राष्ट्रमंडल खेल 2018: नीरज चोपड़ा ने गोल्ड कोस्ट में कैसे जीता भाला फेंक का स्वर्ण पदक

नीरज चोपड़ा ने राष्ट्रमंडल खेल 2018 में भाला फेंक स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। हालांकि वो फाइनल में अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो से 1 सेमी दूर रह गए थे।

4 मिनटद्वारा विवेक कुमार सिंह
Neeraj Chopra, Commonwealth Games 2018, men's javelin throw gold medal
(2018 Getty Images)

नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक जीतने की उपलब्धि ने उन्हें रातों-रात भारतीय खेल जगत का चमकता सितारा बना दिया था।

हरियाणा के पानीपत शहर के रहने वाले युवा जैवलिन थ्रोअर (भाला फेंक एथलीट) ने पिछले पांच वर्षों में एक होनहार एथलीट से ओलंपिक चैंपियन बनने तक का सफर तय किया है, जो वाकई किसी सपने के सच होने जैसा है।

हालांकि टोक्यो 2020 ओलंपिक का स्वर्ण पदक, नीरज चोपड़ा के करियर की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि है। इसके अलावा, उन्होंने लगातार अलग-अलग प्रतियोगिताओं में पोडियम पर शीर्ष स्थान हासिल किया है।

राष्ट्रमंडल खेल 2018 एक ऐसा इवेंट था, जिसने ट्रैक एंड फील्ड में भारत के भविष्य को सुनहरा बनाने का वादा किया और नीरज चोपड़ा उस सफर पर निकलने वाले पहले एथलीट बने।

राष्ट्रमंडल खेल 2018: डेब्यू पर स्वर्ण पदक

नीरज चोपड़ा और उनके इतिहास रचने की गाथा ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में पहली बार इतने बड़े मंच पर देखने को मिली थी, जहां उन्होंने भाला फेंक स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था।

2018 में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में डेब्यू करने से पहले नीरज चोपड़ा ने जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब भी अपने नाम किया था और उन्होंने सीनियर सर्किट में भी अपना नाम बनाना शुरू कर दिया था।

पानीपत का रहने वाला ये एथलीट किसी भी स्तर पर एथलेटिक्स में भारत का पहला विश्व चैंपियन है। उन्होंने साल 2016 में 86.48 मीटर के जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड-ब्रेकिंग थ्रो के साथ अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब हासिल किया था।

(2016 Getty Images)

उसी साल, नीरज ने दक्षिण एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता और उसके बाद 2017 एशियाई चैंपियनशिप में भी पोडियम पर शीर्ष स्थान हासिल किया।

20 साल के नीरज चोपड़ा कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में शानदार फॉर्म में थे और उन्होंने उस सीजन की तीनों स्पर्धाओं में जीत हासिल की और लगातार 80 मीटर का आंकड़ा पार किया।

हर प्रतियोगिता में लगातार सुधार के साथ नीरज चोपड़ा ने मार्च में पटियाला में आयोजित हुए फेडरेशन कप में 85.94 मीटर के थ्रो के साथ सीजन का सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया।

नीरज चोपड़ा का गोल्ड कोस्ट में प्रदर्शन

उस समय 20 साल के नीरज चोपड़ा ने राष्ट्रमंडल खेल 2018 में स्वर्ण पदक के दावेदार के रूप में अपना डेब्यू किया, जहां नीरज सभी की उम्मीदों पर खरे उतरे।

क्वालीफिकेशन राउंड में नीरज ने पहले ही प्रयास में शानदार थ्रो कर फाइनल का टिकट हासिल कर लिया। युवा भारतीय ने क्वालीफाइंग मार्क (78 मीटर) हासिल करने के लिए 82.42 मीटर का जैवलिन थ्रो किया और क्वालीफिकेशन राउंड में चौथा स्थान हासिल किया।

नीरज चोपड़ा ने कहा, "क्वालीफाइंग राउंड में 80 मीटर का थ्रो करने के बाद, फाइनल में अच्छा प्रदर्शन करने का आत्मविश्वास मिला और मुझे काफी अच्छा लगा।"

24 प्रतिभागियों में से 12 ने फाइनल राउंड में जगह बनाई।

अपने बुलंद हौसलों के साथ नीरज चोपड़ा ने फाइनल में शानदार शुरुआत की और अपने पहले ही थ्रो में वो स्वर्ण पदक का दावा ठोक दिया, उनका पहला थ्रो 85.50 मीटर का रहा।

नीरज चोपड़ा ने कहा, “जब आप इस तरह पहला थ्रो करने में सफल हो जाते हैं तो इससे बहुत फर्क पड़ता है। यह दूसरों पर दबाव बनाता है”

भारतीय एथलीट ने दूसरे प्रयास में फाउल किया और तीसरे में 84.78 मीटर का थ्रो किया।

नीरज चोपड़ा का सर्वश्रेष्ठ थ्रो चौथे प्रयास में आया जब उन्होंने 86.47 मीटर का थ्रो किया, जो उनके तत्कालीन व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ से सिर्फ 1 सेंटीमीटर दूर था।

उन्होंने आगे कहा, "मैं अपना व्यक्तिगत रिकॉर्ड तोड़ने के लिए बेकरार था और मैंने इतनी मेहनत की थी कि मैं अपने पिछले दोनों प्रयासों में असफल हो गया।"

नीरज चोपड़ा के सभी चार वैध थ्रो ने 83 मीटर का आंकड़ा पार किया।

नीरज चोपड़ा इतने शानदार फॉर्म में थे कि फाइनल में उनका सबसे खराब थ्रो (83.48 मीटर) अभी भी रजत पदक विजेता हामिश पीकॉक (82.59 मीटर) के सर्वश्रेष्ठ प्रयास से बेहतर था। एंडरसन पीटर्स 82.20 मीटर के थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

(2018 Getty Images)

फाइनल में प्रतिस्पर्धा करने वाले एक और भारतीय विपिन कसाना पांचवें स्थान पर रहे थे।

नीरज चोपड़ा राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय भाला फेंक एथलीट और मिल्खा सिंह (1958), कृष्णा पूनिया (2010) और विकास गौड़ा (2014) के बाद खेलों में एथलेटिक्स खिताब जीतने वाले चौथे भारतीय बने।