नेशनल गेम्स में स्वर्ण पदक की हैट्रिक लगाने को तैयार हैं भारतीय तलवारबाज ओलंपियन भवानी देवी

भवानी देवी ने साल 2011 और साल 2015 के नेशनल गेम्स में फेंसिंग (तलवारबाजी) प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया था। भारतीय फेंसर अगले साल होने वाले एशियाई खेलों से पहले एक शानदार प्रदर्शन के लिए तैयार हैं।

3 मिनटद्वारा ओलंपिक
India's Bhavani Devi.
(Fencing Association of India)

भारतीय तलवारबाज भवानी देवी अपने बेहतरीन कौशल का प्रदर्शन करते हुए नेशनल गेम्स 2022 में स्वर्ण पदक की हैट्रिक लगाने के लिए तैयार हैं। नेशनल गेम्स का आयोजन मंगलवार से गुजरात में होगा।

भारतीय फेंसर ने रांची में आयोजित साल 2011 के नेशनल गेम्स में शानदार प्रदर्शन करते हुए केरल की रीता पुथुसेरी को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। चार साल बाद उन्होंने नेदुम्बस्सेरी में महिलाओं की तलवारबाजी प्रतियोगिता में पंजाब की कोमलप्रीत शुक्ला को हराकर अपने खिताब का बचाव किया और लगातार दूसरी बार स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।

हालांकि भवानी देवी का जन्म चेन्नई में हुआ है लेकिन उन्होंने नेशनल गेम्स के पिछले दो संस्करणों में केरल का प्रतिनिधित्व किया था क्योंकि वह केरल के थालास्सेरी में SAI केंद्र में प्रशिक्षण ले रही थी। इस बार वह तमिलनाडु का प्रतिनिधित्व करेंगी।

नेशनल गेम्स 2022 में तलवारबाजी प्रतियोगिता 30 सितंबर से गांधीनगर में शुरू होगी।

केरल 2015 में पिछले खेलों के बाद से लंबे अंतराल का जिक्र करते हुए भवानी देवी ने मीडिया से बातचीत में कहा, "मेरे पास सबकुछ था लेकिन मैंने नेशनल गेम्स में तीसरा स्वर्ण जीतने की उम्मीद को छोड़ दिया था।"

"तीन महीने पहले जब मैंने सुना कि गुजरात नेशनल गेम्स की मेजबानी कर रहा है तो मुझे खुशी हुई और मैं रोमांचित हो गई। मुझे लगता है कि पिछले सात वर्षों में भारतीय तलवारबाजी ने एक लंबा सफर तय किया है। इस बार मुकाबला अलग होगा और मैं एक बार फिर से बेहतर प्रदर्शन करना चाहती हूं।"

नेशनल गेम्स 2022 में हिस्सा लेने के लिए भवानी देवी फ्रांस से भारत रवाना होने के लिए तैयार हैं। यह एक ऐसी प्रतियोगिता है जिससे भारतीय तलवारबाज को बेहद लगाव है।

भवानी ने कहा, "नेशनल गेम्स मेरे लिए एक बहुत ही खास प्रतियोगिता है। साल 2011 और 2015 में, मैंने नेशनल गेम्स के अन्य खेलों की प्रतियोगिता भी देखी हैं। यह खेलों का एक अद्भुत उत्सव है। हमें देश के कई शीर्ष एथलीटों के साथ बातचीत करने और एक-दूसरे से प्रेरित होने का मौका मिलता है।"

"मुझे यह उम्मीद नहीं थी कि 2022 में नेशनल गेम्स का आयोजन होगा क्योंकि इस साल राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेल निर्धारित थे। जब एशियाई खेलों को स्थगित कर दिया गया, तो मुझे बताया गया कि इसकी जगह शायद नेशनल गेम्स हो सकते हैं। मैं इसके लिए मानसिक रूप से तैयार थी। मैं और मेरे कोच ने इस प्रतियोगिता की योजना बना ली थी।"

भवानी देवी का इरादा नेशनल गेम्स 2022 में अपनी तकनीक और मानसिक शक्ति को बेहतर बनाने का है। इस प्रतियोगिता के माध्यम से उन्हें अगले साल एशियाई खेलों से पहले खुद का आकलन करने का मौका मिलेगा। 

भवानी ने कहा, "मैं नेशनल गेम्स में प्रतिस्पर्धा करने के बाद यह आकलन करूंगी कि मैं एशियाई खेलों और पेरिस 2024 ओलंपिक क्वालिफिकेशन से पहले कितनी सक्षम हूं। मैं सिर्फ तकनीकी और मानसिक रूप से सुधार पर ध्यान देना चाहती हूं।"

भवानी देवी ने टोक्यो 2020 में हिस्सा लेने के साथ ही इतिहास रच दिया था। वे ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने वाली पहली भारतीय फेंसर बनी थीं। टोक्यो ओलंपिक में भवानी देवी अपना पहला मैच जीतने के बाद फ्रांस की कांस्य-पदक विजेता मानोन ब्रुनेट से हार गई थीं।