पुलेला गोपीचंद: बड़े इवेंट्स में पीवी सिंधु का लगातार अच्छा प्रदर्शन मायने रखता है

पीवी सिंधु ने पिछले सात महीनों में विश्व चैंपियनशिप जीतने के बाद एक भी अंतरराष्ट्रीय खिताब नहीं जीता है।

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पुलेला गोपीचंद की कोचिंग में पीवी सिंधु ने रियो 2016 में रजत पदक जीता।
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भारत के राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद (Pullela Gopichand) का मानना ​​है कि जब तक पीवी सिंधु (PV Sindhu) बड़े टूर्नामेंट्स में प्रदर्शन करती रहेंगी, तब तक चिंता करने की कोई बात नहीं है।

2016 ओलंपिक की रजत पदक विजेता की बड़ी उपलब्धियों में 2019 विश्व चैंपियनशिप से स्वर्ण पदक, 2018 राष्ट्रमंडल खेल और 2016 के दक्षिण एशियाई खेलों के अलावा तीन BWF सुपरसीरीज़ खिताब और एक BWF विश्व टूर खिताब शामिल हैं।

बासेल में आयोजित हुए 2019 विश्व चैंपियनशिप में 24 वर्षीय भारतीय शटलर ने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी, जिसके बाद उन्होंने फ्रेंच ओपन, मलेशिया मास्टर्स और ऑल इंग्लैंड ओपन में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया। जोकि उनके लिए बेहतरीन अभियान साबित हुए।

मैजूदा रैंकिंग में 7वें नंबर पर होने के बावजूद पिछले सात महीनों में पीवी सिंधु ने एक भी अंतरराष्ट्रीय खिताब नहीं जीता है लेकिन कोच पुलेला गोपीचंद इससे चिंतित नहीं हैं।

पुलेला गोपीचंद ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि, "मुझे लगता है कि हर साल की तरह, ये उनके करियर का उतार-चढ़ाव था। लेकिन वो सबसे बड़े टूर्नामेंट में पहुँचीं ये अच्छी बात है।''

पूर्व ऑल इंग्लैंड ओपन चैंपियन ने आगे कहा कि, "इसलिए, मुझे लगता है कि ये फॉर्म हमेशा की तरह रहने वाला फॉर्म नहीं है, वो बड़े टूर्नामेंट्स में अच्छा करती आई हैं, जो वास्तव में मायने रखता है।"

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पीवी सिंधु से आगे की उम्मीद

पीवी सिंधु का आखिरी टूर्नामेंट ऑल इंग्लैंड ओपन था, जहां वो क्वार्टर फाइनल में नोजोमी ओकुहारा (Nazomi Okuhara) से हार गई थीं, जिसके बाद बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) ने कोरोना वायरस (COVID-19) प्रकोप के कारण सभी इवेंट्स को निलंबित कर दिया था।

पुलेला गोपीचंद को उम्मीद है कि देश में चल रहे लॉकडाउन के बाद पीवी सिंधु अपने फॉर्म में लौट आएंगी।

कोच ने कहा, "मुझे लगता है कि हम सिंधु की वापसी के लिए उम्मीद कर सकते हैं ... जिस तरह का अभ्यास हमें मिलता है उसका असर अगले तीन महीनों में दिखेगा।"

टूर्नामेंट को निलंबित करने के साथ, BWF ने रैंक को फ्रीज करने का निर्णय लिया, जिसके अनुसार पीवी सिंधु वर्तमान ओलंपिक क्वालिफिकेशन सीमा में आती हैं। हालांकि, पुलेला गोपीचंद का मानना है कि इससे किसी भी खिलाड़ी को अलग से फायदा नहीं हुआ है।

उन्होंने आगे कहा कि, “आपको वहीं से शुरू करना होगा, जहां से छोड़ा था। ये अंतरराष्ट्रीय निकाय द्वारा एक अच्छा निर्णय है। इससे किसी को फायदा नहीं होगा और न ही किसी को बढ़ावा मिलेगा।”

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