मीराबाई चानू: टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीतने की बड़ी दावेदार, उनके मुख्य प्रतिद्वंदियों के बारे में जानिए

अपने दूसरे ओलंपिक खेलों में मीराबाई चानू को महिलाओं के 49 किग्रा वर्ग में स्वर्ण जीतने की प्रबल दावेदार माना जा रहा है।

5 मिनटद्वारा प्रभात दुबे
भारतीय स्टार महिला वेटलिफ़्टर मीराबाई चानू की नज़र टोक्यो 2020 में जगह पक्की करने पर है।

एक ऐसी प्रतिभाशाली महिला वेटलिफ्टर जो ऐसे मुकाम पर है, जिसने खेल के क्षेत्र में खुद को मजबूती से स्थापित किया है, मीराबाई चानू Mirabai Chanu भारत को ओलंपिक में पदक दिलाने के लिए प्रबल दावेदारों में से एक है।

एक पूर्व विश्व चैंपियन (2017 में) जो राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता (2018) है, उन्होंने जीत के दौरान खेलों का रिकॉर्ड तोड़ा है साथ ही मीराबाई चानू वर्तमान में महिलाओं की 49 किग्रा वेटलिफ्टिंग वर्ग में चौथी वरीयता प्राप्त हैं। खासकर के ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने के लिए ये उनका चौथा सर्वश्रेष्ठ दांव है, लेकिन इसमें कुछ बातें जोड़नी जरूरी है कि क्यों उनके सामने कौन-कौन से प्रतिद्वंदी है जो उन्हें टोक्यो में टक्कर दे सकते है।

उत्तर कोरिया की वर्तमान वेटलिफ्टर और तीसरी वरीयता प्राप्त री सोंग गम भाग नहीं लेगी क्योंकि उनके देश ने टोक्यो ओलंपिक से हटने का फैसला लिया है।

आपको बता दें कि 49 किग्रा वर्ग में शीर्ष दो वेटलिफ्टर चीनी हैं, लेकिन ओलंपिक नियम कहते हैं कि किसी देश से केवल एक वेटलिफ्टर एक विशेष भार वर्ग में ही भाग ले सकता है।

देखा जाए तो इस तरह मीराबाई चानू को ओलंपिक में फायदा हो सकता है, क्योंकि टोक्यो ओलंपिक से पहले उनका यह प्रदर्शन इसका आधार है। साथ ही मुकाबले में मीराबाई चानू को खास बनाता है, यह टोक्यो ओलंपिक में उन्हे आगे ले जाने की नींव को मजबूत करता है।

अप्रैल में हुई एशियाई चैंपियनशिप में मीराबाई चानू ने क्लीन-एंड-जर्क कैटेगरी (119 किग्रा) में एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया था और कांस्य जीतने के लिए स्नैच सेक्शन (86 किग्रा) में अपना दूसरा सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की थी, जिसने 205 किग्रा में उनके सर्वश्रेष्ठ संयुक्त प्रयास को भी जोड़ा गया था।

मीराबाई चानू ने इस बात को स्वीकार किया कि उनकी नसों के खिंचाव ने उनको बेहतर प्रदर्शन करने से बाधित किया और उसी वजह से वह अपना एक भी स्नैच लिफ्ट उठाने में असमर्थ रहीं ।

मीराबाई चानू ने उस दौरान एक खेल मनोवैज्ञानिक के साथ काम किया, और अपने खेल को आगे बढ़ाया जिससे की वह इसमें बेहतर हो सकें।  हालांकि ओलंपिक पदक के लिए उनके विरोधी काफी मुश्किलें पैदा कर सकते है।

झिहुई होउ (चीन)

शीर्ष उपलब्धियां: विश्व चैंपियन (2018) और दो बार की एशियाई चैंपियन (2019, 2020)

क्या उन्हें खास बनाता है? झिहुई होउ चीनी वेटलिफ्टर्स की लंबी विरासत को जारी रख रही है, वह टोक्यो ओलंपिक के लिए टॉप पॉजिशन पर है।

झिहुई होउ ने 2018 में विश्व चैंपियनशिप में अपने 49 किग्रा की शुरुआत में एक अलग छाप छोड़ी थी, जहां उन्होंने स्वर्ण पदक जीतने के लिए तत्कालीन विश्व रिकॉर्ड 208 किग्रा उठाया। 2019 विश्व चैंपियनशिप में होउ ने 211 किग्रा का भार उठाया, जिसमें उन्हें सिल्वर मेडल हासिल हुआ था। 

उन्होने कभी भी बड़े आयोजनों में 204 किग्रा से कम का वजन नहीं उठाया, जो उनके बड़े खेल की की प्रमाणिकता को दर्शाता है।

इसके अलावा,  झिहुई होउ टोक्यो ओलंपिक के लिए पूरी तरह से तैयार है। अप्रैल में एशियाई चैंपियनशिप में उन्होने  स्नैच में 96 किग्रा का नया विश्व रिकॉर्ड बनाया, होउ ने 117 किग्रा क्लीन-एंड-जर्क के साथ 213 किग्रा के एक और विश्व रिकॉर्ड को जोड़ा, जिसने उन्हे स्वर्ण पदक हासिल हुआ।

हुइहुआ जियांग (चीन)

शीर्ष उपलब्धियां: दो बार की विश्व चैंपियन (2015, 2019)

क्या उन्हें खास बनाता है: एशियाई युवा खेल (2013) और युवा ओलंपिक (2014) में लगातार स्वर्ण पदक जीतने के बाद हुइहुआ जियांग ने 2015 में दुनिया में तहलका मचा दिया।

17 वर्षीय हुइहुआ जियांग ने अपनी पहली विश्व चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा करते हुए 48 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक लेने के लिए 198 किग्रा का भार उठाया था। उसी साल  उन्होंने  विश्व जूनियर चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता।

(2015 Getty Images)

49 किग्रा ओलंपिक वर्ग में शिफ्ट होने के बाद से हुइहुआ जियांग को 2018 विश्व चैंपियनशिप में झिहुई होउ की वजह से स्वर्ण पदक हासिल हुआ था, साल 2019 में जियांग ने गोल्ड और होउ ने सिल्वर जीता।

अप्रैल 2021 में एशियाई चैंपियनशिप में मीराबाई चानू द्वारा रिकॉर्ड तोड़े जाने से पहले हुइहुआ जियांग ने क्लीन-एंड-जर्क में  विश्व रिकॉर्ड (118 किग्रा) भी अपने नाम किया था।

टोक्यो ओलंपिक में 49 किग्रा वर्ग में चीन का प्रतिनिधित्व करने के लिए दूसरी वरीयता प्राप्त हुईहुआ जियांग और झिहुई होउ के बीच सीधा शूट-आउट होना तय है।

एलिजाबेथ जॉर्डन डेलाक्रूज़ (यूएसए)

शीर्ष उपलब्धियां: IWF विश्व कप चैंपियन (2020); दो बार के पैन अमेरिकन चैंपियन (2019, 2020)

क्या उन्हें खास बनाता है? टोक्यो ओलंपिक के लिए एक भरोसेमंद वेटलिफ्टर, एलिजाबेथ जॉर्डन डेलाक्रूज़

ओलंपिक में एशियाई हैवीवेट मीरा के लिए एक आश्चर्य पैदा कर सकती है।

वर्तमान में छठी वरीयता प्राप्त, डेलाक्रूज़ के लिए युवा वर्ग में चुनौतीपूर्ण समय था, जहां 2018 विश्व जूनियर चैंपियनशिप में 53 किलोग्राम में सिल्वर उनका सर्वश्रेष्ठ नतीजा था।

अमेरिकी वेटलिफ्टर ने शुरुआत में 55 किग्रा वर्ग में भाग लिया, जहां उन्होने 2019 पैन अमेरिकन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, जो किसी भी स्तर पर उनका पहला खिताब था।

डेलाक्रूज़ ने 2019 में 49 किग्रा वर्ग में स्विच किया और 2020 IWF विश्व कप में स्वर्ण जीतने से पहले अंतर्राष्ट्रीय नईम सुलेमानोग्लू टूर्नामेंट जीतकर एक शानदार छाप छोड़ी।

 उनका सर्वश्रेष्ठ प्रयास हाल ही में 2020 पैन-अमेरिकन चैंपियनशिप में आया, जहां उन्होंने स्वर्ण पदक जीतने के लिए 200 किग्रा भार उठाया। डेलाक्रूज़ निश्चित रूप से टोक्यो 2020 में बेहतर खिलाड़ी साबित होंगी।

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