती है और मैं अलग-अलग चीज़ें करने, अलग-अलग कोचों के साथ काम करने के लिए तैयार रहती हूं।"
"लेकिन मुझे लगता है कि उन डेढ़ से दो वर्षों में, मुझे वह रिजल्ट नहीं मिल रहे थे जो मैं चाहती थी, जिसके परिणामस्वरूप मैं जो कर रही थी उसका लुत्फ़ नहीं ले पा रही थी।"
दीपिका ने समय का उपयोग अपने सबसे अच्छे दोस्त के साथ मिलकर एक सफल इंटीरियर डिज़ाइनिंग बिज़नेस स्थापित करने के लिए किया और 18 अक्टूबर, 2021 को उन्होंने जुड़वां बेटों - कबीर और जियान को जन्म दिया।
तीन साल से अधिक समय तक कोर्ट से दूर रहने के बाद, दीपिका स्क्वैश की दुनिया में वापस लौट आईं और तुरंत ही उन्होंने अपने खेल से एक अलग प्रभाव डाला। अपने वापसी इवेंट, ग्लासगो में विश्व युगल चैंपियनशिप 2022 में दीपिका ने दो मोर्चों पर इतिहास रचा।
दीपिका ने घोषाल के साथ मिलकर मिश्रित युगल का स्वर्ण पदक जीता और पहली भारतीय स्क्वैश विश्व चैंपियन में से एक बनने का तमगा हासिल किया। इसके कुछ घंटे बाद उन्होंने जोशना के साथ जोड़ी बनाकर ग्लासगो मीट में महिला युगल का स्वर्ण पदक भी जीता।
साल 2022 में, दीपिका ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में मिश्रित युगल में कांस्य पदक जीता और एक साल बाद हरिंदर पाल संधू के साथ, हांगझोऊ 2023 में गोल्ड मेडल जीतकर एशियन गेम्स में पहली मिश्रित युगल स्क्वैश चैंपियन होने का गौरव हासिल किया।
एक मां और एक पेशेवर एथलीट होने की ज़िम्मेदारियां निभाने में बहुत मेहनत लगती है, लेकिन लगता है कि दीपिका ने दोनों का एक अच्छा संतुलन बना लिया है।
दीपिका ने कहा, "मुझे ये ज़िम्मेदारियां पसंद हैं। हो सकता है कि मैं अपने कंधों पर उस ज़िम्मेदारी के साथ थोड़ा बेहतर प्रदर्शन करूं।" दीपिका ने अपनी वापसी के बाद से ख़ास तौर पर युगल प्रतियोगिताओं पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है।
अंतरराष्ट्रीय पदकों के अलावा 11 पेशेवर ख़िताब अपने नाम करने वाली दीपिका पल्लीकल अब तक की सबसे सम्मानित भारतीय स्क्वैश खिलाड़ियों में से एक हैं। वह 2012 में अर्जुन पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय महिला स्क्वैश खिलाड़ी भी थीं। साल 2014 में उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से नवाज़ा गया था।
दीपिका पल्लीकल के पदक और रिकॉर्ड
- महिला एकल स्क्वैश रैंकिंग में टॉप 10 में स्थान पाने वाली पहली भारतीय
- एशियन गेम्स में मेडल - मिश्रित युगल में स्वर्ण (2023), महिला एकल में कांस्य (2014, 2018), महिला टीम में रजत (2014), महिला टीम में कांस्य (2023, 2010)
- राष्ट्रमंडल खेल पदक - महिला युगल में स्वर्ण (2014), महिला युगल में रजत (2018), मिश्रित युगल में रजत (2018), मिश्रित युगल में कांस्य (2022)
- विश्व युगल चैंपियनशिप पदक - महिला युगल में स्वर्ण (2022), मिश्रित युगल में स्वर्ण (2022), मिश्रित युगल में रजत (2016), महिला युगल में कांस्य (2016, 2017)
- एशियाई व्यक्तिगत चैंपियनशिप पदक - महिला युगल में रजत (2017)