साउथ एशियन गेम्स से बाहर रहने वालीं मीरा बाई चानू और जेरेमी लालरिनुंगा दोहा में चल रहे छठे क़तर इंटरनेशनल कप में एक लक्ष्य के साथ उतरे, जहां दोनों को ही क़ामयाबी नसीब हुई।
क़तर इंटरनेशनल में खेलने का जेरेमी का फ़ैसला रंग लाया, जहां 67 किग्रा कैटेगिरी में जेरेमी ने कुल 306 किग्रा भार उठाकर (140 किग्रा स्नैच और 166 किग्रा क्लीन एंड जर्क) रजत पदक पर अपना कब्ज़ा जमाया।
लालरिनुंगा की इस शानदार उपलब्धि से पहले भारत की चैंपियन वेटलिफ़्टर साईकोम मीरा बाई चानू ने भी भारत को जश्न मनाने का मौक़ा दिया। उन्होंने महिला 49 किग्रा कैटेगिरी में स्वर्ण पदक जीतकर देश के लिए पदकों का खाता खोला।
अब तक रहा है शानदार साल
पिछले साल यूथ ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले लालरिनुंगा ने 2019 में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। जिसकी शुरुआत ईजीएटी कप इंटरनेशनल में रजत पदक जीतने के साथ हुई थी।
इसके बाद एशियन चैंपियनशिप में वह 9वें स्थान पर रहे थे, जिसकी बदौलत उन्हें तीन वर्ल्ड मार्क मिले थे, जो एक बेहतरीन रिकॉर्ड था।
लालरिनुंगा ने इसके अलावा एशियन यूथ चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल और एशियन जूनियर चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया था।
भारत के ओलंपिक के अवसर को बढ़ाया
लालरिनुंगा के अलावा चैंपियन मीरा बाई चानू ने स्नैच में 83 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 111 किग्रा भार उठाते हुए कुल 194 किग्रा भार उठाया था, हालांकि ये प्रदर्शन उनके व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 201 किग्रा से कहीं कम था। लेकिन ये प्वाइंट्स 2020 टोक्यो ओलंपिक में फ़ाइनल रैंकिंग तय करने में मदद कर सकते हैं।
नियमों के मुताबिक़
टोक्यो गेम्स में क्वालीफ़ाई करने के लिए एक वेटलिफ़्टर को ज़रूरत होती है कि वह नवंबर 2018 और अप्रैल 2020 के बीच छह महीने की अवधि में होने वाले तीन प्रतियोगिताओं में से कम से कम एक में भाग लिए हों। कुल मिलाकर कम से कम छह इवेंट और कम से कम एक स्वर्ण और एक रजत-स्तर का मेडल होना अनिवार्य है।