मिल मजदूर के बेटे शुभो पॉल की मेहनत लाई रंग, बायर्न म्यूनिख फुटबॉल टीम में बनाई जगह
बंगाल के युवा फुटबॉलर शुभो पॉल का बायर्न म्यूनिख के वर्ल्ड स्क्वॉड में चयन हुआ है। इस दौरान पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा- यह देश के लिए गौरव का पल है।
भारत के फुटबॉल जगत के लिए एक ऐतिहासिक खबर है। जहां 17 वर्षीय खिलाड़ी शुभो पॉल (Shubho Paul) को क्लब एफसी बायर्न म्यूनिख ने अपनी टीम में चयन किया है। जहां उन्हे बायर्न म्यूनिख (Bayern Munich) के अंडर-19 वर्ल्ड टीम के लिए चुना गया है। बता दें कि शुभो पॉल दिल्ली स्थित आई-लीग क्लब (I-League) सुदेवा एफसी (Sudeva FC) टीम के हिस्सा थे।
दरअसल, जर्मन और यूरोप फुटबॉल के दिग्गज क्लब बायर्न द्वारा ये इवेंट संचालित किया जा रहा था। जिसकी अगुवाई बायर्न के महान खिलाड़ी और वर्ल्ड कप विजेता क्लाउस ऑगेंथेलर (Klaus Augenthaler) और उनके अंतरराष्ट्रीय इवेंट के कोच क्रिस्टोफर लोच (Christopher Loch) कर रहे थे। यह दो-चरणों में शुरू किया गया। जहां पहले चरण में दुनिया भर के खिलाड़ियों ने आवेदन किया था, जिसमें सिर्फ 15 खिलाड़ियों का चयन हुआ था। इस दौरान शुभो पॉल ने 15 खिलाड़ियों के बीच अपनी जगह बनाने में सफल हुए।
दूसरे चरण में, टीम पहले मेक्सिको की यात्रा करेगी, जहां मेक्सिको की अलग-अलग यूथ टीमों के खिलाफ मैचों में हिस्सा लेगी। उसके बाद टीम म्यूनिख के ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लेगी साथ ही बुंदेसलीगा की यूथ टीमों के खिलाफ कई मैच भी खेलेगी।
बता दें कि बायर्न वर्ल्ड स्क्वॉड 28 जून से 10 जुलाई तक दौरे पर रहेगा। हालांकि कैंप के दौरान कुछ बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी अधिक समय तक जर्मनी में रह सकते हैं, ऐसे खिलाडि़यों को बायर्न के साथ एक पेशेवर खिलाड़ी के तौर पर अनुबंध हासिल करने का मौका मिल सकता है। शुभो पॉल का स्कवॉड में चयन होना उनके लिए बहुत बड़ी बात है, पॉल लंबे समय से यूईएफए चैंपियंस लीग (UEFA Champions League) में खेलने का सपना भी देख रहे थे।
शुभो पॉल ने द हिन्दू से बात करते हुए कहा, "मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि मैं चैंपियंस लीग में खेल सकता हूं। सुदेवा मैनेजमेंट का मुझ पर भरोसा है। अगर वे मेरा इस तरह समर्थन कर रहे हैं, मुझे उनके इस कॉल पर पछतावा नहीं करना चाहिए।"
बता दें कि शुभो के चयन होने से भारत की फुटबॉल दुनिया काफी चर्चा में है। यहां तक कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उन्हें शुभकामनाएं दीं हैं।
कौन हैं शुभो पॉल और क्या है उनकी खासियत ?
शुभो पॉल का जन्म भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के साल्किया हावड़ा में हुआ था। वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं, जहां उनके पिता अभी भी एक कपड़ा मिल में मजदूरी का काम करते हैं। शुभो ने महज छह साल की उम्र में अपने बड़े भाई राजू पॉल से प्रेरित होकर फुटबॉल खेलना शुरू कर दिया था। दरअसल, जो खुद एक पेशेवर फुटबॉलर के रूप में खेलना चाहते थे।
वहीं, इस खेल में अपने छोटे भाई की प्रतिभा को देखते हुए राजू ने अपने इस सपने को छोड़ दिया। जहां इस दौरान वह सिर्फ छोटे भाई शुभो के करियर को सपोर्ट करने लगे और हावड़ा नगर निगम में नौकरी कर ली। शुभो पॉल कहते हैं कि उनके भाई का बलिदान भारतीय फुटबॉल में उनके लिए प्रेरणा के तौर पर है। जिसे हम कभी नहीं भूल सकते हैं।
शुभो अपने बचपन में नंगे पैर से खेलते थे, क्योंकि उनका परिवार उनके लिए फुटबॉल के जूते खरीदने में सक्षम नहीं था। लेकिन फुटबॉल की दुनिया के दिग्गज खिलाड़ी चीमा ओकोरी (Chima Okorie) की मदद से शुभो पॉल की जिंदगी पूरी तरह बदल गई।
बता दें कि चीमा ओकोरी एक नाइजीरियाई पूर्व पेशेवर फुटबॉल स्ट्राइकर हैं। दरअसल, चीमा ओकोरी अपने खेल के दिनों के दौरान कोलकाता के ईस्ट बंगाल, मोहन बागान और मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब के लिए खेलते हुए 100 से अधिक गोल किए थे। जहां उनकी नजर एक दिन युवा शुभो पॉल पर पड़ी। इसके बाद चीमा ने शुभो पॉल को इसमें शामिल होने के लिए कहा। जिसके बाद शुभो पॉल की जिंदगी इस तरह बदली की वो किसी कहानी से कम नहीं है।
शुभो अपने से काफी सीनियर खिलाड़ियों के खिलाफ नंगे पांव खेलते हुए उन्होंने शानदार गोल दागा, जिसको देखकर चीमा ओकोरी काफी प्रभावित हुए, दरअसल वो खुद एक शानदार स्ट्राइकर थे। वहीं, चीमा ओकोरी ने न केवल शुभो पॉल के लिए फुटबॉल जूते और किट खरीदे बल्कि इस युवा के सपनो को एक पंख दिया। अब इसके बाद ओकोरी के मार्गदर्शन से उनके लिए नए रास्ते खुल गए और शुभो लगातार फुटबॉल पर ध्यान देते रहे। जहां एक दिन शुभो पॉल ट्रायल के माध्यम से बेंगलुरु एफसी की अकादमी के लिए चुने गए, जो उनके लिए एक बहुत बड़ी बात थी।
हालांकि, उस समय बेंगलुरु अकादमी के पास आवास नहीं था और उन्हें एक होटल में रहना पड़ता था। शुभो पॉल कोलकाता लौट आए और जल्द ही उन्हें ईस्ट बंगाल और सुदेवा ने चुना। जहां उन्होंने सुदेवा में शामिल होने का अपना विकल्प चुना।
सुदेवा में शामिल होते ही बंगाल के इस युवा खिलाड़ी ने कहर बरसाते हुए कई गोल दागे। बता दें कि शुभो एक AIFF पंजीकृत खिलाड़ी बनने के बाद 41 मुकाबलों में 87 गोल दागे हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। जाहिर है कि उनके इस खेलने की स्टाइल और कला ने बायर्न को उन्हे चुनने पर मजबूर कर दिया।
यही नहीं, शुभो ने अंडर -16 स्तर पर भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है और बहरीन में अब स्थगित 2020 एएफसी अंडर -16 चैंपियनशिप (AFC Under-16 Championships) के लिए क्वालीफाई करने में भारत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने तीन क्वालीफाइंग खेलों में तीन गोल दागे हैं। वहीं, शुभो पॉल ने 2021 में क्लब की पहली आई-लीग मुकाबले में सुदेवा एफसी के लिए सीनियर टीम में अपना डेब्यू किया। जहां उन्होंने आठ मुकाबलो में दो गोल अपने नाम किए हैं।
बता दें कि सुदेवा के हेड कोच चेन्चो दोरजी (Chencho Dorji) ने शुभो को कम उम्र में ही सुदेवा टीम की कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपी थी। वहीं, शुभो पॉल क्रिस्टियानो रोनाल्डो (Cristiano Ronaldo) और रॉबर्ट लेवांडोव्स्की (Robert Lewandowski) के बहुत बड़े फैन हैं।
दरअसल जो चीज शुभो को बाकी लोगों से अलग करती है, वह है अपनी क्षमताओं पर उनका अटूट विश्वास है। शुभो ने एएनआई से कहा, "अगर मैं इसी तरह खेलता रहा, तो एक दिन मैं निश्चित रूप से सुनील छेत्री (Sunil Chhetri) से बेहतर फुटबॉलर बनूंगा।"