कैमरून के शेरों का 2000 सिडनी ओलिंपिक खेलों पर कमाल

ओलिंपिक खेलों के इतिहास में बहुत सारी टीम ऐसी रही हैं जिन्होंने सफलता के शिखर को पूरी तरह अपना बना लिया और उनके खेल को अद्भुत से कम नहीं कहा जा सकता। टोक्यो 2020 आपको ऐसी ही कुछ टीमों की अद्भुत कहानियां बताएगा और इस सप्ताह हम आपको कैमरून की फुटबॉल टीम के बारे में बताएँगे जिसने 2000 सिडनी ओलिंपिक खेलों में इतिहास रचा था। 

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कैसे हुई शुरुआत

सिडनी ओलिंपिक खेलों में कैमरून की जिस फुटबॉल टीम ने इतिहास रचा अगर उसके खिलाड़ियों को करीब से देखें तो वह अफ्रीका महाद्वीप से निकली सबसे महान टीमों में से एक थी। उस टीम के गोलकीपर Carlos Kameni और रक्षा पंक्ति के खिलाड़ी Lauren दो ऐसे सितारे थे जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत सफलता हासिल करी। इन सब खिलाड़ियों का मैदान पर नेतृत्व कर रहे थे आक्रमण पंक्ति के खिलाड़ी Samuel Eto'o जो अफ्रीका और विश्व के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक माने जाते हैं।

साल 2000 में जब यह टीम ओलिंपिक खेलों में भाग लेने के लिए तो यह सभी खिलाड़ी युवा थे और अपने खेल सफर की शुरुआत कर रहे थे। उस समय कैमरून की टीम में अच्छा प्रदर्शन दिखाने और पदक जीतने की क्षमता थी लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली थी।

उन ओलिंपिक खेलों के ठीक 10 साल पहले कैमरून ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया था और 1990 के विश्व कप में दिग्गज खिलाड़ी Roger Milla के नेतृत्व में क्वार्टरफाइनल तक का सफर तय किया था। 

सिडनी खेलों के चार साल पहले नाइजीरिया ने ओलिंपिक स्वर्ण अपने नाम किया था और ऐसा करने वाला वह पहला अफ्रीकी देश बना लेकिन कैमरून ने उन्हें वर्ष 2000 में अफ्रीकन कप ऑफ़ नेशंस के फाइनल में हराया और अपनी कुशलता का परिचय दिया।

कैमरून ने उस प्रतियोगिता के फाइनल में दो गोल की बढ़त खो दी थी और मैच का निर्णय पेनल्टी शूटआउट से हुआ और उस साल ओलिंपिक खेलों में भी लगभग ऐसा ही हुआ।

सबसे बड़ी जीत

लॉस एंजेलेस टाइम्स से बात करते हुए कैमरून के कोच Jean-Paul Akono ने कहा था, "कैमरून के खिलाड़ियों को आक्रामक खेल ज़्यादा पसंद है और अगर हम ऐसा करते हैं तो दूसरी टीम को मुश्किल हो सकती है।"

ओलिंपिक स्वर्ण पदक जीतने के लिए कैमरून को अनेक बेहतरीन टीमों से मुकाबला करना पड़ा लेकिन उनका सबसे कठिन मैच क्वार्टरफाइनल में ब्राज़ील के साथ हुआ। ब्रिस्बेन के क्रिकेट मैदान में इस मैच का आयोजन हुआ और 37000 से ज़्यादा लोग इसे देखने के लिए आये। ब्राज़ील की टीम में Alex, Lucio और Ronaldinho जैसे युवा सितारे थे।

मैच के पहले हाफ में कैमरून ने Patrick M'Boma के शानदार गोल की सहायता से बढ़त बना ली लेकिन उनकी मुश्किलें बढ़ गयी जब Geremi और Aaron Nguimbat को रेड कार्ड दिखा दिया गया। ब्राज़ील को एक मौका चाहिए था और Ronaldinho ने मैच के 94वें मिनट में एक अद्भुत फ्रीकिक गोल दाग कर मुकाबला बराबरी पर ला खड़ा किया।

ब्रिस्बेन के मैदान में बैठे ज़्यादातर लोग यही सोच रहे थे की ब्राज़ील मुकाबला आसानी से जीत जायेगा लेकिन कैमरून की टीम ने आक्रमण जारी रखा और मैच के 113वें मिनट में Modeste M'Bami ने गोल दाग कर अफ्रीका के इस देश को सेमीफाइनल में जगह दिला दी।

कैमरून का अगला मुकाबला चिली से हुआ और फाइनल में जगह बनाने के लिए उन्होंने दक्षिण अमरीका की टीम को 2-1 से हरा दिया। फाइनल में कैमरून का सामना हुआ स्पेन की टीम से और यह मैच उनके लिए सबसे कठिन साबित हुआ।

फाइनल सिडनी के ओलिंपिक स्टेडियम में एक लाख से ज़्यादा दर्शकों के सामने हुआ और स्पेन की टीम में Xavi और Carles Puyol जैसे उभरते सितारे थे।

कैमरून ने फाइनल मुकाबले में बेहद ख़राब शुरुआत करि और स्पेन ने दो मिनट से कम समय में दो गोल दाग कर मैच पर अपनी मज़बूत पकड़ बना ली। दो गोल से पीछे होने के बाद भी कैमरून ने हार नहीं मानी और उन्होंने दिखा दिया की उनसे अच्छी वापसी कोई नहीं कर सकता। दुसरे हाफ में Eto'o के नेतृत्व में कैमरून ने आक्रामक खेल दिखाते हुए मैच बराबरी पर ला खड़ा कर दिया।

सामान्य समय में मैच बराबरी पर समाप्त हुआ और स्वर्ण पदक विजेता का निर्णय पेनल्टी शूटआउट से हुआ और कैमरून की ओर से M'Boma, Eto'o, Geremi, Lauren और Womé ने गोल दाग कर कैमरून को उनका पहला ओलिंपिक स्वर्ण दिलाया।

मुख्य खिलाड़ी

ओलिंपिक खेलों में फुटबॉल मुख्य रूप से 23 वर्ष से कम की आयु के खिलाड़ियों द्वारा खेला जाता है और सिर्फ तीन ज़्यादा आयु वाले सदस्यों की अनुमति होती है। आयु सीमा के कारण ओलिंपिक खेलों में बहुत सारी युवा प्रतिभाओं को अपना कौशल दिखाने का मौका मिलता है।

कैमरून की बात करें तो 2000 ओलिंपिक खेलों में उनके गोलरक्षक Carlos Kameni की आयु सिर्फ 16 वर्ष थी लेकिन इस युवा खिलाड़ी ने ब्राज़ील के विरुध्द एक दबाव की स्थिति में शानदार प्रदर्शन दिखाया। उस समय बार्सिलोना बी के लिए खेलने वाले Patrick M'Boma ने पूरी प्रतियोगिता में चार गोल दागे और आने वाले सालों में कैमरून के महान खिलाड़ियों में से एक बने।

सिडनी में कैमरून को स्वर्ण दिलाने वाले खिलाड़ियों में सबसे बड़ा हाथ Samuel Eto'o का था और उन्होंने फाइनल में स्पेन के विरुद्ध जो गोल दागा वह हमेशा यादगार रहेगा। ओलिंपिक खेलों में सफलता पाने के बाद Eto'o विश्व फुटबॉल के सबसे सफल, शानदार और अद्भुत खिलाड़ी बने।

आगे की कहानी

सिडनी ओलिंपिक खेलों में स्वर्ण जीतने के दो साल बाद कैमरून ने दोबारा अफ्रीकी कप ऑफ़ नेशंस अपने नाम किया लेकिन उस जीत के बाद अगले 15 वर्ष तक वह एक भी ख़िताब नहीं जीत पाए। साल 2000 के ओलिंपिक खेलों में कैमरून का प्रतिनिधित्व करने वाले कई खिलाड़ी बड़े सितारे बने और क्लब फुटबॉल में नाम। कमाया

उस टीम के गोलकीपर Kameni इस समय 37 वर्ष के हैं और उन्होंने यूरोप के कई बड़े क्लब के लिए खेला है। Pierre Wome और M'Boma ने अंतर्राष्ट्रीय और क्लब स्तर पर बहुत सफलता हासिल करी लेकिन उस टीम के सबसे बड़े सितारे Samuel Eto'o थे।

अफ्रीका के इस महान खिलाड़ी ने तीन चैंपियंस लीग ख़िताब, दो अफ्रीकी कप ऑफ़ नेशंस ख़िताब और चार बार अफ़्रीकी प्लेयर ऑफ़ द ईयर जीते। बार्सिलोना, इंटर और चेल्सी जैसी टीमों के लिए बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया।

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