दो बार के ओलंपियन और 2014 एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हॉकी खिलाड़ी एसवी सुनील (SV Sunil) ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। हालांकि, उन्होंने अभी इस खेल के छोटे फॉर्मेट में खेलने के लिए अपने दरवाजे खुले रखे हैं।
एसवी सुनील ने यह घोषणा उनके टीम के पूर्व साथी रूपिंदर पाल सिंह और बीरेंद्र लाकड़ा के संन्यास लेने के ठीक एक दिन बाद की। रुपिंदर और बीरेंद्र दोनों ही खिलाड़ी टोक्यो 2020 ओलंपिक कांस्य पदक विजेता टीम का हिस्सा थे।
एसवी सुनील ने ट्विटर पर शेयर किए गए अपने संदेश में लिखा, “2024 पेरिस ओलंपिक अभी तीन साल दूर हैं, मुझे लगता है कि एक सीनियर खिलाड़ी के रूप में यह महत्वपूर्ण है कि मैं युवाओं के लिए रास्ते खोलूं और भविष्य के लिए एक विजेता टीम बनाने में मदद करूं।"
एसवी सुनील ने यह भी संकेत दिया कि भले ही वह पारंपरिक 11 खिलाड़ियो वाले खेल से दूरी बना रहे हैं, लेकिन हॉकी 5s के नाम से चर्चित छोटे फॉर्मेट को खेलते रहेंगे।
32 साल के एसवी सुनील 14 साल तक भारत के लिए खेले। इस फारवर्ड खिलाड़ी ने टीम के लिए 264 मैचों में 72 गोल किए।
कर्नाटक के कूर्ग के सोमवारपेट में जन्मे एसवी सुनील ने 2007 में एशिया कप में अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया, जिसे भारत ने फाइनल में अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर जीता था।
एसवी सुनील ने लंदन 2012 और रियो 2016 खेलों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन टोक्यो ओलंपिक में भारत के ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने वाले अभियान से बाहर हो गए।
पिछले दशक के दौरान एसवी सुनील भारतीय फॉरवर्ड लाइन के मुख्य आधार रहे हैं और साथ ही भारतीय टीम का हिस्सा थे, जिसने 2011 में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में स्वर्ण और 2012 में इसी स्पर्धा में रजत पदक जीता था।
अर्जुन पुरस्कार विजेता एसवी सुनील ने 2014 इंचियोन और 2018 जकार्ता-पालेमबांग एशियाई खेलों में क्रमशः एक स्वर्ण और एक कांस्य पदक भी जीता। वह एशिया कप 2017 में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रहे। उन्होंने 2016 और 2018 एफआईएच चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की ऐतिहासिक रजत पदक जीत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
एसवी सुनील 2015 और 2017 एफआईएच वर्ल्ड लीग फाइनल में भी खेले, जहां भारतीय हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता। उनकी शानदार ट्रॉफी कैबिनेट में कॉमनवेल्थ गेम्स 2014 का रजत पदक भी शामिल है।