प्रजनेश गुणेश्वरन ने अपनी सफलताओं के बारे में विस्तार से बताया

भारत के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी अपने मैच से पहले विरोधियों के वीडियो फुटेज देखने के बाद अपने कोच की सलाह लेकर मैच में उतरते हैं।

3 मिनटद्वारा ओलंपिक चैनल

भारत के दूसरे नंबर के पुरुष एकल टेनिस खिलाड़ी प्रजनेश गुणेश्वरन (Prajnesh Gunneswaran)  ने कोच सुरेश कुमार सोनचलम के साथ वीडियो चैट में अपने प्रतिद्वंद्वी के खेल को समझने के बारे में अपने कुछ रहस्यों का खुलासा किया।

पिछले साल अप्रैल में अपने करियर की उच्चतम एटीपी रैंकिंग 75 पर पहुंचने वाले 30 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी ने कहा कि जब वो मैच की तैयारी के दौरान वीडियो फुटेज और कोच की सलाह पर काम करते हैं, तो इससे उनको काफी फायदा होता है।

प्रजनेश गुणेश्वरन ने भारतीय टेनिस डेली यूट्यूब चैनल पर वीडियो सत्र के दौरान कहा, "अपने प्रतिद्वंद्वी की ताकत और कमजोरियों को जानना हमेशा फ़ायदेमंद होता है।"

चेन्नई के इस एथलीट ने समझाया कि, “एक खिलाड़ी कई बार अपने शॉट्स के दौरान अपने लय में नज़र नहीं आता है। लेकिन उसे देखने से पता चलता है कि वो शॉट्स को निरंतरता से मार रहा है या लापरवाही से मार रहा है।”

प्रजनेश गुणेश्वरन की विरोधियों के बारे में ज्यादा जानकारी उन्हें दूसरे खिलाड़ियों से अलग बनाती है। उनके होमवर्क का एक बड़ा हिस्सा सिर्फ अपने विरोधियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में होता है। जिनका वो अगले मुक़ाबलों में सामना करने वाले होते हैं।

गुणेश्वरन ने कहा, "कुछ खिलाड़ी दूसरों की तुलना में अधिक जानकारी हासिल करते हैं।"

प्रजनेश गुन्नेश्वरन का मानना ​​है कि उनके हमवतन खिलाड़ियों में से एक इस काम को अच्छी तरह से करते हैं, और वो हैं 2017 चेन्नई ओपन के विजेता जीवन नेदुनचेझियान (Jeevan Nedunchezhiyan)।

पूर्व भारतीय नंबर एक ने कहा, "उन्हें याद है कि एक आदमी 30-30 या ब्रेकपॉइंट पर सर्व करने पसंद करता है।"

“ये बहुत बड़ी जानकारी है। इसलिए, अगर आपको पता हो कि आपके प्रतिद्वंद्वी को किस स्थिति में सर्व करने का 70 प्रतिशत मौका मिलता है, तो ये बहुत बड़ी बात है। इन छोटी चीजों को याद रखना महत्वपूर्ण है।

शीर्ष 50 में पहुंचने के लिए और भी मेहनत की ज़रुरत

साल 2019 प्रजनेश गुणेश्वरन के लिए शानदार रहा था। अपने करियर की सर्वोच्च एकल रैंकिंग तक पहुंचने के अलावा, इस  भारतीय टेनिस खिलाड़ी ने विंबलडन और यूएस ओपन में प्रतिस्पर्धा की साथ ही साथ ऑस्ट्रेलियाई ओपन में भी अपनी पहली उपस्थिति दर्ज की।

प्रजनेश गुणेश्वरन के लिए साल का सबसे बड़ा आकर्षण सीजन के पहले एटीपी चैलेंजर एकल फाइनल में था जहां चीन में अनिंग चैलेंजर (Anning Challenge के फाइनल तक पहुंचना था।

जबकि अब सुमित नागल (Sumit Nagal) से नीचे एटीपी रैंकिंग में 132 वें स्थान पर आने वाले गुणेश्वरन को पता है कि शीर्ष 50 में प्रवेश करने के लिए उन्हें क्या करना होगा।

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“मुझे मुख्य रूप से अपने मानसिक शक्ति को बढ़ाना है। गुणेश्वरन ने कहा कि ये स्पष्ट नहीं है लेकिन ये महत्वपूर्ण है कि कोई कब तक मुकाबला कर सकता है।’’

उन्होंने समझाया, “ऐसे मैच हैं जहाँ मुझे छठे गियर में खेलना पड़ा है, लेकिन मेरे पास छठा गियर नहीं है। मुझे वैसे भी इसके माध्यम से आगे बढ़ना है और लंबी अवधि के लिए ओवर ड्राइव पर खेलना है। आखिरकार, ये आपका नया औसत बन जाता है।”

भारतीय टेनिस खिलाड़ी ने अंत में कहा, ‘’मुझे अपनी फिनिशिंग में भी सुधार करना होगा। मैं बहुत से मिडकोर्ट पर गेंदों को मारता हूं और मुझे बहुत अधिक अंक जीतने चाहिए।”