नवजीत कौर ढिल्लों डोप टेस्ट में हुईं फेल, डिस्कस थ्रोअर पर लगा तीन साल का प्रतिबंध
विश्व एथलेटिक्स द्वारा प्रतिबंधित एनाबॉलिक-एंड्रोजेनिक स्टेरॉयड टेस्ट में नवजीत के पॉजिटिव पाए जाने के बाद एथलेटिक्स इंटीग्रिटी यूनिट ने उनपर प्रतिबंध लगा दिया है।
भारत की डिस्कस थ्रोअर नवजीत कौर ढिल्लों के डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने के बाद वर्ल्ड एथलेटिक्स की एथलीट इंटीग्रिटी यूनिट (AIU) ने उनपर तीन साल का प्रतिबंध लगा दिया है। नवजीत ढिल्लों ने गोल्ड कोस्ट में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल खेल 2018 में कांस्य पदक जीता था।
नवजीत ने बर्मिंघम में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के फाइनल में जगह बनाई थी, जहां वह आठवें स्थान पर रही थीं। ऐसे में अगर वह पदक जीतने में सफल होती तो उनसे यह पदक वापस ले लिया जाता।
AIU ने कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले उनका सैंपल लिया था, लेकिन टेस्टिंग में काफी समय लगने के कारण उनकी रिपोर्ट अब आई है। जिसमें वह पॉजिटिव पाई गई हैं।
एआईयू ने बताया, "27 वर्षीय नवजीत कौर ढिल्लों को डोपिंग टेस्ट में डीहाइड्रोक्लोरोमेथिलटेस्टोस्टेरोन (DHCMT) के लिए सकारात्मक पाया गया, जो विश्व एथलेटिक्स द्वारा एक प्रतिबंधित एनाबॉलिक-एंड्रोजेनिक स्टेरॉयड है।
1960 के दशक के अंत में कुछ पूर्वी जर्मन एथलीटों के द्वारा अपने प्रदर्शन की क्षमता को बढ़ाने के लिए इस दवा का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाता था।
27 साल की ढिल्लों ने इस महीने की शुरुआत में एआईयू को बताया था कि उन्होंने एक सप्लीमेंट का इस्तेमाल किया था, जिसके बारे में उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि यह प्रतिबंधित पदार्थ था।
एआईयू टीम ने 24 जून को कजाकिस्तान के अल्माटी में कोसानोव मेमोरियल एथलेटिक्स मीट के दौरान नवजीत कौर ढिल्लों का प्रतियोगिता के बाद उनके मूत्र का नमूना लिया था।
10 अगस्त को स्विट्जरलैंड के लुसाने में विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) की मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला ने डीएचसीएमटी के मेटाबोलाइट की उपस्थिति के लिए उनके नमूने को सकारात्मक पाए जाने की सूचना दी।
नवजीत कौर का बर्मिंघम में निराशाजनक प्रदर्शन था और वह फाइनल में 8वें स्थान पर रहीं थीं।
इससे पहले उन्होंने साल 2014 में जूनियर वर्ल्ड एथलेटिक्स में भी कांस्य पदक अपने नाम किया था।
वहीं, भारतीय महिला डिस्कस थ्रोअर ने कजाकिस्तान के अल्माटी में आयोजित हुए कोसानोव मेमोरियल 2022 एथलेटिक्स मीट में स्वर्ण पदक जीता था।