सानिया मिर्ज़ा फ़ेयरवेल: हैदराबाद ने दी स्टार खिलाड़ी को भावुक विदाई

भारतीय टेनिस क्वीन ने रोहन बोपन्ना, युवराज सिंह और 'बेस्ट फ्रेंड' बेथनी मेटेक सैंड्स के साथ दो एग्ज़ीबिशन मैच भी खेले और जीत हासिल की।

2 मिनटद्वारा रितेश जायसवाल
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(2011 Getty Images)

सानिया मिर्ज़ा के जीवन ने उस वक़्त एक नया मोड़ ले लिया, जब उन्होंने अपने गृहनगर हैदराबाद के लाल बहादुर स्टेडियम में टेनिस से संन्यास लेते हुए भावनात्मक विदाई ली। यह वही जगह थी जहां से उन्होंने अपने टेनिस करियर की शुरुआत की थी। 

साल 2003 में सानिया मिर्ज़ा महज़ 16 वर्ष की थीं, उन्होंने अपना पहला WTA इवेंट वाइल्ड कार्ड एंट्री के रूप में हैदराबाद ओपन में खेला था। एक साल बाद उन्होंने दक्षिण अफ़्रीका की लिजेल ह्यूबर के साथ भागीदारी करते हुए उसी इवेंट में युगल खिताब जीता।

यह सानिया मिर्ज़ा के 44 डब्ल्यूटीए ख़िताबों (युगल में 43 और एकल में 1) में से पहला था। अपने शानदार करियर के दौरान उन्होंने छह ग्रैंड स्लैम ख़िताब जीते और चार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया। दो दशकों का उनका करियर बेहद शानदार रहा।

भारतीय टेनिस खिलाड़ी ने इस महीने की शुरुआत में दुबई टेनिस चैंपियनशिप के बाद पेशेवर टेनिस करियर से संन्यास ले लिया था, लेकिन रविवार को उन्हें उनके गृहनगर में शानदार फेयरवेल मिला।

इस फेयरवेल में सम्मानित किए जाने और अपने भावुक शब्दों से लोगों का दिल जीतने के अलावा सानिया मिर्ज़ा ने दो एग्ज़ीबिशन मैच भी खेले, जिसमें साथी भारतीय टेनिस दिग्गज रोहन बोपन्ना, पूर्व भारतीय क्रिकेट स्टार युवराज सिंह और उनकी 'सबसे अच्छी दोस्त' और पूर्व युगल जोड़ीदार अमेरिकी टेनिस खिलाड़ी बेथनी मेटेक सैंड्स शामिल रहीं। सानिया मिर्ज़ा ने घरेलू दर्शकों को खुश करने के लिए दोनों मैच जीते।

सानिया मिर्जा ने हैदराबाद में प्रशंसकों की उपस्थिति में कहा, “मैं आप सभी के सामने अपना आखिरी मैच खेलने के लिए बहुत उत्साहित हूं।" मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान 20 साल अपने देश के लिए खेलना रहा है। अपने देश का सर्वोच्च स्तर पर प्रतिनिधित्व करना हर एथलीट का सपना होता है। मैं ऐसा करने में सक्षम रही।”

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