प्रशंसकों की ग़ैरमौजूदगी वाले इस ISL सीज़न में सिर्फ सकारात्मक चीज़ों ध्यान दे रहे एफसी गोवा के हेड कोच जुआन फेरैन्डो
ISL 2020-21 के गोवा में खेले जाने पर एफसी गोवा के हेड कोच को विश्वास है कि यात्रा की कमी से खिलाड़ियों को जल्दी रिकवरी शुरू करने का फायदा मिलेगा।
इंडियन सुपर लीग (ISL) के पिछले सीज़न में अधिकतर टीमों ने खिलाड़ियों को मिलने वाले रिकवरी टाइम की कमी का मुद्दा उठाया था। दरअसल, हर तीसरे दिन क्लबों का मुक़ाबले में शामिल होना, इसके साथ ही पूरी-ताक़त के साथ कड़े मुक़ाबलों को खेलना और फिर प्रशिक्षण सत्रों के साथ सीज़न में आगे बढ़ना फुटबॉल खिलाड़ियों को कहीं न कहीं परेशान कर देता था।
लेकिन ISL 2020-21 सिर्फ गोवा में ही खेला जाएगा, ऐसे में एफसी गोवा के मुख्य कोच जुआन फेरैंडो (Juan Ferrando) को उम्मीद है कि यह खिलाड़ियों के लिए थोड़ा आसान होगा।
क्लब के मीडिया दिवस के दौरान ओलंपिक चैनल के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “यह एक सकारात्मक पहलू (एक ही स्थान पर पूरी लीग का होना) है। हम हर खेल के बाद 4-5 घंटे (हवाई सफर) की यात्रा नहीं करेंगे। हम सीधे अपने होटलों में वापस जाएंगे और जल्द से जल्द रिकवरी शुरू कर सकेंगे। ये एक अच्छी बात है।"
हालांकि जुआन फेरैन्डो ने अप्रैल में एफसी गोवा के मुख्य कोच के रूप में पदभार संभाला था, लेकिन वह अभी कुछ हफ्ते पहले ही अपना नया कार्यभार संभालने के लिए भारत पहुंचे हैं।
वहीं, अनिवार्य क्वारंटाइन में करीब एक सप्ताह का समय निकल गया। अब 22 नवंबर को बेंगलुरु एफसी के खिलाफ होने वाले पहले मैच के लिए अपनी टीम को सही आकार देने के लिए उनके पास केवल तीन सप्ताह का समय ही शेष रह गया।
फेरैन्डो ने इस बात को स्वीकार किया है कि तैयारी के समय की कमी टीम के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है, लेकिन उन्होंने आशा व्यक्त की है कि एफसी गोवा का एटीके मोहन बागान के खिलाफ अगला फ्रेंडली मुक़ाबला खिलाड़ियों को जल्दी समझने में मदद कर सकता है।
फेरैन्डो ने कहा, “हमारे पास प्री-सीज़न के लिए बहुत समय नहीं बचा है। लेकिन फ्रेंडली मुक़ाबलों के साथ हम कुछ जरूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं। अभी हमारी चुनौती खिलाड़ियों के बीच की केमिस्ट्री को तैयार करना और आगे बढ़ने के तरीकों को खोजना होगी। सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों को एक मानसिकता को समझने में मदद करना होगा।”
कोच में बदलाव का मतलब यह भी होगा कि टीम को रणनीति और मानसिकता में भी बदलाव लाने होंगे। लेकिन एफसी गोवा के कप्तान एडू बेदिया इससे चिंतित नहीं हैं।
उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि हम फुटबॉल की इसी स्टाइल को जारी रखेंगे। हम डिफेंस और अटैक के साथ ज्यादा संगठित होंगे। जो तकनीक और चतुराई हमने सीखी हैं, वे हमें बेहतर करने में मदद करेंगी।”
बेदिया ने आगे कहा, “इस साल हमारे पास खेल कौशल की अधिक बारीकियां होंगी, जो टीम को उम्दा बनाने में मदद करेंगी। हमें पीछे देखना होगा और समझना होगा कि कौन सी टीमें हमसे बेहतर हैं और हमसे अच्छा कर सकती हैं। मुझे लगता है कि यही रणनीति हमें ख़िताब तक पहुंचा सकती है। इसलिए मुझे लगता है कि इस बदलाव के साथ हम बेहतर कर सकते हैं।”
इसके अलावा आईएसएल 2020-21 को बंद दरवाज़ों के पीछे खेला जाएगा, इसलिए फुटबॉल प्रशंसक स्टेडियम में बैठकर मुक़ाबलों को देखने का मज़ा नहीं उठा सकेंगे। ऐसे में टीमों को अपने फैंस के सपोर्ट की कमी भी काफी खलेगी।
एफसी गोवा के विंगर ब्रैंडन फर्नांडीस (Brandon Fernandes) ने भी स्वीकार किया कि टीम के प्रशंसकों की गैरमौजूदगी काफी खलेगी। उनका मानना था कि फतोर्दा के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में खेलने से टीम को फायदा हो सकता है।
फर्नांडिस ने तर्क देते हुए कहा, “हम (एफसी गोवा) पिछले छह सत्रों में फतोर्दा में अपने मैच खेल रहे हैं। हम इस मैदान से अच्छी तरह परिचित हैं। इससे थोड़ा फायदा होगा, लेकिन यह काफी मुश्किल होने वाला है क्योंकि सभी टीमें कड़ी टक्कर देना चाहती हैं और यह हर एक दिन की प्रतिस्पर्धा के बारे में है। यदि आप अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो आपको परिणाम भी वैसे ही मिलेंगे।”