भारत के सर्वश्रेष्ठ स्क्वैश खिलाड़ी: सौरव घोषाल और दीपिका पल्लीकल जैसे दिग्गजों के नाम हैं शामिल

स्क्वैश अमेरिका के लॉस एंजिल्स में होने वाले 2028 ओलंपिक खेलों का हिस्सा होगा। जानिए भारतीय स्क्वैश दिग्गजों के नाम।

7 मिनटद्वारा रौशन कुमार
Saurav Ghosal and Dipika Pallikal
(Getty Images)

स्क्वैश को प्रथम विश्व युद्ध से पहले ब्रिटिश सेना द्वारा भारत में लाया गया था, लेकिन हाल ही में इस खेल ने भारत में बड़े पैमाने पर लोकप्रियता हासिल की है।

एलीट वर्ग के खेल के रूप में मशहूर स्क्वैश के बारे में धारणा पिछले एक दशक में बदलने लगी है, भारतीय स्क्वैश खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर सफलता मिलना इसकी अहम वजह रही है।

दीपिका पल्लीकल, सौरव घोषाल और जोशना चिनप्पा जैसे खिलाड़ी पहले से ही भारत में नाम बना रहे हैं और अनाहत सिंह और अभय सिंह जैसे युवा भारतीय स्क्वैश खिलाड़ी इस खेल में भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

लॉस एंजिल्स 2028 में स्क्वैश अपना ओलंपिक डेब्यू करने के लिए तैयार है और ऐसे में भारतीय स्क्वैश खिलाड़ी मुख्य आकर्षण होंगे। 

आइए खेल के इतिहास में भारत के सर्वश्रेष्ठ स्क्वैश खिलाड़ियों पर एक नज़र डालते हैं।

ऋत्विक भट्टाचार्य

सौरव घोषाल और दीपिका पल्लीकल जैसे भारत के स्क्वैश खिलाड़ी ने विश्व स्तर पर ज़रूर अपना नाम बनाया है लेकिन ऋत्विक भट्टाचार्य का नाम भारतीय स्क्वैश इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से एक के तौर पर लिया जाता है।

ऋत्विक भट्टाचार्य प्रोफेशनल स्क्वैश एसोसिएशन (PSA) की विश्व रैंकिंग में शीर्ष 50 में जगह बनाने वाले पहले भारतीय स्क्वैश खिलाड़ी थे। वह नवंबर 2006 में सर्वश्रेष्ठ 38वें स्थान पर पहुंचे थे।

इसके बाद वह PSA ख़िताब जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी भी थे। साल 2003 में उन्होंने न्यूज़ीलैंड में व्हाकाटेन ओपन जीता और फाइनल में इंग्लैंड के फिलिप बेकर को हराया था।

अपने करियर के दौरान, पांच बार के राष्ट्रीय चैंपियन ऋत्विक भट्टाचार्य ने भारतीय स्क्वैश के लिए कई उपलब्धियां हासिल की हैं। इंग्लैंड के दिग्गज नील हार्वे के नेतृत्व में ऋत्विक ने अपने करियर में 9 PSA विश्व टूर ख़िताब पर कब्ज़ा जमाया और साल 2007 में उन्होंने विश्व टीम चैंपियनशिप में ऐतिहासिक आठवें स्थान पर पहुंचने वाली भारतीय टीम की कप्तानी भी की।

साल 2004 में ऋत्विक ने युवा सौरव घोषाल के साथ मिलकर चेन्नई में विश्व युगल चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। आपको बता दें, यह भारत का पहला पदक था। सौरव को कमान सौंपने से पहले उन्होंने भारत के शीर्ष पुरुष स्क्वैश खिलाड़ी के रूप में एक दशक तक भारत का प्रतिनिधित्व किया।

वह स्क्वैश कोर्ट के बाहर भी एक पेज 3 सेलिब्रिटी थे और मॉडल पिया त्रिवेदी से शादी करने से पहले बॉलीवुड स्टार नेहा धूपिया को डेट करने के कारण नियमित पेज 3 पर अपनी उपस्थिति बनाए रखते थे।

ऋत्विक अपने संन्यास के बाद भी भारतीय स्क्वैश का एक अभिन्न हिस्सा बने हुए हैं। एक प्रशासक और कोच होने के साथ-साथ ऋत्विक मुंबई के बाहरी इलाके मोकाशी में प्रसिद्ध START (स्क्वैश टेम्पल ऐंड रियल ट्रेनिंग) नामक अकादमी चलाते हैं।

START एक आर्थिक स्थिति से कमज़ोर आदिवासी बच्चों को सशक्त बनाने के लिए स्क्वैश का उपयोग करता है और ऋत्विक के छात्रों ने पहले ही घरेलू और अंतरराष्ट्रीय 

दोनों मंचों और जूनियर सर्किट पर अपनी छाप छोड़नी शुरू कर दी है।

वह युवा खिलाड़ी अनाहत सिंह को भी कोचिंग देते हैं। अनाहत ने स्क्वैश की दुनिया में शानदार प्रदर्शन किया है।

सौरव घोषाल

जहां ऋत्विक भट्टाचार्य भारतीय स्क्वैश के विकास में अहम भूमिका निभाई है, वहीं सौरव घोषाल ने उनकी सफलता के कारवां को आगे बढ़ाने का काम किया है।

सौरव घोषाल जूनियर विश्व नंबर 1 स्थान पाने वाले पहले भारतीय और देश के एकमात्र स्क्वैश खिलाड़ी हैं, जो आज तक सीनियर एकल रैंकिंग में शीर्ष 10 में शामिल हुए। वह साल 2019 में अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ विश्व नंबर 10 पर पहुंचे थे।

13 बार के राष्ट्रीय चैंपियन, सौरव घोषाल ने दोहा 2006 में पुरुष एकल इवेंट में कांस्य पदक जीतने के बाद स्क्वैश में भारत के लिए पहला एशियाई खेल पदक भी जीता था। 

इसके अगले वर्ष उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा खेल पुरस्कार है। सौरव यह प्रतिष्ठित उपाधि हासिल करने वाले पहले भारतीय स्क्वैश खिलाड़ी हैं।

सौरव घोषाल ने अब तक एशियाई खेलों में 9 पदक जीते हैं, जिसमें इंचियोन 2014 के एकल इवेंट में रजत पदक भी शामिल है। यह इस कॉन्टिनेंटल प्रतियोगिता में भारत का पहला रजत पदक था।

उन्होंने उसी वर्ष भारतीय पुरुष टीम को स्वर्ण पदक जीताया, जिससे एशियाई खेलों में भारत ने पहली बार पोडियम में शीर्ष स्थान हासिल किया। उन्होंने हांगझोऊ 2023 में टीम स्वर्ण पदक भी जीता।

इसके बाद भारतीय खिलाड़ी ने राष्ट्रमंडल खेलों में भी भारत के लिए एकमात्र पदक जीता था। सौरव घोषाल ने इंग्लैंड के पूर्व चैंपियन जेम्स विलस्ट्रॉप को हराकर बर्मिंघम 2022 में  कांस्य पदक अपने नाम किया था।

उन्होंने दीपिका पल्लीकल के साथ जोड़ी बनाकर गोल्ड कोस्ट 2018 और बर्मिंघम 2022 में क्रमशः CWG मिश्रित युगल में रजत और कांस्य पदक जीता था।

सौरव के नाम 2019 से व्यक्तिगत एशियाई चैंपियनशिप का स्वर्ण भी है।

ग्लासगो में विश्व युगल चैंपियनशिप 2022 में मिश्रित युगल में स्वर्ण पदक जीतने के बाद सौरव घोषाल और दीपिका पल्लीकल विश्व युगल चैंपियन बनने वाली पहली भारतीय जोड़ी भी बन गई।

सौरव ने साल 2004 में ऋत्विक के साथ पुरुष युगल में रजत और 2016 में दीपिका के साथ मिश्रित युगल में रजत पदक जीता था।

साल 2013 में सौरव घोषाल मैनचेस्टर में विश्व स्क्वैश चैंपियनशिप के क्वार्टरफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय थे।

दीपिका पल्लीकल

सौरव घोषाल अगर भारत के शीर्ष पुरुष स्क्वैश खिलाड़ी हैं तो दीपिका पल्लीकल ने महिलाओं के इवेंट में भारत के नेतृत्व की ज़िम्मेदारी संभाली है।

11 बार की चैंपियन दीपिका भारतीय स्क्वैश की सबसे प्रतिष्ठित महिला खिलाड़ियों में से एक हैं। उनकी उपलब्धियों में छह एशियाई खेलों के पदक शामिल हैं, जिसमें इंचियोन 2014 और जकार्ता 2018 में दो एकल कांस्य पदक भी शामिल हैं।

हरिंदर पाल संधू के साथ दीपिका पल्लीकल एशियाई खेलों में पहली बार मिश्रित युगल चैंपियन बनीं थी। उन्होंने हांगझोऊ 2023 में स्वर्ण पदक जीता। इस संस्करण से कॉन्टिनेंटल प्रतियोगिता में मिश्रित युगल स्क्वैश इवेंट की शुरुआत हुई थी।

राष्ट्रमंडल खेलों में भी उनका रिकॉर्ड शीर्ष पायदान पर है। उन्होंने गोल्ड कोस्ट 2018 में मिश्रित युगल में रजत और बर्मिंघम 2022 में कांस्य पदक जीता था। महिला युगल में, दीपिका और जोशना चिनप्पा ग्लासगो 2014 में चैंपियन और गोल्ड कोस्ट 2018 में रजत पदक विजेता थीं।

व्यक्तिगत तौर पर दीपिका ने 2017 में एशियाई व्यक्तिगत चैंपियनशिप का ख़िताब जीता।

दो बार की राष्ट्रीय चैंपियन दीपिका पल्लीकल ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर दिनेश कार्तिक से शादी की है और वह जुड़वां बच्चों - कबीर और जियान की मां हैं। 

दिलचस्प बात यह है कि दीपिका ने 2017 और 2020 के बीच खेल से दूर होकर अपने निजी जीवन पर ध्यान केंद्रित किया और उस दौरान उन्होंने इंटीरियर डिज़ाइनिंग में एक सफल करियर भी बनाया।

साल 2022 में कोर्ट पर लौटने के बाद, दीपिका पल्लीकल ने युगल इवेंट पर अपना ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया और ब्रेक के बाद वापसी करते हुए उन्होंने सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की।

उन्होंने घोषाल के साथ मिलकर मिश्रित युगल का स्वर्ण पदक जीता और पहली भारतीय स्क्वैश विश्व चैंपियन बनीं। इसके कुछ घंटे बाद उन्होंने जोशना के साथ जोड़ी बनाकर ग्लासगो मीट में महिला युगल का स्वर्ण पदक भी जीता।

दीपिका पल्लीकल ने वापसी के बाद विशेष रूप से युगल पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है। हालांकि, दीपिका 2012 में विश्व रैंकिंग में शीर्ष 10 में स्थान बनाने वाली पहली भारतीय महिला एकल खिलाड़ी थीं।

जोशना चिनप्पा

दीपिका पल्लीकल की महिला युगल जोड़ीदार जोशना चिनप्पा ने भी एक होनहार एकल खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बनाई है।

पांच बार के एशियाई खेलों की पदक विजेता और राष्ट्रमंडल खेलों में दो बार की पदक विजेता जोशना ने 2018 जकार्ता एशियाई खेलों में एकल कांस्य पदक जीता।

जोशना चिनप्पा विश्व युगल चैंपियन भी हैं और उनके नाम तीन और कांस्य पदक हैं।

एकल इवेंट में जोशना 2016 से दक्षिण एशियाई खेलों की चैंपियन हैं और वह 2017 एशियाई व्यक्तिगत स्क्वैश चैंपियनशिप के महिला एकल फाइनल में हमवतन दीपिका पल्लीकल को हराकर भारत की पहली एशियाई स्क्वैश चैंपियन बनीं। वह बाद में 2019 में ख़िताब दोबारा हासिल करने में सफल रहीं।

दीपिका की तरह, जोशना ने भी महिला एकल विश्व रैंकिंग में शीर्ष 10 में जगह बनाई और 2016 में 10वें स्थान पर पहुंच गईं।

इस सभी टॉप खिलाड़ियों और उभरते हुए अभय सिंह और अनाहत सिंह के अलावा, तीन बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता हरिंदर पाल संधू, कुश कुमार, महेश मंगांवकर, तन्वी खन्ना और मिशा ग्रेवाल भी स्क्वैश में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

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