साल 1952 हेलसिंकी ओलंपिक में भाग लेने वाली पूर्व भारतीय मुक्केबाज शक्ति मजूमदार (Sakti Mazumdar) का शुक्रवार को कोलकाता के बालीगंज स्थित उनके घर पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 89 वर्ष की थी।
13 नवंबर 1931 को जन्मीं मजूमदार दो बार की राष्ट्रीय चैंपियन थीं और उन्होंने हेलसिंकी खेलों में फ्लाईवेट वर्ग (51 किग्रा) में भाग लिया था।
हेलसिंकी में, मजूमदार को पहले दौर में वियतनाम के गुयेन वान कुआ के खिलाफ वाकओवर दिया गया था। लेकिन अगले ही दौर में उन्हें 1948 ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता दक्षिण कोरिया के हान सू-एन (Han Soo-ann) से 3-0 से हार का सामना करना पड़ा।
बता दें कि बॉक्सिंग से सन्यास लेने के बाद मजूमदार ने कोचिंग शुरू कर दी थी।
भारतीय बॉक्सिंग के लिए शुक्रवार का दिन बेहद दुखद रहा। द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच और पूर्व प्रशिक्षक ओपी भारद्वाज का भी निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे।
बंगाल एमेच्योर बॉक्सिंग फेडरेशन के अध्यक्ष असित बनर्जी ने शक्ति मजूमदार के निधन पर कहा कि "यह देश की मुक्केबाजी बिरादरी के लिए एक बड़ी क्षति है। वह सबसे उम्रदराज जीवित भारतीय मुक्केबाजी ओलंपियन थे और देश की आजादी के बाद की मुक्केबाजी विरासत में उनका बहुत बड़ा योगदान था।"