मिशन टोक्यो: चोटिल जेरेमी लालरिनुंगा के पास जूनियर वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग में होगा आखिरी मौका

डॉक्टरों ने जेरेमी लालरिनुंगा को सलाह दी है कि वो अपने चोटिल घुटने पर ज्यादा जोर न दे, लेकिन यह युवा एथलीट अपने ओलंपिक के सपनों पर पानी नहीं फेरना चाहता है। और अपना ध्यान इस पर केंद्रित किए हुए है।

3 मिनटद्वारा सतीश त्रिपाठी

भारतीय वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिनुंगा (Jeremy Lalrinnunga) 21 मई से 31 मई तक उज्बेकिस्तान के ताशकंद में होने वाली 2021 जूनियर विश्व चैंपियनशिप (junior world championships) पर अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं, जहां वह जीत के साथ टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में अपना स्थान सुनिश्चित करना चाहते हैं।

भारतीय भारोत्तोलक जेरेमी लालरिनुंगा मिजोरम के हैं, यह 18 वर्षीय भारोत्तोलक भारत का ऐसा पहला एथलीट है जिसने 2018 में यूथ ओलंपिक में गोल्ड मेडल हासिल किया था। आपको बता दें कि जेरेमी लालरिनुंगा 67 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हैं, और पुरुषों के वर्ग में भारत के लिए प्रतिनिधित्व करने के लिए एक अच्छी उम्मीद के तौर पर इन्हें देखा जा रहा है।

वहीं, महिलाओं के भारोत्तोलक में मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) का नाम है, जिन्होंने पिछले महीने एशियाई भारोत्तोलन चैंपियनशिप 2021 (Asian weightlifting championship) में कांस्य पदक हासिल किया था। मीराबाई टोक्यो में महिलाओं की 49 किग्रा वर्ग में दिखाई देंगी, लेकिन जेरेमी लालरिनुंगा अभी भी इसके लिए भरपूर प्रयास कर रहे हैं।

टोक्यो के लिए वेटलिफ्टिंग की क्वालिफिकेशन रैंकिंग पर आधारित है, और जेरेमी लालरिनुंगा को उनके वजन वर्ग में 26 वें स्थान पर रखा गया है। साथ ही ग्रीष्मकालीन खेलों (Summer Games) के लिए अपना स्थान प्राप्त करने के लिए, भारतीय भारोत्तोलक को दक्षिण कोरिया के मेयोंगमोक हान (Myeongmok Han) को पीछे छोड़ना होगा, जो 20 वें स्थान पर काबिज हैं।

2021 जूनियर वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप (junior world weightlifting championships) एक गोल्ड लेवल रैंकिंग इवेंट है, और ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिए एक आखिरी पायदान है। जहां वेटलिफ्टरों के पास अपनी रैंकिंग प्वाइंट में आगे बढ़ने का एक शानदार मौका रहता है।

इस दौरान जेरेमी के पास दक्षिण कोरियाई एथलीट को मात देकर टोक्यों में अपना स्थान हासिल करने का एक शानदार मौका है, लेकिन इस ताशकंद इवेंट में उन्हें कम से कम 310 किग्रा उठाने की जरूरत है।

इस अद्भुत करतब के लिए एथलीट को अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 306 किग्रा (स्नैच में 140 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 166 किग्रा) के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की आवश्यकता होती है, जो उन्होंने 2019 में दोहा के कतर इंटरनेशनल कप (Qatar International Cup in Doha) में उस स्पर्धा में रजत पदक जीतने के लिए निर्धारित किया था।

इस लिफ्टर के सामने एक बड़ी समस्या यह है कि पिछले महीने ताशकंद में एशियाई चैंपियनशिप के दौरान उनके घुटने में चोट लग गई थी। इस चोट ने जेरेमी के प्रदर्शन को काफी प्रभावित किया था, जहां वह आठवें स्थान पर रहे।

फिलहाल यह युवा एथलीट एमआरआई स्कैन करवा चुका है, और डाक्टरों ने उन्हें सलाह दी है कि वह अपने पैर पर ज्यादा दबाव न डालें। वहीं, जेरेमी को विश्वास है कि वह इस इंजरी से जल्द वापसी कर लेंगे, फिलहाल वह इस समय एनआईएस पटियाला (NIS Patiala) में कठिन ट्रेनिंग कर रहे हैं।

जेरेमी लालरिनुंगा ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में कहा, "मैं अभी और अधिक मजबूत होने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा हूं। मैंने वर्ल्ड इवेंट के साथ ही लाइट ट्रेनिंग भी करना शुरु कर दिया है। अभी भी मुझे ठीक होने में कुछ समय लगेगा। और मुझे उम्मीद है कि उज्बेकिस्तान इवेंट में भाग ले सकूंगा और अपेक्षित रैंकिंग प्वाइंट हासिल कर सकूंगा।"

जेरेमी के अलावा, अचिंता शूली भी (Achinta Sheuli) (पुरुषों के 73 किग्रा) में जूनियर विश्व चैंपियनशिप में भाग लेंगे। जहां दोनों भारोत्तोलकों को 20 मई तक ताशकंद पहुंचने की जरूरत है, और भारत छोड़ने से पहले उन्हें COVID-19 टीकाकरण की पहली डोज़ दी जाएगी।