पेरिस 2024 ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए 50 किग्रा भार वर्ग में ही प्रतिस्पर्धा जारी रखेंगी भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन
52 किग्रा भार वर्ग में विश्व चैंपियन निकहत जरीन ने राष्ट्रमंडल खेल 2022 में 50 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया।
निकहत जरीन पिछले कुछ महीनों से अपनी बॉक्सिंग फॉर्म के शानदार दौर से गुजर रही हैं। इस दौरान उन्होंने दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए हैं।
भारतीय मुक्केबाज ने मई में तुर्की के इस्तानबुल में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भी उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया। यह राष्ट्रमंडल खेलों में उनका पहला पदक था।
निकहत जरीन ने अपनी शानदार प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए 52 किग्रा (फ्लाईवेट) भार वर्ग में विश्व चैंपियनशिप का स्वर्ण जीता था, जबकि उन्होंने CWG में 50 किग्रा (लाइट फ्लाईवेट) भार वर्ग में जीत हासिल करते हुए गोल्ड मेडल पर कब्जा किया।
दरअसल, बर्मिंघम 2022 में 52 किग्रा वर्ग की कैटेगरी नहीं थी। इसी वजह से निकहत को अपना भार वर्ग बदलना पड़ा। पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों में भी 52 किग्रा कैटेगरी में कोई स्पर्धा नहीं होगी। इस वजह से निकहत जरीन ने 50 किग्रा में ही अपनी प्रतिस्पर्धा को जारी रखने का फैसला किया है।
विश्व चैंपियन के पास दो ही विकल्प थे - या तो ऊपर जाकर 54 किग्रा भार वर्ग में प्रतिस्पर्धा करना या फिर 50 किग्रा तक नीचे जाना। निकहत जरीन ने दूसरे विकल्प को चुना और क्योंकि बर्मिंघम खेलों में इस भार वर्ग में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया है इसलिए वह पेरिस 2024 को ध्यान में रखते हुए 50 किग्रा वर्ग में ही बनी रहना चाहती हैं।
निकहत जरीन ने पीटीआई को बताया, “मैं वजन कम करना और कम भार वर्ग में मुक्केबाजी करना चाहती हूं। इसलिए मैं इस श्रेणी में बनी रहूंगी।”
मुक्केबाज ने समझाया कि यह कदम एक आम आदमी को बहुत छोटा सा प्रयास लग सकता है लेकिन यह इतना आसान नहीं था।
निकहत ने समझाया, “मेरे लिए जीत बहुत महत्वपूर्ण है और यह मुझे एक नई श्रेणी में मिली है। मुझे दो किलोग्राम वजन कम करने के लिए काफी कड़ी मेहनत करनी पड़ी, क्योंकि वजन कम होने के साथ मुझे अपनी गति और शक्ति को कम नहीं होने देना था।”
उन्होंने आगे कहा, “इसमें कोई शक नहीं है कि विश्व चैंपियनशिप जीतने के बाद लोगों को मुझसे बहुत उम्मीदें थीं। कभी-कभी दबाव की स्थिति में रहना अच्छा होता है। मैं रिंग में स्पर्धा के दौरान किसी भी चीज को हल्के में नहीं लेना चाहती हूं। इसलिए मुझे यह एहसास होना चाहिए कि मैं दबाव में हूं और लोग मुझसे पदक की उम्मीद करते हैं। दबाव ही मुझमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की प्रेरणा लाता है।”
निकहत जरीन के पास 50 किग्रा भार वर्ग में पेरिस 2024 ओलंपिक की तैयारी के लिए दो साल हैं। जैसा कि उन्होंने कहा, निश्चित रूप से उनसे देश को काफी उम्मीदें होंगी।