141वां IOC सेशन: ओलंपिक की भावना के साथ सपनों का शहर मुंबई करेगा मेज़बानी
भारत के मुंबई में 141वें IOC सत्र को आयोजित किया जाएगा। यहां खेल और ओलंपिक के साथ शहर से जुड़ी ख़ास जानकारी दी गई हैं।
खेल जगत की दुनिया का ध्यान 15 से 17 अक्टूबर तक भारत के मुंबई शहर पर होगा, क्योंकि सपनों के शहर में 141वें IOC सेशन का आयोजन किया जा रहा है।
IOC सेशन हर साल कम से कम एक बार आयोजित किया जाता है, यह अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के सदस्यों की जनरल मीटिंग होती है। आने वाले इवेंट के लिए मेज़बान शहरों, खेल और महासंघों को शामिल करने या बाहर करने और ओलंपिक चार्टर में बदलाव के बारे में महत्वपूर्ण फैसले IOC सत्र में लिए जाते हैं। ये सत्र आईओसी का अहम हिस्सा है और इन मीटिंग में लिए गए निर्णय आखिरी होते हैं।
साल 1894 से अब तक कुल 140 IOC सेशन आयोजित किए जा चुके हैं, लेकिन मुंबई में होने वाले आगामी सत्र में भारत सिर्फ दूसरी बार इस प्रतिष्ठित मीटिंग की मेज़बानी करेगा। इससे पहले साल 1983 में नई दिल्ली ने पहली बार इसकी मेज़बानी की थी।
भारतीय खेलों और देश के ओलंपिक इतिहास के साथ मुंबई के ख़ास रिश्ते को दर्शाते हुए, मुंबई एक और अभूतपूर्व आईओसी सत्र के लिए एकदम सही मंच होने के वादे के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुंबई और खेल: जहां इतिहास का संगम भावना से होता है
मुंबई, जिसे पहले बॉम्बे के नाम से जाना जाता था, यह भारत का फाइनेंशियल हब है। इसके साथ ही यह शहर पूरी दुनिया में मशहूर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री बॉलीवुड का घर भी है। इस शहर के व्यावसायिक आकर्षण की वजह से मुंबई को इसका उपनाम सपनों का शहर मिला है।
पिछले कुछ वर्षों में, मुंबई पूरे देश की संस्कृति के केंद्र में बदल गया है, जिससे इसे एक अनोखी पहचान मिली है - एक सच्चा महानगर जहां हर किसी का स्वागत है। हर साल लाखों लोग अपने सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मुंबई आते हैं और इस शहर ने भी पूरे दिल से हर किसी को अपना बनाया है।
मुंबई: क्रिकेट की जान
यदि क्रिकेट एक धर्म था, जैसा कि भारत में है तो शायद मुंबई की मशहूर मरीन ड्राइव के अंत में स्थित वानखेड़े स्टेडियम इसका पवित्र स्थान है।
वहीं, दादर में प्रतिष्ठित शिवाजी पार्क, जो शहर के बीचों-बीच ऊंची इमारतों से भरा इलाका है, इसे भारतीय क्रिकेट की नर्सरी माना जाता है, जहां हजारों युवा बल्ले और गेंद से अपने सपनों का पीछा करने आते हैं। सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर जैसे विश्व क्रिकेट दिग्गज मुंबई से ही हैं।
हालांकि, मुंबई की खेल की दुनिया में सिर्फ क्रिकेट ही नहीं है, बल्कि और भी खेल हैं, जिन्होंने सुर्खियां बटोरी हैं।
ओलंपिक और मुंबई
पहलवान केडी जाधव 1952 हेलसिंकी में कांस्य पदक जीतकर आजाद भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक पदक विजेता थे, उनका जन्म 1926 में महाराष्ट्र के सतारा में हुआ था। यह ब्रिटिश शासन के अंतर्गत तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था, जिसे हम आज सतारा के रूप में जानते हैं। वह मुंबई शहर से लगभग 250 किमी दूर स्थित है।
इसके अलावा कोलकाता में जन्मे टेनिस दिग्गज लिएंडर पेस का मुंबई के साथ एक पुराना रिश्ता है और कई लोग इस शहर को सालों से अपना घर कहते हैं। लिएंडर पेस ने अटलांटा 1996 में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता था, जो हेलसिंकी में केडी जाधव के पदक के बाद ओलंपिक में भारत का पहला व्यक्तिगत पदक था।
मुंबई भी सालों से भारतीय हॉकी के लिए एक महत्वपूर्ण जगह रही है, जहां इस दौरान कई प्रतिष्ठित ओलंपिक पदक विजेताओं के साथ कई अन्य खिलाड़ी उभरकर सामने आए हैं।
लियो पिंटो, वाल्टर डिसूजा, कुलवंत सिंह अरोड़ा, गुरबक्स और बलबीर सिंह ग्रेवाल, एमएम सोमाया, एमके कौशिक, मीर रंजन नेगी, धनराज पिल्लै, डैरिल डिसूजा, एड्रियन डिसूजा, वीरेन रसकिन्हा और देविंदर वाल्मिकी जैसे मशहूर हॉकी स्टार मुंबई से ताल्लुक रखते हैं। इनमें से कुछ का जन्म और पालन-पोषण इसी शहर में हुआ, जबकि कई खिलाड़ियों ने अपने घरेलू खेल करियर का एक बड़ा हिस्सा मुंबई में बिताया।
हॉकी खिलाड़ी मीर रंजन नेगी, जिन्होंने बतौर कोच कॉमनवेल्थ गेम्स 2002 में भारतीय महिला हॉकी टीम को स्वर्ण पदक दिलाया। सुपरहिट एक्टर शाहरुख खान की चक दे इंडिया! उनके जीवन से प्रेरित है! यह बॉलीवुड की सबसे मशहूर खेल फिल्मों में से एक है।
मुंबई शहर हमेशा अपनी दूरदर्शी सोच के लिए जाना जाता है और शायद इस ख़ासियत का सबसे बड़ा उदाहरण साल 1952 में देखने को मिला था, जब भारत ने ओलंपिक के लिए अपनी पहली महिला टीम भेजी थी।
हेलसिंकी 1952 में प्रतिस्पर्धा करने वाली चार भारतीय महिलाओं में से दो खिलाड़ी मैरी डिसूजा और डॉली नज़ीर तत्कालीन बॉम्बे से ताल्लुक रखती थीं, डॉली कारमाइकल रोड में पली-बढ़ी, जो मशहूर हाजी अली दरगाह से ज्यादा दूर नहीं है, मैरी ने बांद्रा के हिल रोड में सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल से स्नातक की पढ़ाई पूरी की है, जो शहर के जाने-माने सेंट एंड्रयूज चर्च और महबूब स्टूडियो से कुछ ही दूरी पर स्थित है।
हाल ही में, मुंबई फ्रेंचाइजी आधारित स्पोर्ट लीग के एक नए युग में भी सबसे बड़ा स्टार बनकर उभरा है। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) क्रिकेट प्रतियोगिता में सबसे सफल टीम मुंबई इंडियंस इस शहर को अपना घर कहती है, जबकि मुंबई सिटी एफसी, पूर्व इंडियन सुपर लीग (ISL) फुटबॉल चैंपियन और यू मुम्बा, प्रो कबड्डी लीग (PKL) सीजन 2 के विजेता भी मुंबई से ही जुड़े हुए हैं।
मुंबई में पर्यटकों के लिए एक गाइड
गेटवे ऑफ इंडिया, चर्चगेट और मराठा मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थानों को देखे बिना इस शानदार शहर का सफ़र अधूरा है, जहां ब्लॉकबस्टर दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे 1995 में रिलीज होने के बाद से चल रही है। कोलाबा कॉजवे में खरीदारी और हलचल भरी शाम जुहू समंदर का नजारा भी देखने वाला है।
अन्य प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में मरीन ड्राइव (जिसे क्वीन्स नेकलेस भी कहा जाता है), छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और एलिफेंटा गुफाएं ये दोनों यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं, छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय (पूर्व में प्रिंस ऑफ वेल्स संग्रहालय), संजय गांधी राष्ट्रीय पार्क और प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर शामिल हैं।
यह शहर विविध प्रकार के पकवानों के लिए भी जाना जाता है, जो अक्सर सड़क के किनारों पर स्थित होते हैं, इसमें ईरानी कैफे से लेकर, कमला मिल्स और उसके आसपास के महंगे रेस्तरां तक शामिल हैं।
मुंबई अपने स्ट्रीट फूड के लिए भी बहुत जाना जाता है। यहां मिलने वाले पारंपरिक वड़ा पाव, मिसल पाव, पाव भाजी और दाबेली को जरूर आज़माएं। समुद्र से इसकी निकटता इसे सीफूड को चाहने वालों के लिए स्वर्ग बनाती है और स्थानीय मालवणी व्यंजन रिजनल ट्विस्ट के साथ मिलते हैं
वहीं अगर आप आप मीठे के शौकीन हैं, तो जलेबी, फालूदा, कुल्फी और अलग-अलग प्रकार मिठाइयां जैसे स्ट्रीट मिठाइयां पूरे शहर में आसानी से उपलब्ध हैं।